अयोध्या, श्रीराम जन्मभूमि, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और रामलला इन दिनों काफी चर्चा में हैं. संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा हुई. उस दौरान कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि मोदी इतने समर्थ हैं कि उन्होंने श्रीराम को 500 वर्षों के बाद उनकी जमीन दिलवाई, लेकिन नीरव मोदी जैसे भगोड़ों को नहीं ल जा पाए. इसी दौरान दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि भाजपा ने मंदिर का निर्माण उस अधिग्रहण स्थल पर किया जो कांग्रेस ने किया था, जहां शिलान्यास किया था. रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से नीरव मोदी जैसे भगोड़ों को जोड़ने तक दिग्विजय सिंह के बयान की चर्चा भी हो रही है और उस पर विवाद भी हो रहा है. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकारी एजेंसियों का बेजां इस्तेमाल कर रही है. 


नहीं मिलेगी भ्रष्टाचारियों को राहत 


कांग्रेस के किए हुए पापों का परिणाम कोई दूसरा कैसे झेलेगा? कांग्रेस ने जो पाप किए हैं, उसका नतीजा वे ही भुगतेंगे. सबको मालूम है कि यूपीए सरकार में किस प्रकार से बैड लोन हैं, वे अलग-अलग बैंकों के माध्यम से लोगों को कांग्रेस के नेताओं ने दिलाए हैं. ये भय था कि नीरव मोदी जैसे लोग भारत छोड़कर किसी दूसरे देश में चले गए और वहीं पर जाकर बस रहे हैं और अपना जीवन यापन कर रहे हैं. इसके बावजूद केंद्र सरकार ने ऐसे कठोर नियम बनाए हैं कि उन सभी को इस बात का भय है, गहरे तक भय है कि आज हो या कल, उनका प्रत्यर्पण भारत को होना ही होना है. कुछ इंटरनेशनल अफेयर्स हैं, अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक कारण हैं जिनकी वजह से नीरव मोदी को अभी तक भारत नहीं लाया जा सका है, लेकिन यह तय है कि कोई भी व्यक्ति जो भ्रष्टाचार में लिप्त है, उसको नरेंद्र मोदी की सरकार से किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलने वाली. यह सभी को मालूम है कि किस प्रकार से दिग्विजय सिंह एंड कंपनी ने यूपीए सरकार के दौरान पूरे देश को लूटा था. पूरे देश में हाहाकार मचा कर पूरे भारत के संसाधनों को जिस प्रकार से अंग्रेजों ने लूटा था उसी प्रकार से इन्होंने भी यूपीए सरकार के दौरान लूटने का काम किया है. कांग्रेस हो या फिर किसी भी प्रकार के क्षेत्रीय दल जो अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे हैं. उनके अंदर जितने भ्रष्टाचारी हैं सबको जेल जाना ही पड़ेगा, सबको अपने कुकर्मों की सजा भुगतनी पड़ेगी. 



भारत बनेगा 2047 तक विकसित राष्ट्र 


जहां तक राम मंदिर पर दिग्विजय सिंह के तंज का सवाल है, तो राम मंदिर का फैसला कोर्ट के माध्यम से आया था. राम मंदिर को विषय बनाकर समाज में रखा गया था और आज पूरा समाज इस विषय को लेकर हर्ष में जी रहा है, तो कांग्रेस के अंदर बैठे लोग, जिन्होंने इतने वर्षों तक राम लला को टेंट में बैठाए रखा, ऐसे सभी लोग दुख के आंसू रो रहे हैं. कांग्रेस नेताओं को निमंत्रण दिया गया लेकिन उसके बावजूद कांग्रेस के एक भी नेता वहां नहीं पहुंचे. राम मंदिर भारत के करोड़ों हिंदुओं के आस्था का प्रतीक है, वह राष्ट्र मंदिर है और यह मंदिर की स्थापना इस बात का द्योतक है कि यह भारत के भाग्योदय का कालखंड होगा. भारत में राष्ट्र मंदिर के माध्यम से रामराज्य स्थापित किया जाएगा और नरेंद्र मोदी के कर-कमलों से ही 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र होगा. आईएमएफ ने एक डेटा अभी कुछ दिनों पहले ही रिलीज किया है, जिसमें कहा है कि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्रों की सूची में शामिल होगा. यह बात भारत में कांग्रेस के लोगों को नहीं पच रही है. कल प्रधानमंत्री ने संसदीय संबोधन में यह बात स्पष्ट तौर पर रेखांकित की गई है कि समाज के सबसे कमजोर वर्गों से लेकर समाज के संभ्रांत तबकों तक किस प्रकार से सरकार की न्याय की यात्रा सभी तक पहुंची है, सभी तक विकास की लौ पहुंची है और पूरा का पूरा समाज आज के समय में नरेंद्र मोदी को लेकर आशान्वित है कि उनके नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा. कांग्रेस के लोगों के लिए यह आंसू बहाने का समय है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि ईश्वर उनको इतनी ऊंचाई दें कि संसद की नीचे वाली सीट को छोड़कर वह लोग दर्शक दीर्घा में बैठे. 


