Prdhan Mantri Jan Dhan Yojana: प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए कुल 51.11 करोड़ बैंक खातों में से 10.34 करोड़ बैंक खाते इनऑपरेटिव हो चुके हैं जो कि कुल जनधन खातों का 20 फीसदी है. इन 10 करोड़ से ज्यादा इनऑपरेटिव जनधन खातों में बीते 2 साल से ज्यादा समय से कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया गया है. वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने ये जानकारी संसद में दी है. 


20 फीसदी जनधन खाते हैं इनऑपरेटिव 


राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने वित्त मंत्री से पीएम जनधन योजना के तहत खोले गए खातों की जानकारी मांगी जिनके खाताधारकों का कोई अता-पता नहीं है और ये खाते इनऑपरेटिव हो चुके हैं?  इस प्रश्न का जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री ने कहा, बैंकों से मिले डेटा के मुताबित 6 दिसंबर 2023 तक प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए कुल 51.11 करोड़ खातों में 20 फीसदी यानि 10.34 करोड़ इनऑपरेटिव हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में जितनी इनऑपरेटिव बैंक खातें हैं उतनी ही पीसदी इनऑपरेटिव खातों की संख्या पीएम जनधन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों की है. 


12,779 करोड़ हैं इनऑपरेटिव खातों में जमा 


भागवत कराड ने कहा, 6 दिसंबर 2023 तक 10.23 करोड़ कुल इनऑपरेटिव पीएम जनधन खातें हैं जिसमें 4.93 करोड़ बैंक खाते महिलाओं के हैं. उन्होंने बताया कि इनऑपरेटिव जनधन बैंक खातों में 12,779 करोड़ रुपये के करीब रकम जमा है जो कि पीएम जनधन खातों में कुल जमा रकम का 6.12 फीसदी है. वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि इनऑपेरटिव जनधन खातों में जमा रकम पर ब्याज उसी समान दिया जा रहा है जैसे ऑपरेटिव बैंक खातों पर दिया जाता है. और खाताधारक या डिपॉजिटर्स अकाउंट के ऑपेरटिव होने के बाद कभी भी अपने पैसे वापस निकाल सकते हैं. 


7 सालों में इनऑपरेटिव खातों की संख्या में आई कमी 


वित्त राज्यमंत्री ने कहा, बैंक लगातार इनऑपरेटिव अकाउंट की संख्या को घटाने में जुटे हैं और सरकार लगातार इसपर नजर बनाए हुए है. बैंक स्थानीय लेवल पर कैंप लगाकर लोगों को खातों के एक्टिव रखने के फायदे की जानकारी देते रहते हैं. बैंकों के इस प्रयास के चलते इनऑपरेटिव बैंकों खातों की संख्या मार्च 2017 में 40 फीसदी से घटकर 20 फीसदी पर आ चुका है.


PMJDY है मोदी सरकार की पहली योजना  


प्रधानमंत्री जनधन योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है. ये योजना 2014 में मोदी सरकार के गठन होने के बाद की सबसे पहली योजना है.. इस योजना के तहत कुल 51.11 करोड़ बैंक खाते खोले जा चुके हैं जिसमें 208637 करोड़ रुपये जमा हैं. 


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