चेन्नई की टीम ने अब तक लक्ष्य का पीछा करते हुए आईपीएल में 44 जीत हासिल की है. इसमें से 25 मैच ऐसे हैं जिसमें उसने आखिरी ओवर में जीत हासिल की है. ये आंकड़ा अपने आप मे ये बताने के लिए काफी है कि धोनी की कप्तानी में चेन्नई की टीम ‘मेंटली’ कितनी मजबूत है. उन्हें मैच जीतना आता है. आखिरी ओवरों में होने वाली गलतियों से वो दूर रहते हैं. मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में उनका पहला लक्ष्य मैच को बीसवें ओवर तक ले जाना होता है. एक बार मैच बीसवें ओवर में पहुंच गया तो उसके बाद बाजी किसी भी तरफ जा सकती है.


चेन्नई की टीम आईपीएल की शुरूआत से ही धोनी की कप्तानी में खेली है. लिहाजा इस टीम पर धोनी की छाप हमेशा दिखाई देती है. आप वनडे में भी धोनी की कप्तानी याद कीजिए. उनका पहला लक्ष्य यही होता था कि मैच को आखिरी ओवर तक ले जाया जाए. यही वजह है कि लंबे समय तक उन्हें विश्व क्रिकेट के सबसे कामयाब ‘फिनिशर्स’ में गिना जाता रहा. हम ये चर्चा आज इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इस सीजन के दूसरे मैच में भी धोनी की टीम ने आखिरी ओवर में जीत हासिल की.

दिल्ली के खिलाफ आखिरी ओवर में आसान जीत
दिल्ली के खिलाफ जीत चेन्नई के लिए मुश्किल नहीं थी. उसके सामने कुल 148 रनों का लक्ष्य था. दिल्ली की टीम ने मुंबई के खिलाफ जैसी धुंआधार बल्लेबाजी कर 213 रन बनाए थे वैसा चेन्नई के खिलाफ नहीं हुआ. दसवें ओवर में जब रैना आउट हुए तब तक करीब सौ रन स्कोरबोर्ड पर जमा हो चुके थे. अब बस क्रीज पर टिककर विरोधी टीम को उलटफेर का कोई मौका दिए बिना जीत हासिल करनी थी. इसके बाद धोनी ने अपनी आदत और रणनीति के मुताबिक बगैर कोई ‘रिस्क’ लिए मैच को आखिरी ओवरों तक पहुंचाया. आखिरी दो ओवर में चेन्नई को जीत के लिए सिर्फ 11 रन चाहिए थे. उसमें से भी 19वें ओवर में 9 रन बनने के बाद आखिरी ओवर में जीत के लिए सिर्फ 2 रन चाहिए थे, जो चेन्नई ने आसानी से बना लिए.

उनकी इसी सूझबूझ का नतीजा है कि अब चेन्नई की टीम के पास पहले दोनों मैचों से मिली जीत है. चेन्नई प्वाइंट टेबल में टॉप पर है. इससे पहले वाले मैच में भी धोनी की कप्तानी की जमकर तारीख हुई थी. उन्होंने जो फील्ड प्लेसमेंट की थी वो हरभजन सिंह के काफी काम आई. आपको याद दिला दें कि पहले मैच में हरभजन सिंह ने सिर्फ 20 रन देकर 3 विकेट लिए थे. इसमें इसमे विराट कोहली, मोइन अली और एबी डीविलियर्स का विकेट शामिल था.

ये सीजन वैसे भी धोनी के लिए है खास
आईपीएल का ये सीजन वैसे भी धोनी के लिए बहुत खास माना जा रहा है. आईपीएल के तुरंत बाद भारत को इंग्लैंड में विश्व कप खेलना है. माना जा रहा है कि धोनी का वो भारतीय टीम के साथ आखिरी टूर्नामेंट होगा. धोनी 38 साल के होने ही वाले हैं. अब तक जिस तरह उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास और वनडे की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है उससे लगता नहीं कि वो विश्व कप के बाद मैदान में उतरना पसंद करेंगे. धोनी के करियर का ‘ट्रेंड’ कहता है कि वो जब वनडे क्रिकेट से संन्यास लेंगे तब ही आईपीएल खेलना भी छोड़ेंगे.

ऐसे में इस बात के खूब कयास लगाए जा रहे हैं कि ये धोनी का आखिरी आईपीएल है. दो साल के बैन के बाद पिछले साल ही उनकी टीम की आईपीएल में वापसी हुई थी. वापसी के बाद पहले ही साल में उन्होंने अपनी टीम को चैंपियन बनाया. वो अब तक तीन बार आईपीएल में चेन्नई का परचम लहरा चुके हैं. इस सीजन में भी जो शुरूआती सूझबूझ चेन्नई की टीम में दिख रही है वो उनके लिए सकारात्मक है.