शुभ काम में विघ्न डालना विपक्ष का काम


भारत की सरकार ने लगातार प्रयास किया है कि आर्थिक अपराधी चाहे जहां भी बैठे हो, फिर चाहे जमैका में बैठे नीरव मोदी हों या इंग्लैंड में बैठे हुए ललित मोदी. सभी को वहां अदालतों में केस लड़ना पड़ रहा है. वहां पर सारी चीजें न्यायालय के नियंत्रण में है. जिस दिन मामला साफ हो जाएगा, इन सभी को भारत ले आकर भारत के कानून के आधार पर यहां सजा दी जायेगी.  ईडी के माध्यम से यूपीए सरकार में कुल मिलाकर 7 हजार करोड़ रुपये वसूले गए थे. नरेन्द्र मोदी की सरकार में पिछले 8-9 वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति हासिल की है. जितना कर्ज या बैड लोन कांग्रेस के नेताओं ने दिलाया था, उससे ज्यादा की संपत्ति नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नीरव मोदी से और ललित मोदी से हासिल करके भारत सरकार को अधिगृहीत करा दिया है. ऐसा नहीं है कि वह बैड लोन अभी भी उन पर बाकी है, सारा पैसा भारत सरकार उनसे वसूल चुकी है. इनके लिए दुख की बात यह है कि ये विघ्न में खुश होनेवाले लोग हैं, जब भी भारत के सामने खुश होने का विषय आता है, ये यह चाहते हैं कि भारत में हर शुभ काम में कुछ विघ्न डालें. यह कालनेमि के स्वरूप में है, जो अलग-अलग रूपों में कहीं कांग्रेस में, कहीं राजद में, कहीं जदयू में, कहीं डीएमके के रूप में मौजूद हैं. हालांकि, ये  जितने भी लोग भारत के कानून के अंतर्गत गलत काम किए हैं, उसका परिणाम उनको झेलना पड़ेगा. 


राहुल गांधी अन्याय यात्रा पर


राहुल गांधी की तो बात ही क्या की जाए. वे न्याय यात्रा पर नहीं, पूरे तरीके से अन्याय यात्रा पर निकले हुए हैं और किस समाज के लोग जा रहे हैं, किस प्रकार के लोग उपस्थित हो रहे हैं, सभी को मालूम है. अंग्रेजों ने जिस चीज का बीजारोपण किया था वह कांग्रेस के नेतृत्व में 1885 से लेकर 1947 के बीच विभाजन करो और राज करो, इस नीति पर कांग्रेस ने अपनी स्थापना चलाई और उसी प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस ने आजादी के बाद भी यहां तक की भी यात्रा पूरी की है. भारत के सामर्थ्य पर कांग्रेस को भरोसा नहीं था, इसलिए पूरे सिस्टम पर अपने हिसाब से कब्जा कर लिया लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने, अटल बिहारी बाजपेयी की चमत्कारिक नीतियों ने भारत के स्वरूप को बदला है और आज भारत विकसित राष्ट्र होने की श्रेणी में आकर खड़ा है. नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जैसे हमारी तीसरी सरकार बनेगी, भारत दुनिया का तीसरे नंबर का अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा और 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र के रूप में हमलोगों के बीच में उपस्थित रहेगा. यह समस्त भारतीयों के लिए गौरव करने वाला विषय है.


विपक्षी गठबंधन जो कुछ भी बचा है, उसमें शामिल लोगों को अगर चोर कहें तो क्या गलत है, जिन्होंने भारत के संसाधनों को लूटा है. चोरी करेंगे तो उसका परिणाम झेलना ही पड़ेगा. सभी को अपने कुकर्मों की सजा कभी न कभी भुगतनी ही है. हेमेंत सोरेन ने विधानसभा में बहुत बड़ी-बड़ी बातें की लेकिन यदि उन्होंने चोरी नहीं की है तो स्वयं सारे कागज संसद के पटल पर रख देते. आज के समय जब पूरी दुनिया टेक्नोलॉजी के माध्यम से एकीकृत हो चुकी है, लगातार एक दूसरे की गतिविधियों को हम सुन और समझ रहें है, ऐसे में इनकी चोरी की पूरी प्रक्रिया पानी की तरह स्पष्ट है. यह साफ दिख रहा है कि चोरों की मंडली की भारत से बहुत जल्द विदाई होने वाली है.