वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बहुत ही प्रगतिशील बजट पेश किया है. इनकम टैक्स में राहत देने से भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. साथ ही, विभिन्न क्षेत्रों में जिस तरह की राहत दी गई है उसका भी काफी फायदा मिलेगा. इस बजट का तत्काल असर ये होगा कि भारतीय निवेश के लिए विदेश जैसे दुबई और अन्य देशों की तरफ रुख कर रहे थे, उसमें कमी आएगी. इससे किसानों को भी प्रोत्साहन मिला है.

दूसरा इस बजट की एक और बड़ी बात ये है कि 12 लाख की आय को टैक्स फ्री रखा गया है. इसको दो तरह से समझा जा सकता है. सबसे ज्यादा टैक्सपेयर्स मध्यम वर्ग से जुड़े लोग हैं. ऐसे में कर देनेवालों की संख्या कम हो जाएगी. जबकि उनको टैक्स में राहत मिलेगी तो ये टैक्स में बचे हुए पैसे निवेश और नौकरी की तरफ लगेंगे. 12 लाख से ऊपर वालों को भी 15 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स देना पड़ेगा, जो पहले 20 प्रतिशत हुआ करता था. यानी ये उन लोगों को भी राहत है.

बजट करेगा एस्टरॉयड की तरह काम

इकोनॉमी में यह बजे एस्टेरॉइड की तरह का काम करेगा. जीडीपी की रफ्तार धीमी हो गई थी और इसको जोर मिलने की जरूरत थी ऐसे में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में जरूर ताकत मिलेगी. इसके अलावा, अन्य सेक्टर पर भी जोर देखने को मिल रहा है, जैसे- बिजली, खनन, लौह, इस्पात और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र. 

एक और बात जो विशेष देखने को मिली वो ये कि निर्मला सीतारमण बजट वाले दिन मधुबनी पेंटिंग्स वाली साड़ी पहनकर आयी थी. इस परिधान में निर्मला सीतारमण को देखकर बिहार और मिथिला क्षेत्र के लोगों को जरूर काफी खुशी मिली होगी. उन्होंने वहां के आर्ट को सम्मान दिया. बिहार को भी औद्योगिक लाभ होगा. 

किसानों को बड़ा तोहफा 

यह बजट देश कि अर्थव्यवस्था में GDP को बूस्ट करने का काम करेगा. देश कि अर्थव्यवस्था के ग्रोथ रेट में बल मिलेगा. कैपिटल गेंन टैक्स में भी छूट कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने किसान को बड़ा तोफाह दे दिया जिसमें कि किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जगह अब 5 लाख रुपये कर दिया है. इससे किसानों को निवेश के लिए खाद-बीज के रुप में जो पैसे चाहिए था, उसमें उन्हें राहत मिलेगी.

मध्यवर्ग एक तरह से लोकतंत्र की रीढ़ है, सबसे बड़ा उपभोक्ता वर्ग भी यही है. मध्यम वर्ग टैक्स-जीएसटी देता है. औद्योगिक उत्पादन, फैशन उत्पादन इन सभी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल यही मध्यवर्ग के लोग करते हैं. उसमें जो टैक्स है, वो भी मध्यवर्ग चुकाता है. ऐसे में मध्यम वर्ग को राहत मिलने पर ये वर्ग समृद्धि की तरफ आगे बढ़ेगा. बचत होगी तो इससे मांग भी बढ़ेगी. GDP विकास दर धीमी हो रही थी वह तेजी से बढ़ेगी. भारत में जनतंत्र की सफलता में मध्यम वर्ग का बड़ा हाथ है.

इकॉनोमी में मिडिल क्लास की बड़ी भूमिका

उच्च वर्ग की देश में संख्या मुश्किल 5% से 10%, के बीच है. जबकि बाकी निम्न आय ग्रुप, गरीबी रेखा वाले है या उससे थोड़ा ऊपर है, वह उस तरह कि चीजों के उपभोक्ता नहीं होते हैं. वे कम से कम ही चीजों को उपभोग करते हैं. न्यूनतम आवश्यकता के अनुसार ही निर्भर है, जिसमें- रोटी, कपड़ा और मकान है. लेकिन बड़े पैमाने पर खपत की जहां तक बात है, जिससे उद्योग और उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, वे मध्यम वर्ग ही हैं. 

मध्यम वर्ग देश की आत्मा होता है. इसमें टीचिंग कम्युनिटी से लेकर व्हाइट कॉलर जॉब तक शामिल है. गांवों के अंदर बड़ी संख्या में टीचर्स हैं. मध्यम वर्ग में लोअर मिडिल क्लास भी शामिल है. इसके अलावा, स्टार्टअप की ऋण सीमा और ब्याज में राहत भी सरकार का प्रगतिशील कदम है. इससे जरूर स्टार्ट अप को बूस्ट अप मिलेगा.

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