विराट कोहली के लिए इस सीजन में वापसी के अभी करीब दर्जन भर मौके और आएंगे. ये भी तय है कि वो उन मौकों का फायदा उठाने में चूकेंगे नहीं. फिर भी विराट कोहली के प्रशंसकों को एक डर सता रहा है.


ये डर अब तक खेले गए दो मैचों में विराट कोहली के आउट होने के तरीके से पैदा हुआ है. दरअसल विराट कोहली अब तक खेले गए दोनों मैचों में बोल्ड हो गए.

कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ पार्टटाइम स्पिनर नीतिश राना ने उन्हें 31 रन के स्कोर पर बोल्ड कर दिया. इसके बाद किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ मैच में उन्हें मुजीब-उर-रहमान ने बोल्ड किया. विराट कोहली का स्कोर 21 रन था. कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ बैंगलोर को हार का सामना करना पड़ा था जबकि किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ बैंगलोर की टीम जीत गई थी.

20 ओवर के मैच में 31 और 21 रन का स्कोर इतना बुरा भी नहीं है लेकिन बुरा है विराट कोहली के आउट होने का तरीका. जिस बल्लेबाज के पास दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज की पदवी हो उसका बोल्ड होना खटकता है. आप किसी भी बड़े बल्लेबाज से पूछें उसे बोल्ड होने से कितनी चिढ़ होती है. खिलाड़ी का बोल्ड होना ये बताता है कि उनका ‘बॉल-सेंस’ यानी गेंद को पढ़ने की क्षमता गलत हुई है. वो गेंद की लाइन को ‘मिस’ कर रहा है. कुछ ऐसा ही अब तक खेले गए दोनों मैचों में विराट कोहली के साथ हुआ है.

कैसे हुई विराट से बोल्ड होने की गलती  
कोलकाता के खिलाफ मैच में नीतीश राना ने विराट कोहली का मिडिल स्टंप बिखेर दिया था. राना ने फुललेंथ की गेंद फेंकी थी जो बिल्कुल उनके पैर पर थी. कोहली डिफेंस करने से चूके और अपना विकेट गंवा बैठे. दूसरे मैच में 17 साल के स्पिनर मुजीब-उर-रहमान ने विराट कोहली को बोल्ड किया. मुजीब की गुगली को समझने में विराट कोहली पूरी तरह नाकाम रहे. उन्हें मुजीब का ‘वेरिएशन’ बिल्कुल समझ ही नहीं आया. ऑफस्टंप के बाहर टप्पा खाने के बाद गेंद तेजी से अंदर आई और विराट कोहली के बल्ले को छकाते हुए गिल्लियां बिखेर गई.

इन दोनों मैचों में आउट होने के बाद ये सवाल उठना लाजिमी है कि क्या विराट कोहली क्रीज पर उतने सजग नहीं हैं जितने वो रहते हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि ये उन लंबी छुट्टियों का असर है जो विराट कोहली ने मैदान से ली थीं. आपको याद ही होगा कि हाल ही में श्रीलंका में खेली गई टी-20 ट्राएंगुलर सीरीज में विराट कोहली ने बोर्ड से आराम मांगा था. उनकी जगह रोहित शर्मा ने टीम की कमान संभाली थी. दरअसल, क्रिकेट के खेल में अच्छी बल्लेबाजी का सीधा राज गेंद को पढ़ने की क्षमता पर टिका है.

विराट कोहली फिलहाल वही बॉल-सेंस मिस कर रहे हैं. जिस गेंद पर वो छक्का मार सकते थे उसी गेंद पर वो बोल्ड हो रहे हैं. इस परेशानी का इलाज हर कामयाब बल्लेबाज को पता होता है. उसे पता है कि नेट्स में पसीना बहाकर ही इस मुसीबत से छुटकारा पाया जा सकता है. विराट कोहली कुछ ऐसा ही करने वाले हैं.

क्या अपना ही रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे विराट कोहली
विराट कोहली को यूं ही विश्व का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज नहीं कहा जाता है. 2016 में इसी टूर्नामेंट में वो तहलका मचा चुके हैं. विराट कोहली ने 2016 के सीजन में 4 शतक लगाए थे. उन्होंने 2016 में 16 मैचों में 973 रन बनाए थे. उनका औसत 81 रनों से ज्यादा का था. स्ट्राइक रेट 152 से ज्यादा का था. ये जानना भी दिलचस्प है कि 2016 से पहले विराट कोहली ने आईपीएल के किसी भी सीजन में कोई भी शतक नहीं लगाया था. 2016 में उन्होंने एक ही सीजन में चार शतक जड़ दिए थे.

2017 के सीजन में शुरूआती मैचों में वो मैदान में नहीं उतरे थे. ये आंकड़े इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि विराट कोहली का जो दबदबा टेस्ट या वनडे क्रिकेट में है वही जलवा टी-20 फॉर्मेट में भी है. विराट कोहली के सामने अपने इसी रिकॉर्ड को छूने या इसे तोड़ने की चुनौती है.

विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को आज राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैदान में उतरना भी है. आज उनकी टीम के अलावा दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों को इस बात का इंतजार रहेगा कि विराट कोहली किस अंदाज में बल्लेबाजी करते हैं. खास तौर पर विराट कोहली के फैंस तो ये दुआ करेंगे कि विराट कोहली आउट भले ही हो जाएं लेकिन बस बोल्ड ना हों.