लंबे समय के बाद ऐसा हो रहा है कि टीम इंडिया विराट कोहली के बिना मैदान में उतरने जा रही है. श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के लिए कप्तानी का जिम्मा रोहित शर्मा को दिया गया है. बतौर कप्तान रोहित शर्मा मुंबई इंडियंस को दो-दो बार आईपीएल का खिताब जीता चुके हैं.


हालिया टेस्ट सीरीज में वो शानदार फॉर्म में भी थे. उनकी काबिलियत को लेकर बड़े बड़े दिग्गजों को कभी कोई संदेह नहीं रहा. इन बातों के बावजूद विराट कोहली की गैरमौजूदगी का अहसास तो होगा ही होगा. आपको बता दें कि विराट कोहली ने टेस्ट सीरीज के बाद वनडे से सीरीज से आराम करने का फैसला किया था.

इस बीच फिल्म अभिनेत्री अनुष्का शर्मा से उनकी शादी की चर्चा भी जोरों पर है. खैर, हम लौटते हैं मैदान की बात पर. कप्तानी से अलग बतौर बल्लेबाज विराट कोहली पिछले लंबे समय से जिस फॉर्म में हैं उसे ध्यान में रखते हुए ये कहा जा सकता है कि टीम इंडिया उन्हें बतौर बल्लेबाज ‘मिस’ करेगी. प्रसंग चल रहा है इसलिए आपको ये भी बता दें कि पिछले दस वनडे मैच में विराट कोहली ने 4 शतक लगाए हैं. जबकि एक बार वो नवर्स नाइंटीज का शिकार भी हुए हैं. इस तरह पिछले 10 वनडे मैचों में विराट कोहली ने करीब 700 रन बनाए हैं.

रोहित शर्मा के सामने क्या होंगी चुनौतियां:
श्रीलंका की टीम ने टेस्ट सीरीज के आखिरी मैच में जिस तरह का प्रदर्शन किया है उसको देखकर लगता नहीं कि वनडे सीरीज एकतरफा होने वाली है. कोटला में श्रीलंकाई खिलाड़ियों का ‘कमिटमेंट’ अलग किस्म का था. वनडे सीरीज में निश्चित तौर पर वो बेहतर ‘यूनिट’ के तौर पर मैदान में उतरेंगे.

ऐसे में रोहित शर्मा के सामने इस बात की चुनौती होगी कि वो श्रीलंका के खिलाफ लगातार चले आ रहे अच्छे रिकॉर्ड्स को कैसे कायम रखते हैं. वनडे मैचों की रफ्तार इतनी तेज हो चुकी है कि गेंदबाजों का ‘रोटेशन’ बहुत चालाकी भरा काम होता जा रहा है. विराट कोहली इस काम में पारंगत हो चुके हैं. यहां पर रोहित शर्मा को इस बात का थोड़ा फायदा मिलेगा कि वो आईपीएल में बतौर कप्तान इस तरह के फैसले जल्दी-जल्दी लेने की आदत डाल चुके हैं.

स्पिन गेंदबाजों को संभालना भी होगा कठिन:
श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले दो मैच धर्मशाला और मोहाली में खेले जाने हैं. ये दोनों ही सर्द जगह है. ठंढ वाली जगहों पर मैदान और पिच का मिजाज भारत की परंपरागत पिचों से थोड़ा अलग रहता है. इसका सीधा मतलब ये है कि पिच से स्पिन गेंदबाजों को उस तरह की मदद नहीं मिलती है जिसकी वो अपेक्षा करते हैं.


ऐसे में रोहित शर्मा के लिए स्पिन गेंदबाजों को संभालना, उनका सही चयन करना और उनके मनोबल को बनाए रखना एक चुनौती होगा. भूलना नहीं चाहिए कि वनडे क्रिकेट में हालिया कामयाबियों में यजुवेंद्र चहल और अक्षर पटेल का खासा रोल रहा है, ऐसे में अगर ये दोनों गेंदबाज थोड़े से भी बेरंग होते हैं तो मुश्किलें बढ़ जाएंगी.

कहीं दूर की कौड़ी ना बन जाए रोहित शर्मा की कप्तानी:
अभी इस बात की चर्चा दूर दूर तक नहीं है लेकिन इसकी संभावना पर विचार जरूर किया जा सकता है. भारत में जरूरत से ज्यादा क्रिकेट की बात कोई नई नहीं है. भारतीय टीम बहुत ज्यादा क्रिकेट खेलती है. ऐसे में कहीं ऐसा ना हो कि इस तरह की ‘मेकशिफ्ट’ कप्तानी रोहित शर्मा के लिए आने वाले समय में कोई बड़ा रोल तलाश दे. उम्र के लिहाज से देखा जाए तो अभी रोहित शर्मा 30 के ही तो हैं.

इस बात का जिक्र हम पहले भी कर चुके हैं कि रोहित शर्मा की कप्तानी में मुंबई इंडियंस ने दो बार इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब जीता है. श्रीलंका के खिलाफ अगर रोहित शर्मा शानदार कप्तानी करते हैं तो उनकी साख में इजाफा होगा.

आखिरी बात! रोहित शर्मा को इस बात का भरपूर ध्यान रखना होगा कि विराट कोहली ने कप्तानी संभालने के बाद भी अपनी बल्लेबाजी पर फर्क नहीं पड़ने दिया. वो वैसे ही धुंआधार रफ्तार से रन बनाते रहे जिसके लिए वो जाने जाते थे. रोहित शर्मा के लिए ये भी एक कसौटी है.