निवार को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने सनराइजर्स हैदराबाद को हरा दिया. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के सामने 176 रनों का लक्ष्य था. जिसे उसने 19.2 ओवर में पूरा कर लिया. आरसीबी की शुरूआत बहुत खराब हुई थी. स्कोरबोर्ड पर 20 रन ही जुड़े थे जब पार्थिव पटेल, विराट कोहली और एबी डीविलियर्स पवेलियन लौट चुके थे. लेकिन पूरे सीजन में अपनी फ़ॉर्म से जूझ रहे शिमरॉन हेटमेयर ने हैदराबाद का काम खराब कर दिया. उन्होंने 47 गेंद पर 75 रन बनाकर टीम को वापस पटरी पर ला दिया. जिसके बाद गुरकीरत सिंह ने निचले मध्यक्रम के बल्लेबाजों के साथ मिलकर टीम को जीत दिला दी.



इस हार में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए बड़ा सबक छिपा हुआ है. सनराइजर्स हैदराबाद ने पिछले पांच मैचों में से चार मैच गंवा दिए. जिसकी एक बड़ी वजह बनी डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयरस्टो की गैरमौजूदगी. विश्व कप 2019 की तैयारियों के मद्देनजर ये दोनों खिलाड़ी अपनी अपनी टीमों के कैंप में चले गए थे. हैदराबाद की टीम शुरूआती लीग मैचों में इन्हीं दोनों बल्लेबाजों के दम पर जीत रही थी. कप्तान के तौर पर केन विलियम्सन इस बात का आंकलन नहीं कर पाए कि इन दोनों बल्लेबाजों के योगदान को अगर हटा दिया जाए तो उनकी टीम कैसा प्रदर्शन कर रही थी. जीत के रास्ते पर चलते समय जिन गलतियों को सुधारना होता है उन गलतियों पर टीम ने ध्यान ही नहीं दिया. नतीजा अब सामने है.

वॉर्नर और बेयरस्टो के जाते ही निकला दम
डेविड वॉर्नर इस सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की फेहरिस्त में नंबर एक पर हैं. और जॉनी बेयरस्टो आठवें नंबर पर. वॉर्नर ने इस सीजन में     12 मैचों में 692 रन बनाए. बेयरस्टो ने 10 मैचों में 445 रन बनाए. इन दोनों बल्लेबाजों को छोड़ दें तो हैदराबाद का कोई और बल्लेबाज टॉप 20 बल्लेबाजों की लिस्ट में भी नहीं आता. इन दोनों बल्लेबाजों के बाद जिस बल्लेबाज ने कुछ अच्छी पारियां खेलीं वो हैं मनीष पांडे. इसके बाद केन विलियम्सन, विजय शंकर और यूसुफ पठान जैसे खिलाड़ियों ने निराश ही किया.

गेंदबाजी में भी सनराइजर्स हैदराबाद का सिक्का नहीं चला. पिछले सीजन के चैंपियन गेंदबाज राशिद खान इस बार कई मैचों में बेरंग दिखाई दिए. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ खेले गए मैच में भी उन्होंने 4 ओवर में 44 रन लुटाए. जो हार की बड़ी वजह बना. राजस्थान के खिलाफ सीजन के दूसरे मैच में मैन ऑफ द मैच का खिताब लेकर राशिद खान ने शुरूआत अच्छी की थी लेकिन बाद में ‘रिदम’ बनी नहीं रह पाई. खलील अहमद ने सीजन में 17 विकेट जरूर लिए लेकिन उन्हें विकेट के दूसरे छोर से जैसा साथ मिलना चाहिए था वो नहीं मिला. कुल मिलाकर कहानी ये हुई कि मैदान में खिलाड़ी तो 11 उतरे लेकिन जीत हार की कहानी तीन-चार खिलाड़ियों के इर्द गिर्द ही घूमती रही.

6 जीत में 4 बार वॉर्नर और बेयरस्टो बने हीरो
सीजन के तीसरे मैच में हैदराबाद ने आरसीबी को हराया था. उस मैच में बेयरस्टो और वॉर्नर दोनों ने शतक लगाया था. बेयरस्टो को मैन ऑफ द मैच चुना गया था. दिल्ली के खिलाफ मिली अगली जीत के हीरो भी जॉनी बेयरस्टो ही थे. उन्होंने 28 गेंद पर 48 रन बनाकर मैन ऑफ द मैच हासिल किया. चेन्नई को जब हैदराबाद ने हराया तो उसमें डेविड वॉर्नर का योगदान था. उन्होंन 25 गेंद पर 50 रन बनाए थे. जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था. कोलकाता के खिलाफ मैच में खलील अहमद ने जीत दिलाई. उन्होंने 4 ओवर में 33 रन देकर 3 विकेट लिए थे.

किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ जब हैदराबाद को 45 रनों से जीत मिली तो उसके नायक भी डेविड वॉर्नर थे. डेविड वॉर्नर ने 56 गेंद पर 81 रनों की पारी खेली थी. वो मैन ऑफ द मैच बने थे. यानी हैदराबाद की टीम ने सीजन में जो 6 मैच जीते. उसमें 4 बार जीत के नायक बेयरस्टो और वॉर्नर ही थे.  हैदराबाद को जीत दिलाने की जिम्मेदारी क्या इन्हीं दोनों पर थी? ये सवाल अगले कुछ दिनों तक हैदराबाद टीम के मालिकों के दिमाग में घूमता रहेगा.