'बोलो राम भजन सुखदाई, जपो रे मेरे भाई जीवन दो दिन का,
शिव जी का भजन सुखदाई, जपो री मेरी माई जीवन दो दिन का.'


यह भजन सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वायरल हो भी क्यों न, आखिर इसे गाने वाला कोई आम आदमी नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश का सीएम है. जी हां, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह भजन तेजी से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. इस भजन को सीएम ने भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन पर पंडाल में बैठे 500 से ज्यादा बुजुर्गों के सामने सुनाया है. दरअसल, उन्होंने ये भजन कोरोना के बाद तीर्थदर्शन योजना की रीलॉन्चिंग के दौरान सुनाया.


अलग अंदाज में समझाते दिखे सीएम


रेलवे प्लेटफॉर्म पर बनारस जाने के लिए सजी-धजी रेल गाड़ी तैयार खड़ी थी और प्लेटफॉर्म के बाहर तीर्थ पर जाने वाले यात्रियों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपने अलग अंदाज में समझा रहे थे. वह कह रहे थे, 'सुनो भैया लोग.. देखो अब तीर्थों पर जा रहे हो तो घर गृहस्थी की चिंता यही छोड़ कर जाना नहीं तो रास्ते में सोचो मुन्ना का मुन्ना कैसे रह रहा होगा. घर की गैया को कौन खाना पानी दे रहा होगा... और हां तीर्थ से लौट कर एक दो कामों के संकल्प जरूर ले लेना.' उन्होंने लोगों को संकल्प भी बताए. सीएम ने कहा कि, पहला संकल्प तीज त्योहार के मौकों पर गांव में पौधा लगाना और दूसरा संकल्प नशाबंदी के लिए लोगों को प्रेरित करना... ठीक है आई बात समझ में तो चलो अब जाने से पहले भजन हो जाए. ये कहकर वह भजन गाने लगे.




खूब चला नाचने-गाने का दौर


प्लेटफॉर्म के अंदर बाहर कुछ लोग भगवा रंगा का धोती कुर्ता पहन कर मुंह पर शिवराज सिंह के चेहरे का मास्क पहन कंधे पर कांवड़ रखकर आज के युग के श्रवण कुमार बने हुए नजर आ रहे थे, वो श्रवण कुमार जो त्रेतायुग में अपने पिता शांतनु और माता ज्ञानवती को कांवड़ पर रखकर तीर्थ कराने निकले थे. लोग और पार्टी कार्यकर्ता वहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को श्रवणकुमार बता रहे थे. भक्ति के माहौल में भजनों के साथ प्लेटफॉर्म पर नाच-गाने का दौर खूब चला. वन मंत्री विजय शाह कमर में ढोल बांध कर जमकर नाचे.




सहजता से सब कर रहे थे शिवराज


उधर पंडाल में भाषण के बाद तीर्थ यात्रा पर जाने कुछ बुजुर्गों को शिवराज सिंह ने सांकेतिक तौर पर सम्मान करने बुलाया. बस फिर क्या था सारे फोटोग्राफर तैयार कि आज के दिन कहानी के फोटो तो यहीं से बनने थे. बुजुर्ग महिला आती तो शिवराज सिंह शॉल श्रीफल देते. जब तक वो कुछ समझतीं मुख्यमंत्री जी झट से पैर छूकर प्रणाम करते और तब फिर बारी आती उस सम्मान ग्रहण करने वाली अम्मा की जो शिवराज के कभी सिर पर हाथ फेर कर तो कभी सीने से लगाकर दुलार करती. ऐसा दुलार पाकर शिवराज मुस्कुराते और उधर कैमरे का हर क्लिक पहले से बेहतर फोटो देता जा रहा था. शिवराज जितनी सहजता से ये सब कर रहे थे तो उनके मंत्रिमंडल के साथी थोड़ी हिचक और झिझक के साथ इस काम में हाथ जैसा बंटा रहे थे.




कैमरामैन के लिए बड़ी चुनौती


भाषण भजन सम्मान के बाद के बाद बारी आती है गाड़ी में सवार होने की. तो जैसे ही यात्री गाड़ी में अपनी अपनी सीटों पर बैठते हैं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह फिर प्लेटफॉर्म पर आते हैं. साथ में आगे पीछे कैमरे, माइक, मीडिया और सुरक्षाकर्मियों की भारी भीड़. मुख्यमंत्री का प्रण था कि वो हर डिब्बे में जाएंगे और प्रत्येक जाने वालों को माला पहनाकर विदा करेंगे. किसी इवेंट में ऐसे लगातार एक के बाद एक्शन कैद करना टीवी रिपोर्टर और कैमरामैन के लिए बड़ी चुनौती होती है.




हर डिब्बे में जाने की कोशिश


 रेल का संकरा सा डिब्बा, उसमें प्रवेश करते सीएम फिर उनके सुरक्षाकर्मी और कैमरे वाले.... कुल मिलाकर अजीब सी हालत हो गई थी. टीवी रिपोर्टर को अपने वॉकथ्रू करने थे तो कैमरामैन को उस संकरे डिब्बे में ही शिवराज को दिखाते हुए बेहतर विजुअल्स बनाने थे. डिब्बे के अंदर कहीं कैमरामैन ऊपर और किनारे की बर्थ पर हाथ में कैमरा और पीठ पर बैक पैक टांग कर सवार थे, तो उनके रिपोर्टर तीर्थयात्रियों के बीच में माइक लेकर यात्रियों के परिजन सरीखे बनकर बैठे हुए थे कि शिवराज आएंगे और एक-दो सवाल के जवाब हो जाएंगे तो कहने को रहेगा कि, मुख्यमंत्री ने फलां चैनल से खास बातचीत में कहा. 


यात्रियों की खुशी का ठिकाना नहीं


वहीं मुख्यमंत्री तो अपनी धुन में थे उनको कई डिब्बों मे जाना था और सभी से मिलना था. इस तेजी में कहीं रिपोर्टर के सवाल हो रहे थे तो कहीं नहीं हो पा रहे थे. लेकिन इस भागदौड़ धक्का-मुक्की की हालत में भी डिब्बे में बैठे बनारस जाने वाले यात्रियों की खुशियों का ठिकाना नहीं था. खुशी से सब गदगद थे कि कभी सोचा नहीं था कि इस धूमधाम के साथ काशी विश्वनाथ के दर्शन को जाएंगे कि मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल और मीडिया विदाई देने खड़ा होगा.


जाते-जाते शिवराज की जय


अब बारी आती है तीर्थ यात्रा को जाने वाली गाड़ी को झंडी दिखाकर विदा करने की, तो यहां भी मीडिया के फोटोग्राफर और कैमरामैन इंजन के सामने पटरी पर खड़े होकर विजुअल्स बनाने में मस्त थे.. बिना इस बात की परवाह किए कि गाड़ी उसी पटरी पर चलनी है जिसके कुछ मीटर की दूरी पर वो खड़े थे. कैमरामैन हटें तो गाड़ी चले.. क्योंकि शिवराज जी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा हरी झंडी तो बड़ी देर से दिखा ही रहे थे. खैर थोड़ी देर बाद मीडिया के साथियों की समझ में आया तो वो पटरी से हटेंगे तो गाड़ी चलेगी. चलती गाड़ी में अंदर किसी डिब्बे से आवाज आई, बोलो बाबा विश्वनाथ की जय... और अपने भैया शिवराज की भी जय.


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