अमेरिका के डेलावेयर यूनिवर्सिटी में इस्लामिक स्टडीज प्रोग्राम के डायरेक्टर प्रोफेसर मुक्तदर खान ने ये दावा किया है कि संकट में चौतरफा घिरे पाकिस्तान के लिए साल 2023 बेहद अहम साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि वहां कई ऐसे संकट हैं, जिससे वह टुकड़ों में बंट सकता है. भारत भी पाकिस्तान से लड़ाई लड़कर पीओके को अपने साथ मिला सकता है. लेकिन मेरा ये मानना है कि दुनिया भर में एक बात स्पष्ट होती जा रही है कि पाकिस्तान जिस जमीन पर खड़ा है, वो जमीन पाकिस्तान के आलाकमान के नीचे से खिसकती जा रही है.


पाकिस्तान के इस हालत के लिए वहां की पॉलिटिकल लिडरशिप और मिलिट्री लीडरशिप जिम्मेदार है. इन दोनों ने मिलकर पिछले 75 साल से जिस तरीके से पाकिस्तान को चलाया है, उसकी नतीजा ये है कि आज पाकिस्तान एक ऐसा देश बन गया है, जिसके दुनियाभर में मजाक उड़ाया जा रहा है.



अपने आप ही हो सकते हैं टुकड़े?


खुद इमरान खान ने माना है कि पाकिस्तान के खुद-ब-खुद टुकड़े हो सकते हैं, इसमें भारत को कुछ भी करने की जरूरत नहीं है. मुझे नहीं लगता है कि भारत की इसमें कोई दिलचस्पी होगी कि वे कुछ करें और उसके बाद पाकिस्तान के टुकड़े हो जाए. क्योंकि इसके बाद भारत के लिए खुद वो समस्या पैदा हो सकती है, क्योंकि उसे इस पूरे मामले को हैंडल करना पड़ेगा.


अंग्रेजी में एक कहावत है कि अगर आप किसी चीज को तोड़ते हैं तो फिर आपकी ही उसके रख-रखाव की जिम्मेदारी बन जाती है कि उसको कैसे वापस खड़ा करें. इसलिए मुझे नहीं लगता है कि भारत ऐसा कुछ चाहेगा. लेकिन पाकिस्तान के अंदर अदरुनी इतनी समस्याएं बढ़ गई हैं कि हम देख रहे हैं कि बलूचिस्तान का संघर्ष चल रहा है. वहां पर खुद ही लोग परेशान हैं. कई ऐसे धड़ें है जो पाकिस्तान से अलग होना चाहते हैं.


भारत की विदेश नीति में हाशिए पर पाकिस्तान 


पाकिस्तान के सामने जो मूलभूत समस्याएं खड़ी हुई हैं. पहले जिन्हें लोग हल्के-फुल्के में ले लेते थे, आज वो समस्या ऐसी बन गई है कि जो राजनेता है या फिर जो लोग पाकिस्तान की समझ रखते हैं, वे इस बारे में साफतौर पर विचार रख रहे हैं.


जहां तक भारत की प्रायरिटी की बात है तो वे पहले अपने हितों को साधेगा. वह अपने विकास पर ध्यान देगा. पिछले कुछ सालों में जिस तरह पाकिस्तान को अपनी विदेश नीति में उसे हाशिए पर धकेल दिया है, ये मुझे लगता है कि भारत की सफलतापूर्ण रणनीति रही है. और इसी रणनीति पर भारत आगे भी लड़ेगा.


आज दुनियाभर में लोग पाकिस्तान के वजूद पर सवाल उठा रहे हैं. इसलिए भारत को और कुछ करने की जरूरत नहीं है. पाकिस्तान के सामने बड़ी समस्या ये है कि वहां की लीडरशिप  आज भी लोगों की समस्याओं को नहीं समझ पा रही है. इसलिए इस मुल्क का भविष्य अंधकार में है और इस देश को तोड़ने के लिए भारत को कुछ भी करने की जरूरत नहीं है.


[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]