पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के 10 मार्च को आने वाले अंतिम नतीजों से पहले आज एग्जिट पोल के नतीजों ने सियासी भूचाल ला दिया है. इसने कुछ की धड़कने बढ़ा दी हैं, तो कुछ नेताओं के चेहरों पर सत्ता मिलने से पहले ही खुशी ला दी है. ये जरूरी नहीं कि हर एग्जिट पोल का नतीजा बिल्कुल सटीक ही बैठे, लेकिन मोटे तौर ये इतना इशारा तो कर ही देते हैं कि हवा किस तरफ बह रही है. हालांकि सबसे सटीक एग्जिट पोल वही माना जाता है, जो वास्तविक चुनावी नतीजों के बिल्कुल करीब हो. सभी न्यूज़ चैनलों ने अपने-अपने एग्जिट पोल प्रसारित किए हैं लेकिन ये तो नतीजे ही बताएंगे कि कौन सबसे सटीक साबित हुआ.


एबीपी न्यूज़-सी वोटर के एग्जिट पोल को देखें, तो वह पंजाब में बड़ा उलटफेर का इशारा करते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार बनाता दिख रहा है. एग्जिट पोल के आंकड़ों में आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत मिलता नजर आ रहा है. आम आदमी पार्टी को 39.1 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. यानी पिछली बार के मुकाबले उसे 16 प्रतिशत वोटों का फायदा हो रहा है. वहीं कांग्रेस को 26.7 प्रतिशत मिलने का अनुमान है, जो कि पिछले चुनाव के मुकाबले 11 प्रतिशत कम है. वहीं शिरोमणि अकाली दल को 20.7 प्रतिशत वोट मिल सकता है और उसकी स्थिति कमोबेश पांच साल पहले वाली है. जबकि बीजेपी गठबंधन को 9.6 प्रतिशत और अन्य को 3.8 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं.


117 सीटों वाली पंजाब विधानसभा का सिकंदर कौन  बनेगा? तो एबीपी न्यूज सी वोटर एग्जिट पोल में इसका जवाब ये है कि आम आदमी पार्टी पंजाब में  सरकार बनाने लायक बहुमत का आंकड़ा छू रही है. उसे 51 से 61 के बीच सीट मिल सकती हैं. सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 59 सीट का है. वहीं कांग्रेस को बड़ा झटका लगने की उम्मीद है और उसका किला ढहता हुआ दिख रहा है. उसे 22 से 28 सीटें मिल सकती हैं, जबकि शिरोमणि अकाली दल की झोली में 20 से 26 सीट आ सकती हैं. लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव मैदान में कूदे बीजेपी गठबंधन को 7 से 13 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि अन्य को 1 से 5 के बीच सीटें मिल सकती हैं. ये अन्य वे हैं जो बतौर निर्दलीय की हैसियत से अपना चुनाव जीतेंगे.


एग्जिट पोल में कम सीटें मिलने के बावजूद बीजेपी प्रवक्ता आरपी सिंह ने 'एबीपी न्यूज़' पर ही ये दावा किया है कि पंजाब में बीजेपी के बगैर किसी की सरकार बनना संभव नहीं है. हालांकि उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया है कि ऐसा कैसे होगा. इसलिये कि अकाली दल, बीजेपी गठबंधन और निर्दलीय भी साथ आ जाएं, तब भी वे बहुमत के आंकड़े को नहीं छू पाते. लिहाज़ा सियासी गलियारों में ये सवाल तैर रहा है कि पंजाब में अरविंद केजरीवाल को रोकने के लिए कैप्टन क्या कांग्रेस में तोड़फोड़ का कोई नया दांव खेलेंगे? हालांकि इसका जवाब नतीजे आने के बाद ही मिलेगा.


