MBA Chaiwala: हर गली चौराहे और नुक्कड़ पर मिलने वाली चाय से कोई करोड़ों रुपये कमा सकता है, इस पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन एमबीए करने का सपना देखने वाले प्रफुल्ल बिल्लौर ने इसे सच साबित कर दिया. प्रफुल्ल को अब पूरे देशभर में एमबीए (मिस्टर बिल्लौर अहमबादाबाद) चायवाला के नाम से जाना जाता है. इनकी कहानी काफी दिलचस्प है, जिसके चलते सोशल मीडिया पर लोग इन्हें काफी फॉलो करते हैं. आज इस एमबीए चायवाले का करोड़ों में टर्नओवर है और विदेश में भी इनकी फ्रेंचाइजी खुल रही है. एमबीए चायवाले प्रफुल्ल बिल्लौर ने खुद ABPLive.com पर अपने पूरे सफर और इस सक्सेस के पीछे का मंत्रा बताया है. पढ़िए उनकी पूरी कहानी उन्हीं की जुबानी...



जिंदगी का मतलब होता है कर्म... कर्म को अपनाना है और शर्म को छोड़ना है. भारत की संस्कृति भी यही कहती है. भगवान कृष्ण ने भी कहा है कि कर्म करो क्योंकि कर्म ही पूजा है. कर्म को मैं सफलता मानता हूं और सफलता को ही कर्म मानता हूं. सफलता कोई ऐसी मंजिल नहीं है कि पहुंच गए तो आगे क्या... ये एक जर्नी है जिसे आपको जीना होगा, फिर चाहे संघर्ष हो या ना हो, लोग पूछे ना पूछें, पैसा मिले ना मिले, प्रसिद्धि मिले ना मिले... आपको कर्म के सिद्धांत पर ही चलना है. 


सफलता के लिए क्या रखें अप्रोच
एमबीए चायवाला की सफलता की बात करूं तो मैंने ठेले से इसे चालू किया आज पूरे देशभर में है. हमारे और भी बिजनेस चल रहे हैं, शुरू चाय से हुआ लेकिन खत्म कहां जाकर होगा ये पता नहीं है. हम लोग बहुत सारी ऊंचाइयों तक पहुंच रहे हैं. ये मानना पड़ेगा कि हमें आता कम है लेकिन हमें दुनिया से पूछना पड़ेगा, घूमना पड़ेगा. एक पॉजिटिव अप्रोच रखना होगा, ये नहीं कह सकते हैं कि इंडिया में कोई मौके नहीं हैं. यहां काफी सारे मौके हैं और बहुत सारी चीजें हैं. हिंदुस्तान में सफलता का मतलब है कि आप पैसे भी कमाएं, मेंटल और फिजिकल डेवलेपमेंट भी करें. शर्म को बिल्कुल छोड़ दें और समाज के सभी लोगों को साथ में बताएं कि आप कैसे सफल हो सकते हैं.


हमें सफलता के लिए मस्ती छोड़नी होगी, गाड़ियों को उछालने का मजा, शराब के मजे, शादियों में नाचने के मजे... युवा अपना समय और पूरी ऊर्जा इन चीजों पर वेस्ट कर देता है. जहां से कोई भी रिटर्न नहीं मिलता है. हमें समय का सदुपयोग करना होगा, हमारे देश में बड़ा तबका है जो डिबेट में जीतकर खुश हो जाता है. वो उसे अपने लिए मेडल समझता है. कभी-कभी छोटी लड़ाई हारनी होती हैं बड़ी जीत के लिए... कभी वो लड़ाई लड़नी ही नहीं होती हैं. 


एंटरप्रेन्योर्स को मिले सम्मान 
पैसे की अगर बात करें तो हमें ये देखना होगा कि आज दुनिया में जीतने के पैरामीटर बदल गए हैं. हमें पूंजीपतियों को गाली देना बंद करना होगा. जितनी इज्जत नेताओं और बॉलीवुड स्टार्स को मिलती है, उतनी इज्जत और प्यार एंटरप्रेन्योर्स को क्यों नहीं मिलती है. लोग उनके साथ सेल्फियां क्यों नहीं लेते हैं. ये एक नई चीज हो सकती है, जहां से इंडिया की ग्रोथ दिखेगी. मुझे लगता है कि सफलता यही है कि आप अपना ध्यान रखें, अपने परिवार का ध्यान रखें, सभी टैक्स भरें और समाज के विकास में मदद करें. 


अगर आप टैक्स भरते हैं और सरकार के खजाने में कुछ डाल रहे हैं तो आपको सवाल पूछने का अधिकार होता है. सरकार का जितना खजाना बढ़ेगा उतना ही विकास होगा. फिलहाल सरकार ठीक काम कर रही है.