किंग्सटन के सबाइना पार्क में विराट कोहली ने शानदार शतक जड़ा. इस शतक की बदौलत भारत ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ वनडे सीरीज पर 3-1 से कब्जा किया. जीत के लिए भारतीय टीम को 206 रन चाहिए थे, जिसमें विराट कोहली ने अकेले ही 111 रन ठोंक दिए. लक्ष्य का पीछा करते हुए ये उनके वनडे करियर का 18वां शतक है. इसके साथ ही उन्होंने इस कारनामे में सचिन तेंडुलकर को पीछे छोड़ दिया है.


लक्ष्य का पीछा करते हुए सचिन तेंडुलकर ने 17 शतक लगाए थे. तीसरे नंबर पर श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान हैं, जिन्होंने लक्ष्य का पीछा करते हुए 11 शतक लगाए हैं. विराट कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गई अपनी पारी में 12 चौके और 2 छक्के जड़े. उन्होंने 108 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया. इस सीरीज में विराट कोहली का ये पहला शतक है. इस शानदार पारी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया. उनकी इस पारी और सचिन तेंडुलकर के रिकॉर्ड तोड़ने की खबरें आज मीडिया में छाई हुई हैं. साथ ही छाया हुआ है वो सवाल कि क्या सचिन तेंडुलकर के वनडे करियर के तमाम रिकॉर्ड्स खतरे में हैं?


रिकॉर्ड तो बनते ही टूटने के लिए हैं


सचिन तेंडुलकर ने 1989 में अपने वनडे करियर की शुरूआत की थी. 2012 में उन्होंने आखिरी वनडे मैच खेला. अपने तेइस साल के वनडे करियर में उन्होंने 463 वनडे मैच खेले और 18426 रन बनाए. इसमें 49 शतक शामिल हैं. एक दोहरा शतक भी सचिन के नाम है जो वनडे क्रिकेट इतिहास का पहला दोहरा शतक है.


अब विराट कोहली की बात करते हैं. विराट कोहली ने 2008 में वनडे करियर की शुरूआत की थी. उनका वनडे करियर अभी करीब 9 साल पुराना है. इन 9 सालों में उन्होंने 28 शतक ठोंक दिए हैं. जिस रफ्तार से वो रन बना रहे हैं ऐसा माना जाता है कि अगर वो अगले 5-6 साल तक और मैदान में टिक गए तो वनडे क्रिकेट में वो सचिन तेंडुलकर के शतकों की संख्या को पीछे छोड़ देंगे.


टेस्ट क्रिकेट में ये बात इसलिए नहीं जाती क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में सचिन तेंडुलकर के 51 शतक हैं जबकि विराट कोहली के 16. विराट कोहली लंबी रेस का घोड़ा हैं ये बात उन्होंने पिछले कुछ सालों में बखूबी साबित की है. अपने समकालीन खिलाडियों को वो काफी पीछे छोड़ चुके हैं. उन्होंने कप्तानी संभाल ली है. जाहिर है उनकी फॉर्म और फिटनेस दोनों अभी इस तरह की दिखाई दे रही है कि उनके लंबे समय तक खेलने पर कहीं से कोई शंका नहीं है.


...पर मैदान के बाहर का ‘ये’ रिकॉर्ड कैसे तोड़ेंगे विराट?

इन सारी बातों से अलग सचिन तेंडुलकर का एक रिकॉर्ड ऐसा है जिसके आस पास कोई फटक नहीं सकता है. ये रिकॉर्ड है उनकी विनम्रता का. अपने 23-24 साल के करियर में सचिन तेंडुलकर ने खुद को हमेशा विवादों से दूर रखा. मैदान में चीखते चिल्लाते उन्हें कभी किसी ने नहीं देखा. सचिन ने कभी किसी मीडिया वाले से झगड़ा नहीं किया. उन्हें बल्ला पटकते या अंपायर पर चिल्लाते शायद ही कभी किसी ने देखा हो.


अपने करोड़ो चाहने वालों के प्रति सचिन तेंडुलकर हमेशा अति विनम्र रहे. इसके सैकड़ो उदाहरण हैं. सचिन जैसे जैसे कामयाबी के शिखर पर चढ़ते गए वैसे वैसे उन्होंने खुद को विनम्र करना सीखा. उन्हें हमेशा अपने पिता की वो सीख याद रही कि क्रिकेट तो एक वक्त के बाद साथ छोड़ देगा लेकिन अच्छा स्वभाव ताउम्र साथ रहेगा. उनके अनुशासन और खेल के प्रति इज्जत के भाव को इस बात से भी समझा जा सकता है कि अपने करियर के आखिरी मैच में उन्होंने 22 गज की मिट्टी को बाकायदा माथे से लगाया.


इससे उलट विराट कोहली अभी भी कई मामलों में अपरिपक्व दिखाई देते हैं. मैदान पर चीखने चिल्लाने से लेकर अंपायर पर गुस्सा निकालने तक. हाल ही में अनिल कुंबले के साथ हुए विवाद का पता पूरी दुनिया को लग चुका है. रही बात उम्र के साथ आने वाली गंभीरता की तो आपको बताते चलें कि सचिन जब विराट की उम्र के थे तब भी करीब 10,000 वनडे रन बना चुके थे और 27 शतक उनके खाते में भी थे. कामयाब और महान के बीच के इस फर्क को विराट कोहली को समझना होगा.