Fake Currency: आपके पास 2,000 रुपये के नोट हैं. तो ये जरूर चेक कर लें कहीं ये नोट जाली तो नहीं. हाल ही में एनसीआरबी ने जो डाटा जारी किया उसके मुताबिक 2021 में जितने जाली नोट सीज किए गए उसमें से 60 फीसदी 2,000 रुपये के नोट थे. आपको बता दें 2016 में 500 और 1000 रुपये पुराने  नोट पर जब नोटबंदी के बाद वापस ले लिया गया जब 2,000 रुपये और 500 रुपये नए नोट जारी किए गए थे. जब सरकार ने कहा था कि नोटबंदी का बड़ा मकसद फेक करेंसी को खत्म करना है.  


एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के मुताबिक 2021 में कुल 20.39 करोड़ रुपये के जाली नोट जब्त किया गया था. जिसमें से 12.18 करोड़ रुपये के बराबर जाली नोट 2000 रुपये वाले थे. यानि कुल जब्त नोटों में 60 फीसदी नोट 2,000 रुपये के थे. एनसीआरबी के मुताबिक जाली नोट का सीजर 2016 के मुकाबले बढ़ा है. 2016 में जहां 15.92 जाली नोट सीज किए गए थे. वहीं 2017 में 28.10 करोड़, 2019 में 17.95 करोड़, 2020 में 92.17 करोड़ रुपये और 2021 में 20.39 करोड़ रुपये के जाली नोट पकड़े गए थे. 


देश में 2,000 रुपये के नोट के सर्कुलेशन में भारी कमी आई है. आरबीआई (RBI) ने साल 2021-22 के लिए अपना सलाना रिपोर्ट ( RBI Annual Report) जारी किया जिसमें आरबीआई ने कहा कि 2020-21 में कुल करेंसी सर्कुलेशन ( Currency In Circulation)  में 2,000 रुपये को नोटों की हिस्सेदारी 17.3 फीसदी थी वो घटकर अब 13.8 फीसदी रह गई है. 


आरबीआई के रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 में 5,47,952 रुपये वैल्यू के 273.98 करोड़  2,000 रुपये के नोट की संख्या सर्कुलेशन में थी जिसकी कुल नोटों की सर्कुलेशन में 22.6 फीसदी हिस्सेदारी थी. वो 2020-21 में घटकर 4,90,195 करोड़ रुपये वैल्यू की रह गई जिसकी संख्या 245.10 करो़ड थी. लेकिन 2021-22 में कुल करेंसी के सर्कुलेशन में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या और कम होकर 214.20 करोड़ रह गया जिसका वैल्यू 4,28,394 करोड़ रुपये है. अब कुल नोटों के सर्कुलेशन में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या 2021-22 में 1.6 फीसदी रह गई है जो 2020-21 में 2 फीसदी और 2019-20 में 2.4 फीसदी था. 


आपको बता दें  31 मार्च 2018  तक 336.3 करोड़ 2,000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में थे जो कुल नोटों के सर्कुलेशन का 3.27 फीसदी और वैल्यू के लिहाज से 37.26 फीसदी था. लेकिन 31 मार्च 2022 के आंकड़ों के मुताबिक 214.20 करोड़ 2,000 के नोट चलन में रह गया है. जो कुल नोटों का 1.6 फीसदी है और वैल्यू के लिहाज से 13.8 फीसदी रह गया है.  


दरअसल दिसंबर 2021 में सरकार ने संसद को बताया कि 2018-19 के बाद से 2,000 रुपये के नोट की प्रिंटिंग के कोई फ्रेश आर्डर नहीं दिये गये हैं. 2,000 के नोट के सर्कुलेशन में कमी के कारण बताते हुये सरकार ने कहा कि 2018-19 के बाद से नोट छापने के कोई फ्रेश आर्डर नहीं दिये गये हैं इसलिये 2,000 के नोटों की संख्या में कमी आई है. साथ ही नोटों के खराब होने चलते भी कई नोट चलने से बाहर हो जातें है जिसके चलते इनकी संख्या घटी है. 


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