उत्तर प्रदेश के सियासी मैदान में शह और मात का खेल इस समय अपने चरम पर है. विपक्ष आरोपों की डाल पर सवार होकर बीजेपी को बेहाल करने में जुटा है तो वहीं सत्ताधारी बीजेपी भी हर नहले पर दहला मारने में नहीं चूक रही है. एक तरफ जहां विपक्ष के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार और संगठन की मजबूती के जरिए चुनावी चक्रव्यूह को मजबूत करने की कोशिशें भी जारी हैं. 


इसी सियासी लड़ाई हो बुलंद करने के लिए बीजेपी को 2 बड़े प्लान जमीन पर उतारे जा रहे हैं. यही हम आपको राज की बात में आज बताने जा रहे हैं. राज की बात ये है कि बीजेपी का प्लान नंबर 1 तो ये है कि प्रदेश के लगभग 2 करोड़ लाभार्थियों से बीजेपी सीधासंपर्क साधेगी और उन्हें वोट में तब्दील करने की कोशिश करेगी. ये लाभार्थी किसान सम्मान निधि वाले किसान भी हैं, उज्जवला योजनावाली महिलाएं भी हैं, जनधन योजना से जुड़े लोग भी है और आयुष्मान योजना का लाभ लेने वाले मरीज भी. 


इन सभी लोगों तक पहुंचकर पार्टी ये बताने की कोशिश करेगी कि जो सुविधा मिली है वो बीजेपी की जनहित की नीतियों से मिली है, आपने दूसरा मौका दिया तो आगे कुछ और भी सहूलियतें मिलने का रास्ता मजबूत किया जाएगा.पार्टी के तमाम प्रकोष्ठों और पदाधिकारियों को सीधे हर लाभार्थी से मिलना है. एक लाभार्थी से तीन स्तरों पर मुलाक़ात कर उन्हें भरोसे के लिए मनाने की कोशिश होगी. 


यूपी चुनाव की वैतरणी को पार करने के लिए बीजेपी की दूसरी प्लानिंग बड़े संवेदनशील मामले पर है. दरअसल देश के चुनावी इतिहास में ऐसा कई बार देखा गया है जब कोई पार्टी औरों से नहीं बल्कि अपनों की बगावत से ही हार गई. बीजेपी में भी ऐसे नाराज लोगों की कमी नहीं है जो अलग अलग कारणों से खुद को अलग थलग का अपमानित महसूस कर रहे हैं.....बस ऐसे ही लोगों को बगावत की पटरी से उतारकर बुलंदी का साथी बनाने का प्लान तैयार किया गया है.


राज की बात ये है कि पार्टी से रूठे लोगों को मनाने के लिए जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक का प्लान तैयार किया गया है. प्लान के मुताबिक सबसे पहले जिला स्तर पर काम कर रहे अच्छे कार्यकर्ता और पदाधिकारी ऐसे लोगों को मनाने की कोशिश करेंगे जो पार्टी के लिए अच्छा काम करते रहे हैं और आगे भी कर सकते हैं. जरूरत पड़ी तो जिला स्तर के पदाधिकारी उनकी बात राज्य के नेतृत्व से भी बात कराएंगे और उन्हें मनाया जाएगा. रूठों को मनाने के इस सिलसिले में राज की बात ये भी है कि जो पदाधिकारी या कार्यकर्ता दल के लिए महत्वपूर्ण हैं और नहीं मान रहे....ऐसे लोगों को जेपी नड्डा अमित शाह या राजनाथ सिंह भी बात करेंगे.....ताकि उनकी भड़ास निकल जाए और उनके गुस्से को शांत किया जा सके.


कुल मिलाकर बीजेपी की कोशिश ये है कि जिन्हें योजनाओं का फायदा मिला है उन्हें उस फायदे की अहमियत समझाकर बीजेपी का वोटर बनाया जाए......और जो अपने नाराज होकर बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकते हैं उन्हें वोट काटने वालों का समर्थन करने से रोकाजाए. इस पहल से वोट बढ़ेंगे औऱ बगावत की वजह से वोट करने की आशंका शून्य हो जाएगी.अब देखने वाली बात होगी कि बीजेपी का ये प्लान जमीन पर कितने सटीक तौर पर उतर पाता है.


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