हम लोग तो बहुत पहले से आश्वस्त थे कि जीत हमारी होगी, क्योंकि मोदी जी के जो कार्य हैं और जिस तरह से उन्होंने अपनी पीठ गरीबों के बीच बनायी है, उससे अब प्रो-इनकम्बेन्सी फैक्टर उभर कर आया है. अगर कोई पार्टी अच्छा काम कर रही है, प्रगति के काम हो रहे हैं, तो जनता उसे डिरेल नहीं करना चाहती, इसलिए हम आश्वस्त थे. तेलंगाना में भी हमने बहुत सुधार किया है और शायद अगली बार हम वहां भी जीत हासिल कर पाएं, क्योंकि वहां के अपने मुद्दे हैं. कांग्रेस को जीत की बधाई, लेकिन हमने तेलंगाना में भी बहुत जबर्दस्त प्रदर्शन किया है. छत्तीसगढ़ में ऐसा लग रहा था कि कांटे की टक्कर होगी, लेकिन वहां भी हम इसलिए इतनी सीटें ला सके, क्योंकि वह ट्राइबल एरिया है. तो, हमने वहां भी पहुंच बनायी है. 


सबसे बड़ी बात ये है कि गरीब जो हैं, आज पीएम मोदी से खुद को जोड़ रहे हैं. सरकार की कल्याणकारी योजनाएं उस तक पहुंच रही हैं. आपने देखा कि किस तरह सरकार ने पांच साल के लिए अनाज वाली योजना बढ़ा दी. यह अपने आप में बहुत बड़ा काम है, इसके अलावा जो गरीबों के लिए योजनाएं चल रही हैं, उसने भी बहुत काम किया है और हम आश्वस्त थे कि जीतेंगे. हम मोदीजी के किए कामों को लेकर आश्वस्त थे और हमारे मुख्यमंत्रियों ने जिस तरह मोदी जी के विजन को कार्यान्वित किया, जैसे शिवराज सिंह जी ने, उससे हमें तनिक भी संदेह नहीं था. हमारे मुख्यमंत्रियों को तो बस यही करना है. हालांकि, कांग्रेस ने हवा बहुत बनायी. राजस्थान में भी, लेकिन लोगों को एक सरकार चाहिए थी जो भ्रष्टाचारी न हो और इसीलिए हम वहां भी आए. 



मोदी की गारंटी 


बहुत बार बहुतेरे नेताओं ने वादे किए जो पूरे नहीं कर पाए. मोदी जी ने जो भी वादे किए, वह पूरे किए. यह उन्होंने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए भी किया. आपको एक वाकया याद दिला दूं, जब कांग्रेस ने वहां लोगों को लुभाने के लिए मकान के वायदे किए और रजिस्ट्रेशन भी करवाने लगे कि वे जैसे ही सत्ता में आएंगे, मकान देंगे. लोगों ने फिर भी कांग्रेस को वोट नहीं दिया. उनकी विश्वसनीयता नहीं है. मोदीजी जो बोलते हैं, वो करते हैं. अगर वह बोलते हैं कि इकोनॉमी 5 ट्रिलियन की होगी, समृद्धि होगी तो वैसा होता है. यह पूरी दुनिया देख रही है. अगर वह शांति की, विकास की बातें करते हैं, आतंकवाद के खिलाफ बोलते हैं, तो बिल्कुल वैसा ही होता है. पहले से ही जो वह विकास का मॉडल बनाते हैं, वह पूरा संदर्भ देखते हुए उसका पायलट प्रोजेक्ट बनाते हैं. जो चीज झारखंड के लिए सही, जरूरी नहीं कि राजस्थान या किसी और राज्य के लिए भी ठीक हो. इसीलिए, मोदी की गारंटी का मतलब है कि उन्होंने जो वादा किया, पूरा किया. विकास होगा ही. 



होगा सकारात्मक असर 2024 पर


लोकसभा चुनाव पर इसका बहुत सकारात्मक असर होगा. कई बार विधानसभा चुनाव में उलटफेर भी हो जाता है, क्योंकि संदर्भ बदल जाते हैं, स्थानीय मुद्दे भी हावी हो जाते हैं. जब लोकसभा की बात आती है, तो उनको पता है, कि वह प्रधानमंत्री चुनने जा रहे हैं. यह आपने देखा होगा कि पिछली बार कई राज्यों में दोनों चुनाव साथ हुए थे. लोगों ने विधानसभा में भले अलग दलों को वोट दिया, लेकिन लोकसभा चुनाव में मोदीजी को ही वोट दिया. राजस्थान, तेलंगाना या मध्यप्रदेश से जो संकेत आ रहे हैं, उससे बहुत सकारात्मक माहौल दिख रहा है और लोग जो हैं, वह मोदीजी के लिए ही वोट करेंगे. हो सकता है हम 400 सीटें जीत जाएं. 


