बिहार का साईड इफेक्ट अब उत्तर प्रदेश में दिखने लगा है. जैसे जैसे चुनाव की तारीख करीब आ रही है, सब अपने-अपने असली रंग में आने लगे हैं. यही तो राजनीति का रंग है. सोमवार को दिल्ली में मुलायम सिंह यादव और लालू यादव मिले. पहले भी मिलते रहे है. रिश्तेदारी भी है. लेकिन इस मिलन से ठीक एक दिन पहले जब लालू वृन्दावन में थे, उन्होंने राहुल गांधी को जोकर कह दिया था.

कांग्रेस उपाध्यक्ष तब यूपी में खाट से लेकर हाट तक चुनावी चर्चा में जुटे थे. लालू ने इतनी बड़ी बात मजाक में नहीं कही है. उन्होंने यूपी के आगे की सियासत की तरफ इशारा किया है. जिसका असर बिहार पर पड़ना तय है.

अब जब बात निकली है तो फिर दूर तलक जाएगी. समाजवादी पार्टी के एक बड़े नेता बोले "लालू यादव जी हमारे लिए इस बार प्रचार करेंगे. ख़ास तौर से बिहार से सटे यूपी के इलाकों में. इससे मुस्लिम वोट का बंटवारा नहीं होगा". उधर राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस इन दिनों प्रशांत किशोर के दिमाग से चल रही है. नारे से लेकर वादे तक सब पीके और उनकी टीम तय कर रही है.

राहुल को भी भी बिहार के सीएम नितीश कुमार पसंद है और प्रशांत इन दोनों के बीच की कड़ी हैं. माना जा रहा है कांग्रेस और जेडीयू यूपी में मिलकर चुनाव लड़ेगी. ऐसा हुआ तो फिर बिहार में साथ  रहने वाले लालू और नीतीश के यूपी में अलग-अलग रास्ते होंगे.

क्या ये महज एक संयोग है. जब लालू यादव ने राहुल को जोकर कहा ? ठीक उसी दिन अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने भी एक दुसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.  राहुल बोले "सपा की साइकिल पंचर हो गयी है" तो अखिलेश बोले "वे मेरी बात समझ नहीं पाए, उन्हें हमारा काम नहीं दिखता है’’ वैसे इससे पहले तक दोनों एक दूसरे को 'अच्छा लड़का' बता रहे थे.

नीतीश और लालू दोनों ही अब बिहार के बाद यूपी में भी बीजेपी को रोकना चाहते है. लेकिन दोनों के साथी अलग है और रास्ते भी. इसी बहाने लालू यादव अपने समधी मुलायम सिंह से पुराना हिसाब भी ख़त्म कर लेना चाहते है. जनता दल के जमाने में मुलायम के पीएम बनने की राह में लालू ने रोड़ा डाल दिया था. इस दर्द को मुलायम कई बार बयान कर चुके हैं. नीतीश की नज़र दिल्ली पर है और राहुल गांधी उनके लिए सबसे बड़े मददगार हो सकते हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो बिहार का है. अब तक ' हम साथ साथ है' वाले कहीं ये तो ना कहने लगेंगे 'हम आपके है कौन' ?