बजट 2025 को लेकर लोगों को इस बार बहुत उम्मीद थी. ऐसे में जरूर ये बात सही है कि निर्मला सीतारमण के अब तक के जितने भी बजट रहे हैं, उनसे इस बार का बजट कहीं ज्यादा बेहतर रहा. इसमें खास कर वेतनभोगियों, एमएसएमई का जहां एक तरफ खास खयाल रखा गया, वहीं मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के ग्रोथ के लिए भी सोचा गया है.
इन सारी चीजों के बावजूद अगर आप कहीं न हीं देखे तो ये बिहार और दिल्ली के वेतनभोगी जो लोग हैं उनके लिए खास कर यह बजट है, क्योंकि दोनों जगहों पर चुनाव है. चुनाव में उनको क्या फ़ायदा होगा और उस हिसाब से वो कैसे वोटिंग करेंगे, ये बजट शायद उसका दिशा-निर्देश कर सकता है.
बिहार के लिए बजट में अगर गौर करें तो पाएंदगे कि मिथिलांचल के लिए मखाना बोर्ड समेत विशेष चीजों का एलान, पटना में IIT के लिए खास ग्रीन फील्ड. इसके अलावा बिहार के 2 खास एयरपोर्ट बिहटा और पटना को ब्राउन फील्ड एयरपोर्ट की तरह डेवलप किया जाना, ये सारी चीजें तो पाएंगे कि बिहार की और भी कई चीजों का खास ख्याल रखा गया है.
बढ़ेगी गांवों में कनेक्टिविटी
इसी तरह टैक्स में भी राहत दी गई है. लोगों को इनकम टैक्स में सीधी राहत मिली है. इससे पहले के बजट में सात लाख तक की आय में राहत थी, इससे भी पहले चार से तीन लाख तक का बेस होता था और 7 लाख तक की इनकम होती थी उसपर टैक्स नहीं लगता था. पहले लोगों को 7 लाख तक की कमाई पर आयकर में छूट थी, जिसकी सीमा अब बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है. इसके अलावा 17 हजार स्टैंडर्ड डिडक्शन है, यानी 12 लाख 75 हजार पर कोई टैक्स नहीं देना है.
ये अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिए बेहतर रहेगा, क्योंकि इससे लोगों की क्रयशक्ति बढ़ेगी और पूरे बाजार में इससे अच्छा संकेत जाएगा. साथ ही, कृषि क्षेत्र पर काफी दबाव बना हुआ है. ऐसे में जिस तरह से किसान क्रेडिट कार्ड पर अभी तक 3 लाख तक का लोन मिलता था, उसे अब बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दिया गया, ये किसानों के लिए बड़ी राहत है.
इसके अलावा, कृषि विजन में किसानों की आय बढ़ाने के साथ लोगों को ज्यादा से ज्यादा फायदा करने के लिए एक इनोवेटिव काम किया गया है. जबकि, भारतीय डाक विभाग के पास कुरियर बढ़ने की वजह से जो काम कम हुआ है, ऐसे में किसानों के लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी किया गया है, इंडियन पोस्टल बैंक और इसके पूरे विभाग का, तो ऐसे में गांव-गांव तक कनेक्टिविटी का काम इंडिया पोस्टल बैंक करेगी.
फुटवियर-खिलौने में नए रोजगार
बजट में 60 हजार करोड़ के एलान से खाद्य प्रसंस्करण और खाद्य निर्यात क्षेत्र को फायदा मिलेगा, खाद्य निर्यात को बढ़ाने के लिए अब पूरा ध्यान दिया जाएगा. इसके अलावा, खाद्य तेल, दलहन और कपास की खेती और उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है,. जो पांच या छह साल का मिशन है. इससे खेती में किसानों को फायदा होने की उम्मीद है.
अभी तक हम तिलहन और दलहन दोनों का ही आयात करते हैं. अब ये आयात न करके ऐसी कोशिश है कि अगले पांच या छह साल में ऐसे स्वावलंबी हो जाएं कि हम खाद्य तेल और खाद्यान्न से लेकर बाकी उन दलहनों का, जिन्हें हम आयात करते हैं, उसे निर्यात कर पाएं. अगर ऐसा होता है तो जीडीपी इजाफा होने की उम्मीद रहेगी.
अगर फुटवियर और खिलौना सेक्टर की बात करें तो खिलौने का नेशनल हब बनाने की कोशिश की जा रही है. हमारे जूते या तो विदेशों से बनकर के आते हैं या फिर भारत में ही विदेशी कंपनियां बना रही हैं. अब कोशिश ये है कि फुटवियर मिशन बनाकर जूतों का भी निर्माण किया जा रहा है. इससे खिलौने और जूतों के सेक्टर को मिलकर अलग-अलग तरीके के करीब 22 लाख नए रोजगार पैदा होंगे.
इन सारी चीजों को देखने पर आप ये पाएंगे कि ओवर ऑल ग्रोथ के ऊपर फोकस किया गया. साथ ही स्टार्टअप्स पर भी ध्यान दिया गया है. मैन्युफैक्चरिंग दबाव काफी ज्यादा है. 10 हजार नए स्टार्टअप्स बनेंगे, वो भी मैन्युफैक्चरिंग ही करेंगे. ऐसे में फुटवियर सेक्टर हो, टॉय सेक्टर हो या फिर अलग-अलग स्टार्टअप्स हो... ये सभी अर्थव्यवस्था को एक नई गति देंगे.
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