कांग्रेस नहीं कर पाएगी बेहतर प्रदर्शन


दो बातें हैं. कांग्रेस ने बुरा प्रदर्शन किया क्योंकि वह बेहतर कर नहीं पाएगी. भाजपा अच्छा करेगी, क्योंकि जनता जानती है कि चीजें सही दिशा में जा रही हैं, तो वह डिरेल नहीं कर पाएगी. बीजेपी ने एक मॉडल बनाया है, जिसमें विकास प्राथमिक है. आप कोई भी फील्ड देख लें. चाहे सड़क हो, वाटरवेज हो, एयरपोर्ट्स हों, आप कुछ भी देखें और यह चीजें सबके सामने हैं. विकास के जो भी मानदंड आप देखें तो भारत प्रगति पथ पर शानदार तेजी से बढ़ रहा है. कांग्रेस कोई वैकल्पिक मॉडल नहीं दे पायी. राहुल गांधी केवल मोदीजी को, भाजपा को गाली देते हैं, हमारे समाज को बांटने का प्रयास करते हैं. भारत की जनता बहुत समझदार है, इसलिए लोकतंत्र हमारे यहां फलफूल रही है. इसीलिए, कांग्रेस हार रही है औऱ भाजपा जीत रही है. कांग्रेस आत्मचिंतन करे और देश की प्रगति के बारे में बात करे, कोई मॉडल बनाए, ताकि देश की प्रगति हो, राजनीति का स्तर ऊंचा हो, केवल गुस्सा और गालीगलौज नहीं हो. 


प्रधानमंत्री जी विकास का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं. वह जब भी बोलते हैं, देश की प्रगति के बारे में बात करते हैं, देश को सशक्त बनाने की बात करते हैं. वह विकास-पुरुष के तौर पर लोगों के मन में हैं. चाहे मुख्यमंत्री हो, नगरनिगम पालिका का पार्षद हो, वह विकास की ही बात करेगा. मोदीजी मतलब केवल हाड़मांस का पुतला नहीं, वह विकास की एक विचारधारा हैं. तो, वही विचारधारा जो है, वह हरेक जगह दिखनी चाहिए. इसलिए आपको किसी भी चुनाव में मोदीजी का चेहरा ही दिखेगा. एजेंडा ही वही है. मोदी मतलब विकास. भाजपा का वही एजेंडा ही है. इसलिए, आपको हरेक जगह विकास मिलेगा. विपक्ष भले ही आलोचना कर ले, लेकिन क्या वह एक वैकल्पिक चेहरा ला पायी है, जो मोदीजी का मुकाबला कर सके? भाजपा एक अनुशासित पार्टी है. वहां हमेशा कोई न कोई चेहरा रहा है. 


एक समय वाजपेयीजी और आडवाणीजी चेहरा थे. अटलजी विकासपुरुष बनकर उभरे थे, जब उन्होंने नदीजोड़ योजना या फिर स्वर्णिम चतुर्भुज योजना की बात की. राजनीति में महत्वाकांक्षा होती ही है, उसके कारण कभी-कभी लोग दायरा पार कर लेते हैं. हालांकि, आपने देखा होगा कि भाजपा का दायरा जिसने भी पार किया, वह या तो लौटकर पार्टी में आए, या फिर उनकी राजनीति खत्म हो गयी. इसलिए, भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी में कहा जाता है कि आपके जो भी मतभेद हैं, वह सुलझा कर ही आएं. प्रश्न पूछना तो जरूरी है. एक ही आदमी तो हरेक बार सीएम नहीं बन सकता है न. हमारा केंद्रीय नेतृत्व लेकिन इन मसलों को सुलझा लेता है. कांग्रेस के भी कई लोग हमारे यहां आए हैं, वे काफी बढ़िया कर रहे हैं, क्योंकि वे हमारे पार्टी-फोरम पर बात कर सकते हैं, अपना एजेंडा चला सकते हैं, क्योंकि भाजपा का एजेंडा ही विकास है.


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