बहावलपुर, पाकिस्तान
अगस्त-सितंबर 2018
लाहौर से करीब अस्सी किलोमीटर के फासले पर बहावलपुर.. पाकिस्तान का 12वां बड़ा शहर.. इसी शहर में एनएच-5 पर सरकी चौक नाम की एक जगह है..यहां से कुछ मिनट पैदल चलने पर एक सफेद मस्जिद नजर आती है.. इस मस्जिद का नाम जामिया सुभानअल्लाह है... यही मस्जिद जैश का मुख्यालय और मौलाना मसूद अजहर की मांद है..मसूद की इसी मांद में एक खौफनाक साजिश को आकार दिया जा रहा था. 


 जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने कश्मीर में बड़े हमले की प्लानिंग कर ली थी..और इस साजिश को अमजी जामा पहनाने के लिए चुना पुलवामा के ही रहने वाले आदिल अहमद उर्फ वकास को. 


आदिल अहमद डार उर्फ वकास नौजवान आतंकी था, ऐसे में उसके बारे में जानकारी काफी कम थी...आदिल अहमद डार की गिनती ग्रेड C लेवल के आतंकवादियों में होती थी. 20 साल का आदिल 2016 में एक आतंकी के मारे जाने के बाद सेना के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने लगा था. एक बार वह घायल हो गया, जिसके बाद उसके इरादे खूंखार हो उठे थे. मसूद अजहर के हैंडलर आदिल का पूरी तरह ब्रेनवॉश कर उसे फिदायीन बना चुके थे..इसी बीच 8 फरवरी को खुफिय़ा एजेंसिय़ों के हाथ लगे इनपुट से सुरक्षा बलों को अलर्ट रहने को कह दिया गया था. बर्फबारी की वजह से जम्मू-श्रीनगर हाईवे करीब एक हफ्ते बंद था.. 14 फरवरी तक बर्फबारी का दौर कुछ हद तक कम हो चुका था..लिहाजा जम्मू में रुके सीआरपीएफ के काफिले को रवाना किया गया. 


14 फरवरी 2019
वक्त- दोपहर करीब 2.15 बजे


श्रीनगर की तरफ बढ़ रहा सीआरपीएफ का काफिला दोपहर करीब सवा दो बजे काजीगुंड पहुंचा.यहां 14 गाड़ियां रुकीं और दो बसे खराब होने की वजह से इन बसों में से 23 जवानों को दूसरी बसों में ट्रासफर किया गया..यहीं 78 मेंसे 16 गाड़ियां रुकी हुईं थी.. सके बाद काफिले में 16 बुलेटप्रूफ गाड़ियां भी शामिल हो गईं थीं.


हमले के लिए काफी ज्यादा रेकी की गई थी..हमले के लिए इसी लेकपुरा की जगह को इसलिए चुना गया क्योंकि यहां पर हल्की चढ़ाई है.. साथ ही एक मोड़ भी है.. जिस वजह से गाड़ियों की रफ्तार थोड़ी धीमी हो जाती है.


 
14 फरवरी, 2019
पुलवामा, जम्मू-कश्मीर
वक्त- दोपहर करीब 3 बजे 


जम्मू से पुलवामा का फासला करीब डेढ़ सौ किलोमीटर है..करीब तीन घंटे में जम्मू से चला सीआरपीएफ की 78 बसों का काफिला पुलवामा पहुंच चुका था. दोपहर सवा तीन बजे जब काफिला श्रीनगर से सिर्फ 27 किलोमीटर दूर शेकपुरा पहुंचा ..तब माइल स्टोन दो सौ इकहत्तर के पास आदिल ने विस्फोटक से भरी कार को काफिले में पांचवें नंबर की बस से टकरा दिया. 



मसूद के प्यादे आदिल ने साढ़े तीन सौ किलो बारूद से भरी कार बस से भिड़ा दी थी, धमाका इतना जोरदार था कि दो बसों में से एक के परखच्चे उड़ गए थे. धमाके की आवाज 10 किलोमीटर तक सुनाई दी थी. जम्मू कश्मीर में कई दशकों के बाद सुरक्षा बलों पर हुआ सबसे बड़ा हमला था..हमला इतना जोरदार था कि सीआरपीएफ की बस के परखच्चे उड़ने के साथ ही इस इलाके में कई गाडियां चकनाचूर हो गईं थी


हमले वाली जगह पर अफरा-तफरी और भ्रम का माहौल था..दूर-दूर तक सिर्फ धुआं दिख रहा था.. काफिले के जवान अपनी बसों से बाहर आए.. लेकिन उन्हें वापस बसों में जाने के लिए कह दिया गया. 


पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जवानों को नजदीक के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था..लेकिन मौके पर ही बड़ी संख्या में जवान शहीद हो गए थे


पुलवामा से आई तस्वीरों ने देश को झकझोर दिया था.. देश के चालीस जाबांजों की शहादत से हर तरफ आक्रोश की आग सुलग उठी थी..देश हर हाल में पाकिस्तान से पुलवामा का बदला मांग रहा था.


देश के कोने-कोने में पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हो  रहे थे..हर तबके में आक्रोश की आग सुलग रही थी..शहीदों के पार्थिव शरीर देखकर गुस्सा कई गुना भडक चुका था..पाकिस्तान में छिपे पुलवामा के पापियों को हर हाल में सजा देने का फैसला कर लिया गया. 


एक रैली में पीएम नरेंद्र मोदी ने कह दिया था कि वो (आतंकी) बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं.  पुलवामा के गुनहगारों को कब्रिस्तान पहुंचाने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट दे दी गई थी..सबसे पहले घाटी में छिपे मसूद के पिट्ठुओं को ठिकाने लगाया गया.


कश्मीर के बाद अब बारी पाकिस्तान में बैठे जहरीले अजगरों को कब्रिस्तान भेजने की थी..हमले के तार सीधे-सीधे पाकिस्तान से जुड़ रहे थे.. लेकिन पाकिस्तान ने मानने से इनकार कर दिया.  पाकिस्तान हीला-हवाली और बहानेबाजी के बाद देश के जांबाजों ने एक बार पिर पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मारने का फैसला कर लिया गया.


26 फरवरी 2019


मंगलवार.. 26 फरवरी 2019.. यही तारीख थी.. जब कश्मीर से लेकर पीओके तक का इलाका हिंदुस्तान के जाबांजों की परवाज से गूंज उठा..तड़केे तीन बजे मिराज-2000 विमान LoC पार कर बालाकोट पहुंचे.. और फिर मसूद के संपोलो के बिलों को उन्हीं की कब्र में तब्दील कर दिया..बालाकोट में हुई एयरस्ट्राइक में तीन सौ से ज्यादा आतंकी मार गिराए गए.


सुबह होने पर पाकिस्तान के होश फाख्ता हो चुके थे.. आतंकी मुल्क के हुक्मरानों को अंदाजा तक नही था कि हिंद की फौज पाकिस्तान में कई किलोमीटर तक घुसकर मसूद के संपोलों के सिर पर बारूद बरसाएगी.