उधर, देवभूमि उत्तराखंड के एग्जिट पोल पर गौर करें, तो वहां की 70 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है. सरकार बनाने के लिए 36 सीटों की जरुरत है. सीटों के लिहाज से देखें, तो कांग्रेस सरकार बनाती हुई नजर आ रही है. कांग्रेस को एग्जिट पोल के नतीजों में 32 से 38 सीटें मिल सकती हैं. जबकि बीजेपी को 26 से 32 सीटें मिलने का अनुमान है. लेकिन उम्मीद के मुताबिक आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में कोई कमाल करती नहीं दिखती. एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक आप के खाते में शून्य से 2 सीटें आ सकती हैं. जबकि अन्य को 3 से 7 सीटें मिल सकती हैं.


जानकार मानते हैं कि ये अन्य ही वहां किंग मेकर की भूमिका निभा सकते हैं. ये अन्य वे हैं जो कांग्रेस और बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़े थे और अगर ये जीत जाते हैं, तो सत्ता बनाने की चाबी इनके पास ही रहेगी. इसलिये माना जा रहा है कि उत्तराखंड में भी बीजेपी कोई बड़ा उलटफेर करते हुए दोबारा सत्त्ता में आ सकती है. हालांकि वहां हर पांच साल बाद सरकार बदलने की परंपरा रही है लेकिन लगता है कि बीजेपी इस बार इसे तोड़ने के मूड में है. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य में बीजेपी को 56 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं कांग्रेस को 11 सीटें मिली थीं. इसके अलावा अन्य तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली थी.


उधर, समंदर वाले गोवा की बात करें, तो एग्जिट पोल के नतीजे कहते हैं कि वहां 2017 वाला इतिहास दोहराने का ही अनुमान है. यानी 40 सीटों वाले गोवा में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. सरकार बनाने के लिए 21 सीटें चाहिए लेकिन एग्जिट पोल में कोई भी पार्टी इतनी सीटों पर जीत हासिल करती नहीं दिख रही है. हालांकि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आ रही है और उसे 13 से 17 सीटों मिलने का अनुमान है. वहीं, कांग्रेस को 12 से 16 और आम आदमी पार्टी को 1 से 5 सीट मिल सकती है. लेकिन ममता बनर्जी की टीएमसी का गठबंधन वहां किंगमेकर बन सकता है. उसे 5 से 9 सीटें मिलने का अनुमान है.अन्य को 0 से 2 सीटें मिलने का अनुमान है.


इस चुनाव में कांग्रेस ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के साथ गठबंधन किया था. जबकि तृणमूल कांग्रेस ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. दरअसल 2017 के चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद सरकार नहीं बना पाई थी. उसे 17 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि 13 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी ने एमजीपी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सत्ता हासिल कर ली थी. इस चुनाव में आप का खाता नहीं खुला था, जबकि एमजीपी 3 और अन्य के खाते में 7 सीटों आई थीं. 


वहीं पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में बीजेपी एक बार फिर सरकार बना सकती है. पिछली बार के मुकाबले इस बार बीजेपी को सीटों और वोट शेयर में फायदा मिलता दिख रहा है. सीटों की अगर बात करें तो एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक कुल 60 सीटों में से बीजेपी को इस बार 23 से लेकर 27 सीटें मिल सकती हैं. जबकि 2017 विधानभा चुनाव में बीजेपी को 21 सीटों पर जीत मिली थी.एग्जिट पोल में कांग्रेस को बड़ा नुकसान होता दिख रहा है. वह महज 12 से 16 सीटों पर सिमटती हुई दिख रही है. जबकि पिछले चुनाव में कांग्रेस 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.


बाकी के क्षेत्रीय दलों की अगर पिछले चुनावों से तुलना करें तो, एग्जिट पोल में एनपीएफ को 3 से 7 सीटें मिलती दिख रही हैं, पिछली बार पार्टी को 4 सीटों पर जीत मिली थी. एनपीपी को इस बार सीटों में फायदा मिलता दिख रहा है. जहां पिछले चुनाव में एनपीपी को 4 सीटें मिली थीं, वहीं एग्जिट पोल में पार्टी को 10 से 14 सीटों का अनुमान लगाया गया है. वहीं अन्य को इस बार 2 से 6 सीटें मिल सकती हैं. पिछली बार अन्य के खाते में 3 सीटें गई थीं.


(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)