भारतीय टीम आज राहत की सांस ले सकती है. केपटाउन में तीसरे दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी. जाहिर है 90 ओवर बल्लेबाजी का जा मौका दक्षिण अफ्रीका को मिलता वो नहीं मिला. मैच के इस हालात पर आगे बात करने से पहले अभी तक की स्थिति जान लेते हैं.
दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 286 रन बनाए थे. जिसके जवाब में भारतीय टीम पहली पारी में 209 रन ही जोड़ पाई. इसमें भी हार्दिक पांड्या के 93 रनों का योगदान रहा वरना बाजी पहले ही निपट चुकी होती. दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका ने 2 विकेट के नुकसान पर 65 रन बना लिए हैं.
इस तरह उसे अब 142 रनों की बढ़त हासिल है. फिलहाल क्रीज पर हाशिम अमला और रबादा हैं. अमला 4 रन पर और रबादा 2 रन बना चुके हैं. दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका के दोनों विकेट हार्दिक पांड्या ने लिए. अभी टेस्ट मैच में दो दिन का यानी 180 ओवर का खेल बाकी है. अभी अगले दो दिन भी मौसम में ठंढ रहेगी. लिहाजा जो राहत की सांस लेने का मौका मिला है वो मौसम के भरोसे है.
अगर अगले दो दिन बारिश ने कुछ और ओवरों का खेल बिगाड़ दिया तो भारतीय टीम बच जाएगी वरना उसके लिए इस टेस्ट मैच को बचाना अब भी खासा मुश्किल होने जा रहा है. मैच का पलड़ा अब भी 90 फीसदी दक्षिण अफ्रीका के पाले में ही है. जो 10 फीसदी भारत के पाले में है उसकी चर्चा भी करेंगे लेकिन बिल्कुल अंत में.
बहुत होता है 180 ओवर का खेलदक्षिण अफ्रीका के पास 142 रनों की बढ़त है. उसे 150 रन और चाहिए. मतलब 300 रनों के आस पास के लक्ष्य पर वो भारत को बल्लेबाजी के लिए उतार देंगे. दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 3.9 की रनरेट से रन बनाए थे. ऐसे में उन्हें 150 रनों के आस पास का स्कोर जोडने के लिए 50 ओवर बल्लेबाजी करनी होगी. ड्यूप्लेसी निश्चित तौर पर टेस्ट मैच के चौथे दिन यानी सोमवार को दो सेशन के बाद बल्लेबाजी नहीं करेंगे. भारतीय टीम को चौथे दिन का आखिरी सेशन और पांचवे दिन के पूरे तीनों सेशन खेलने हैं. पहली पारी में भारतीय टीम कुल 73.4 ओवर ही बल्लेबाजी कर पाई थी. जबकि अगर मौसम साथ नहीं देता है तो उसे केपटाउन टेस्ट मैच में करीब 110 ओवर तक क्रीज पर डट कर दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों का सामना करना होगा. पहली पारी में भारतीय बल्लेबाजी जिस तरह लड़खड़ाई और जो गलतियां उन्होंने की उसके बाद दूसरी पारी में वो इस मुश्किल चुनौती का सामना कर पाएंगे, इस बात पर शक है.
जीतना तो सीखाया मैच बचाना सीखाया क्या
विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम ने एक के बाद एक कई रिकॉर्ड्स दर्ज किए हैं. लगातार सीरीज जीतने से लेकर खिलाड़ियों के व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स बीते साल में खूब चमकते रहे. दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर रवाना होने से पहले ही इस बात पर खूब चर्चा हुई थी कि वहां के मुश्किल माहौल में विराट कोहली की टीम का इम्तिहान होगा. महाभारत के अभिमन्यु की तरह टीम इंडिया की स्थिति है, उसे अब मैच बचाना है. कम से कम 100 ओवर तक इस क्रीज पर डटकर खड़े होना है. इस बात को भूलकर कि टेस्ट क्रिकेट की चौथी पारी में बल्लेबाजी करने का दबाव क्या होता है. वो भी तब जब आप विरोधी टीम के घर में खेल रहे हों और पहली पारी में बुरी तरह लड़खड़ाए हों.
पहले तीन बल्लेबाजों में से एक बल्लेबाज का शतक लगना जरूरी है वरना हार्दिक पांड्या बार बार कारनामा नहीं कर सकते. इन स्थितियों से विराट कोहली अपनी टीम इंडिया को कैसे निकालेंगे, ये देखना बहुत दिलचस्प होगा. अब उस 10 फीसदी की बात जिसका जिक्र हमने लेख के शुरू में किया था. इस विकेट पर एक विकेट तो साफ समझ आ गई है कि यहां क्रीज पर खड़े होकर झंडा गाड़ने की बजाए अगर शॉट्स खेले जाएं तो रन बनेंगे. पहली पारी में ड्यूप्लेसी, एबी डीविलियर्स, डीकॉक ने ऐसा ही किया. भारत के लिए हार्दिक पांड्या ने भी ऐसा ही किया. अब अगर भारतीय गेंदबाज अगले 100 रनों के भीतर दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को समेट दें तो लक्ष्य 250 रनों के करीब होगा. तब क्या पता विराट कोहली की टीम कुछ कमाल कर जाए, लेकिन ये संभावना सिर्फ 10 फीसदी है.