दिवाली के इस तोहफे के साथ 'टीम इंडिया' को अपनी कमियां भी तो तलाशनी होंगी?

टीम इंडिया ने टी20 विश्वकप के अपने पहले मैच के अंतिम ओवर में जिस रोमांचक तरीके से पाकिस्तान को हराया है, वह निश्चित ही काबिले तारीफ है. हमारी टीम अपने फैंस को दिवाली का इससे बेहतर तोहफा भला और क्या दे सकती थी, लेकिन इस शानदार जीत ने टीम इंडिया के लिए एक सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या उसे अपनी ओपनिंग जोड़ी में बदलाव करने की जरूरत है? वह इसलिए कि कप्तान रोहित शर्मा और केएल राहुल की सलामी जोड़ी ने एक बार फिर टीम इंडिया को निराश ही किया है. इस मुकाबले में रोहित और राहुल महज 4-4 रन बनाकर आउट हो गए. इससे पहले भी इन दोनों बल्लेबाजों ने पाकिस्तान के खिलाफ कुछ ऐसा ही खराब परफॉर्मेंस दिखाते हुए अपने फैंस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था. चूंकि इस मैच में भी भारत की ओपनिंग जोड़ी 10 रन के भीतर ही पवेलियन लौट गई जिसके चलते मध्यक्रम पर सारा दबाव आ गया. नतीजा ये हुआ कि तेजी से रन बनाने के चक्कर में सूर्यकुमार भी छोटे स्कोर पर ही आउट हो गए.
लिहाजा, अपने लगातार खराब होते प्रदर्शन को देखते हुए टीम इंडिया के कप्तान को बैटिंग करने के अपने क्रम को बदलने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. इससे उनका कद छोटा नहीं हो जाएगा, इसलिए इसे अहंकार का विषय नहीं समझना चाहिए. उलटे हो सकता है कि ये प्रयोग करने के बाद उनका प्रदर्शन पहले से बेहतर साबित होने लगे और वे अपनी टीम को ज्यादा मजबूत स्थिति में ले जाने की हैसियत में आ जाएं. दरअसल, एक बेहतरीन कप्तान की सबसे बड़ी निशानी ये होती है कि वे अपनी टीम के बाकी खिलाड़ियों के प्रदर्शन का आकलन करने के साथ ही खुद अपने खेल का भी ईमानदारी के साथ विश्लेषण करे. टी20 में राहुल पाकिस्तान के खिलाफ अब तक पांच पारी खेल चुके हैं, जिसमें 28 रन ही उनका सबसे बड़ा स्कोर रहा है. जबकि रोहित ने पाकिस्तान के खिलाफ 10 पारियों में 14.25 के औसत से कुल 114 रन बनाए हैं और उनका सबसे बड़ा स्कोर नाबाद 30 रन है, लेकिन इसे एक कप्तान का बेहतरीन प्रदर्शन या महत्वपूर्ण उपलब्धि नहीं कह सकते. हालांकि मेलबर्न में मिली इस इस रोमांचक जीत का श्रेय विराट कोहली के नाबाद 82 रनों के साथ ही शानदार गेंदबाजी करते हुए अर्शदीप सिंह और हार्दिक पांड्या को भी जाता है, जिन्होंने 3-3 विकेट लेकर पाकिस्तान के स्कोर बोर्ड की रफ़्तार को काबू में रखा. ये वो ही अर्शदीप हैं, जिनके हाथ से पिछले मैच में एक कैच छूट जाने के बाद लोगों ने उन पर "खालिस्तानी" होने का लेबल चस्पा कर दिया था.
अर्शदीप ने 4 ओवरों में 32 रन देते हुए तीन विकेट लेकर न सिर्फ अपनी गेंदबाजी की प्रतिभा दिखाई बल्कि ऐसा आरोप लगाने वाले आलोचकों को भी करारा जवाब देकर उनका मुंह बंद कर दिया. कहते हैं कि किसी टीम को हर बार सिर्फ अच्छा खेलने से ही जीत नहीं मिलती. मैच में कुछ ऐसे नाजुक मौके भी आते हैं, जब विरोधी टीम की एक गलती ही आपकी जीत तय कर देती है. कुछ ऐसा ही इस मैच में भी हुआ कि पाकिस्तान को अपनी एक गलती भारी पड़ गई और उसकी झोली में आती हुई जीत भी हार में बदल गई. पाकिस्तान के गेंदबाज मोहम्मद नवाज को आखिरी ओवर में 16 रन का बचाव करना था लेकिन उनकी फेंकी एक नो बॉल ने पूरे मैच को पलटकर रख दिया. विराट कोहली ने इस गेंद पर छक्का लगाकर मैच को भारत की पकड़ में ला दिया. जाहिर है नो बॉल फेंकना और फिर उस पर छक्का जड़ने से नवाज दबाव में आ गए थे और उन्होंने अगली गेंद वाइड गेंद कर दी. फ्री हिट पर उन्होंने विराट को आउट किया, लेकिन इस गेंद पर भी भारत को तीन रन मिल गए. कार्तिक तो पहली गेंद पर आउट हो गए थे लेकिन नवाज ने एक और वाइड गेंद कर पाकिस्तान के जीतने की रही-सही उम्मीद भी खत्म कर दी. आखिरी गेंद में अश्विन ने एक रन लेकर जीत भारत की झोली में डाल दी. इसीलिए पुराने क्रिकेटर मानते हैं कि एक श्रेष्ठ गेंदबाज का असली इम्तिहान मैच का आखिरी ओवर ही होता है,जो हार को जीत में या फिर जीत को हार में बदल देता है!
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