पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया. नम आंखों से आज उन्हें विदाई दी जा रही है. शाम चार बजे के करीब यमुना किनारे राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. केंद्र सरकार ने वाजपेयी के निधन पर सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, मध्य पदेश, ओडिशा, पंजाब, बिहार, झारखंड, हरियाणा, तेलांगना, तनिलनाडु और कर्नाटक की राज्य सरकारों ने एक दिन की छुट्टी का एलान किया है. इस राज्यों में सरकारी कार्यालय, सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे. इस दौरान सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके (हाफ मास्ट) रहेंगे. रजनी कान्त मिश्र की वो मुलाकात अटल जी नहीं रहे, करीब 30 साल पहले मेरी भी उनसे मुलाकात हुई थी.. मौका लखनऊ में कादंबिनी महोत्सव का था, जिसमें वो हिस्सा लेने वो पहुंचे थे, मैं भी उस कार्यक्रम में पुरस्कार लेने पहुंचा था, मैंने अटल जी को देखा उनपर वहीं बैठे बैठे एक कार्टून बनाया, कार्टून सिर्फ कैरिकेचर नहीं था, रिजर्वेशन आंदोलन जोरों पर था बीजेपी ना तो रिजर्वेशन का विरोध कर रही थी ना समर्थन, जबकि सवर्णों के लिए बीजेपी बड़ी आशा थी, मैंने कार्टून में अटल जी के एक हाथ में मंडल कमीशन और दूसरे में कमंडल पकड़ा दिया, और इस कार्टून को ले जाकर अटल जी के हाथ में पकड़ा दिया, अटल जी ने कार्टून देखा और मेरी शकल देखी, फिर बगल में बैठे कादंबिनी के संपादक राजेंद्र अवस्थी जी को कार्टून दिखाते हुए बोले राजेंद्र जी, क्या मैं ऐसा हूं, मुझे लगा कार्टून की गोल नाक उन्हें अच्छी नहीं लगी होगी, मैने उनसे कहा कार्टून जिसका होता है उसे कब अच्छा लगता है, ये तो दूसरों को अच्छा लगता है.... वो मुस्कुराने लगे और मेरे हाथ से पेन लेकर उसपर लिखा - मैं ! ऐसा !! (अटल बिहारी वाजपेयी) वही कार्टून ऩीचे है, इसी के जरिए आज में उस महान सख्शियत के लिए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)