पूरी दुनिया में दहशत की दुकान के तौर पर स्थापित हो चुके पाकिस्तान के अंदर चल रहे आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना ने एक साल में दूसरी बार बड़ी कार्रवाई की। रविवार को सेना ने गुलाम कश्मीर में चल रहे आतंकवादी कैंपों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए करीब दस आतंकियों और इतने ही पाकिस्तानी सेना के जवानों को मार गिराया।


पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ सेना के इस एक्शन को 8 महीनों में भारत की दूसरी बड़ी कार्रवाई के तौर पर देखा जा सकता है, लेकिन इस कार्रवाई की बड़ी बात ये है कि भारत ने बिना सीमा पार किये ही ना सिर्फ पाकिस्तान में पल रहे दहशतगर्दों बल्कि उसकी पोषक पाकिस्तान सेना को ऐसी करारी चोट दी है, जिसे वो शायद लंबे वक्त तक याद रखे।


राजनीति से लेकर कूटनीति और प्रॉक्सी वॉर यानि छद्म युद्ध हो या आमने-सामने का टकराव, हर मोर्चे पर भारत से मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान ने मानों कभी ना सुधरने की कसम खा रखी है। यही वजह है कि भारतीय सेना अब पाकिस्तान के अंदर ही उसके खिलाफ लगातार सीधी कार्रवाई करने लगी है।


-18 सितंबर 2016 को उरी में सेना के कैंप पर आतंकी हमले के 10 दिन बाद 28 सितंबर 2016 को सेना ने पीओके में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी
-इसके बाद इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी अटैक के 12 दिन बाद एयरफोर्स ने 26 फरवरी को पाकिस्तानी सीमा में घुसकर आतंकी अड्डों पर कार्रवाई की थी
और रविवार 20 अक्टूबर को एक बार सेना ने ऑर्टिलरी अटैक करके पीओके में आतंकियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया


पाकिस्तान की हरकतों के खिलाफ भारतीय सेना की हर कार्रवाई में निशाना सिर्फ आतंकवाद पर रहा है। पाकिस्तानी सेना को उसकी गोलाबारी का जवाब देना हो या फिर एलओसी पर घुसपैठ की ताक में बैठे आतंकियों का सफाया हो। भारत ने वहां की अवाम को निशाना बनाए बिना पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया है।


पाकिस्तान सिर्फ सरहद पर ही नहीं बल्कि आतंकवाद के मुद्दे पर भी दुनियाभर में घिर चुका है। आतंकियों को पालना अब पाकिस्तान को भारी पड़ने लगा है। अब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ पाकिस्तान पर शिकंजा कसता जा रहा है। एफएटीएफ ने अपनी सूची में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकाला है और अब उस पर ब्लैक लिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, इस बार चीन, तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान को बचा लिया। लेकिन फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देश पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई के पक्ष में हैं। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 4 महीने की मोहलत और दे दी है।