आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने पाक अधिकृत कश्मीर (POK) और कैलाश मानसरोवर को भारत का ही हिस्सा बताते हुए फिर एक नई बहस छेड़ दी है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि पाक अधिकृत कश्मीर का भारत में शामिल होना तो तय है. इस बात को लेकर भ्रम में रहने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही कैलाश मानसरोवर भी हमारा ही है. उनके इस बयान का बड़ा सियासी मायना तो यही निकलता है कि ऐसे वक्त में जब पाकिस्तान में राजनीतिक उथलपुथल मची हुई है. क्या भारत POK को अपने नियंत्रण में लेने की कोई तैयारी कर रहा है? हालांकि सरकार के किसी मंत्री या बीजेपी के किसी नेता की तरफ से फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं आया है, लेकिन माना जाता है कि इस सरकार में वही होता है, जो संघ कहता है.
सरकार की नीतियां तय करने में भी उसकी भूमिका अहम होती है, इसलिये सरकार के हर महत्वपूर्ण फैसला लेने की जानकारी भी पार्टी नेताओं से पहले संघ के दो-तीन बड़े पदाधिकारियों को ही रहती है. उस लिहाज से इंद्रेश कुमार के इस बयान को हल्के में लेकर दरकिनार नहीं किया जा सकता. इसीलिये ये कयास लगाया जा रहा है कि POK को लेकर सरकार में कुछ पक रहा है,जो जल्द ही सामने आ सकता है. गौरतलब है कि अगले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं,तो क्या ये माना जाये कि उससे पहले POK को लेकर सरकार कोई बड़ा फैसला लेने वाली है?
दरअसल,इंद्रेश कुमार के जम्मू-कश्मीर के ताजा दौरे को भी किसी बड़ी तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है.वे शनिवार को जम्मू में थे जहां उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की और जम्मू कश्मीर के साथ ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में भी पुख्ता जानकारी ली. सिन्हा से मुलाकात करने के बाद इंद्रेश कुमार ने प्रेस वार्ता भी की जिसमें POK और कैलाश मानसरोवर का मुद्दा उठाया.आमतौर पर संघ के पदाधिकारी मीडिया से रुबरु होने से बचते हैं लेकिन इंद्रेश कुमार ही इकलौते ऐसे वरिष्ठ प्रचारक हैं, जो हर मुद्दे पर संघ की राय को बेबाकी से मीडिया के आगे रखते हैं. इसलिये अपनी प्रेस-वार्ता में उनके द्वारा उठाये गये इन दोनों मुद्दे के ही गहरे अर्थ हैं. उन्होंने ये भी कहा कहा कि कैलाश मानसरोवर भारत का है और उसे भारत का ही होना चाहिए क्योंकि देश में मुख्य तौर पर यही धारणा है. मीडिया के जरिये देश के लोगों से अनुरोध करते हुए उन्होंने ये भी कहा, "मैं आम जनता से अपील करता हूं कि वह रोजाना यह प्रार्थना करें कि पीओके और कैलाश मानसरोवर भारत में मिल जाएं. चीन पर निशाना साधने से भी वे नहीं चूके और कहा कि उसने ही कोविड (Covid) नाम का वायरस बनाया जिसने दुनिया में 8 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली."
बता दें कि इंद्रेश कुमार संघ की मुस्लिम शाखा राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संरक्षक भी हैं.लेकिन कुछ मुद्दों पर एक तरफ़ जहां वे मुस्लिम धर्म गुरुओं पर निशाना साधते हैं,तो वहीं ये जताना भी नहीं भूलते कि साम्प्रदायिक सद्भाव व भाईचारा बढ़ाने में उनका विश्वास है.शायद यही वजह है कि दिवाली से एक दिन पहले वे दिल्ली की हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह जा पहुंचे थे,जहां उन्होंने सूफ़ी-संतों की दरगाह पर फूल व चादर चढाने के साथ ही मिट्टी के दीये भी जलाए थे.तब उन्होंने कहा था कि संघ देश में शांति और समृद्धि का आव्हान करता है और दीयों की ये रोशनी शान्ति, समृद्धि के साथ साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश देती है, लेकिन इससे पहले इंद्रेश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर मुस्लिम धर्मगुरुओं पर जमकर निशाना साधा था.उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पर सभी को मिलकर काम करना होगा. अगर ऐसा नहीं किया गया तो आपराधिक घटनाएं बढ़ेंगी. इससे आम जनता को दो-चार होना पड़ेगा. इसलिए इसे धर्म के चश्मे से नहीं देखना चाहिए. बल्कि इसकी रोकथाम के लिए एकजुट होना होगा. उनके मुताबिक जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने विरोध करते हुए इसे अल्लाह की रहमत बताई है, तो फिर वो किसी महिला के साथ दुष्कर्म को भी क्या अल्लाह की रहमत बताएंगे?
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