जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी एमसीडी के अंदर मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव पर अड़ंगे लगा रही है वो काफी दुखद है. इसका कारण ये है कि दिल्ली में जनता ने एमसीडी में बहुमत आम आदमी पार्टी को दिया है. AAP को 134 जबकि बीजेपी को 104 सीटें मिली है. 9 सीटें कांग्रेस के खाते में गई है. इससे साफ जाहिर है कि आप की एमसीडी में सरकार बने. ऐसे में बीजेपी क्यों इतना विचलित है ये सवाल है. पहली बार आप की एमसीडी में सरकार होगी.


म्युनिसिपलिटी में सरकार सबसे लो लेवल की और सबसे प्रभावी होती है. सबसे ज्यादा जनता के संपर्क में रहती है. बीजेपी को डर ये है कि 15 साल में दिल्ली का जिस तरह से कबाड़ा किया है, आप के नगर निगम में सत्ता में आने के साथ ही वो सबकुछ ऐसा हो जाएगा कि दिल्ली जो देश की राजधानी है, वहां पर आप का बड़ा नाम हो जाएगा.


बीजेपी को सता रहा डर
नगर निगम में जिस तरह का 'आप' की सरकार का परफॉर्मेंस रहेगा, उससे दिल्ली की जनता का बीजेपी के ऊपर से भरोसा पूरी तरह से उठ जाएगा. उदाहरण के तौर पर- स्कूल, अस्पताल, बिजली, पानी को लेकर जिस तरीके से दिल्ली सरकार ने काम किया, उसके बाद जनता के मन में बैठ गया है कि हो तो सकता था. इसलिए बीजेपी के मन में ये डर बैठ गया है. इसमें कांग्रेस भी साथ दे रही है.


एमसीडी में संविधान की धारा आर्टिकल 243 के तहत इनकी सरकार बनती है. लेकिन, आर्टिकल 243 आर में यह साफ लिखा है कि एमसीडी में सरकार निर्वाचित सरकार 'निर्वाचित पार्षद' से बनती है. लेकिन ये बड़ा दुख हुआ कि जिस तरह से एलजी साहब ने बीजेपी को ऊपर रखने के लिए 10 काउंसलर को नॉमिनेट बिना राज्य सरकार की सलाह के अपने आप कर दिया है.


अगर आप नियम पढ़ेंगे तो ये प्रावधान है कि उस राज्य का लेजिस्लेचर विधानसभा तय करता है कि किसको भेजना है. विधानसभा ने अरविंद केजरीवाल को सरकार बना रखा है. ये केजरीवाल के अधकार क्षेत्र में आता है कि पार्षद को नॉमिनेट करने का. प्रक्रिया ये है कि  सबसे पहले जीते हुए काउंसल का शपथ ग्रहण होगा. पहले दिन पीठासीन अधिकारी वो बनेगा जो सबसे अनुभवी होगा. वो एक ही व्यक्ति थे-आम आदमी पार्टी से निगम पार्षद बने मुकेश गोयल. 


कांग्रेस ने AAP की जगह BJP का दिया साथ
मुकेश गोयल को प्रिसाइडिंग ऑफिसर बनाने के बाद वो बाकियों को शपथ दिलाते. लेकिन आप के मेयर, डिप्टी मेयर और पीठासीन अधिकारी न बने इसी कवायद में बीजेपी लगी हुई है, जो काफी निंदनीय है.  मुझे लग रहा है कि बीजेपी इस बात को फील कर चुकी है कि आप की सरकार जब एमसीडी में बन जाएगी तो आम आदमी पार्टी को पूरे देश में रोकना मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि जब दिल्ली में पार्क, स्ट्रीट लाइट, सड़क से लेकर सभी चीजों का विकास होगा तो लोग ये कहेंगे कि हो तो सकता था ये पन्द्रह साल में. इसी बात से बीजेपी को घबराहट है.


और जहां तक कांग्रेस की बात है, तो उसे जनता ने 9 सीटें दी हैं. राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं. लेकिन जहां मौका मिला कम्युनल पॉलिटिक्स के खिलाफ लड़ने का, वहां वे फेल हो गए. आम के साथ आने की बजाय वो बीजेपी के साथ बैठ गए. कांग्रेस ने अपने ने अपने एक काउंसलर को हज कमेटी का चेयरपर्सन बनवा लिया है. ऐसा सुना है कि काउंसलर को 50-50 लाख मिले. इसके एवज में वॉकआउट कर लिया है.


राहुल गांधी दिखावटी कर रहे हैं, लेकिन देश में कोई भारत जोड़ो नहीं हो रहा है. अरविंद केजरीवाल बीजेपी के लिए बहुत बड़ी चुनौती है. केजरीवाल का कमिटमेंट बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है. मैं जिस विधानसभा से हूं, वहां पर तीनों निगम पार्षद में आप का कब्जा है. ऐसे में पहली बार दिल्ली की जनता ने एमसीडी चुनाव में वोट को काम से लिंक किया है. इसलिए, काम के चलते दिल्ली में आप की सरकार बनी है.


बीजेपी को अब आप को परखने का वक्त है. आम आदमी पार्टी सरकार को पहले काम कर लेने दें. जनता ने विपक्ष में बैठने के लिए बोला है, तो विपक्ष में बैठकर हमें काम करने दें. जनता ने जो अधिकार दिया है, वे वो काम करे.    


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