भारतीय टीम के कोच की खोज चल रही है. अनिल कुंबले, वीरेंद्र सहवाग, टॉम मूडी, रिचर्ड पाइबस, लालचंद राजपूत और डोडा गणेश इसके दावेदार हैं. इन दावेदारों की किस्मत के फैसले में सचिन तेंडुलकर, अनिल कुंबले और वीवीएस लक्ष्मण का रोल बहुत अहम रहेगा.


चौंकाने वाली बात ये है कि इन दावेदारों में से एक खिलाड़ी ऐसा है जिसने करीब 14 साल पहले सचिन तेंडुलकर के खिलाफ एक बड़ी साजिश की थी. ये साजिश इतनी गंभीर थी कि जब सचिन को उसका पता चला तो वो पूरी रात सो तक नहीं पाए थे. अब जब सचिन के हाथ में उस दावेदार की किस्मत बंद है तो सचिन उस वाकए को भूले नहीं होंगे. इस दावेदार का नाम है रिचर्ड पाइबस. जो 14 साल पहले 2003 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कोच थे. ये वाकया 2003 विश्व कप का है.

सौजन्य: AFP

2003 विश्व कप में हुई थी सचिन के खिलाफ साजिश
इस साजिश के पीछे रिचर्ड पाइबस का ही रोल था.  पाइबस उस वक्त पाकिस्तान की टीम के कोच थे. 1 मार्च 2003 को भारत और पाकिस्तान के बीच दक्षिण अफ्रीका के सेंचुरियन मैदान में हाई प्रोफाइल मैच खेला जाना था. पाकिस्तान की परेशानी ये थी कि वर्ल्ड कप में उसे कभी भी भारत के खिलाफ जीत नहीं मिली थी. ऐसे में रिचर्ड पाइबस बड़े परेशान थे. उन्हें एक साजिश सूझी. उन्होंने अपनी टीम के तेज गेंदबाजों वसीम अकरम, वकार यूनिस और शोएब अख्तर से अपना ‘प्लान’ साझा किया.

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ये तीनों ही तेज गेंदबाज उस वक्त अपनी खतरनाक रफ्तार के लिए जाने जाते थे. रिचर्ड पाइबस ने मैच से पहले टीम मीटिंग में अपने तेज गेंदबाजों को कहा कि अगर वो सचिन तेंडुलकर को जल्दी आउट कर देंगे तो मैच उनकी झोली में आ जाएगा. इसके लिए रिचर्ड पाइबस ने वसीम, वकार और शोएब से कहाकि वो सचिन तेंडुलकर को सिर्फ उनकी छाती पर गेंद फेंके. पाइबस के शब्द थे कि सचिन की ‘रिब्स’ पर अटैक करना है. तीनों गेंदबाज भी जानते थे कि अगर उन्होंने सचिन को जल्दी आउट कर दिया तो मैच पर पकड़ मजबूत हो जाएगी.

सचिन ने कैसे फेल किया था प्लान
इस साजिश के बारे में सचिन तेंडुलकर को पता चल गया. मैच के पहले वाली रात वो सो तक नहीं पाए. उन्होंने पूरी रात इस बात की तैयारी में बीता दी कि अगली सुबह वो मैदान में क्या करेंगे? उन्हें इस बात का अंदाजा अच्छी तरह था कि वसीम अकरम, वकार यूनिस और शोएब अख्तर कितने खतरनाक गेंदबाज हैं. राहत की बात ये है कि सचिन उस विश्व कप में जबरदस्त फॉर्म में चल रहे थे.

पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. सईद अनवर के शानदार शतक की बदौलत पाकिस्तान ने भारत को 274 रनों का लक्ष्य दिया. विश्व कप के इतने बड़े मैच में ये एक बेहद चुनौती भरा स्कोर था. जवाब में सचिन सहवाग की जोड़ी बल्लेबाजी करने उतरी. दोनों बल्लेबाजों ने खुलकर हाथ दिखाए. पांच ओवर तक टीम का स्कोर पचास के करीब पहुंच गया था. तभी सहवाग आउट हो गए.

सचिन पर गेंदबाजों का हमला लगातार जारी था. कंधे के इस्तेमाल से पिच पर पटकी हुई गेंदों की उछाल से सचिन का लगातार ‘टेस्ट’ लिया जा रहा था. इसके बाद आई वो गेंद जो शोएब अख्तर ने फेंकी और जिसे सचिन ने प्वाइंट पर छक्के के लिए मारा. हल्के से पंजों के बल खड़े होकर लगाए गए इस शॉट ने सबको हैरान कर दिया. विश्व क्रिकेट के ऐतिहासिक छक्के में आज भी इसे याद रखा जाता है.

यहीं से पाकिस्तान के गेंदबाजों का मनोबल गिरना शुरू हुआ. इसके बाद तो सचिन तेंडुलकर ने ‘अटैक इस द बेस्ट डिफेंस’ की रणनीति अपना ली. उन्होंने सिर्फ 75 गेंद पर 98 रन बनाए. टीम का स्कोर जब 177 रन था तब वो आउट हुए. अपने शतक से सिर्फ 2 रन पहले लेकिन तब तक वो टीम की जीत पक्की कर चुके थे. इसके बाद की जिम्मेदारी युवराज सिंह और राहुल द्रविड़ ने निभाई.

आखिर में भारत ने पाकिस्तान को 26 गेंद पहले ही 6 विकेट से हरा दिया. विश्व कप में भारत को हराने का सपना एक बार फिर अधूरा रह गया. पाकिस्तान का वो सपना अब तक अधूरा है. आखिर में फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार के बाद भारत को रनर अप बनकर संतोष करना पड़ा. सचिन ने 2003 विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाए थे. उन्होंने 11 मैचों में 673 रन बनाए थे. इसमें 1 शतक और 6 अर्धशतक शामिल है.