HAPPY BIRTHDAY HEMA MALINI: हेमामालिनी 70 बरस की हो गयीं. लेकिन आज भी उनके रूप, उनकी सुन्दरता का जादू सिर चढ़कर बोलता है. बड़ी बात यह भी है कि हेमामालिनी बरसों से फिल्मों से कुछ दूर सी हैं. उनकी कई समकालीन अभिनेत्रियाँ आज लाख चाहकर भी अपनी वृद्दावस्था को अपने से दूर नहीं रख सकीं. उधर इस दौरान कई नयी सुंदर अभिनेत्रियों ने भी अपने सौन्दर्य और अभिनय से रुपहले परदे को खूब चमकाया. लेकिन हेमामालिनी आज भी ड्रीमगर्ल हैं. इतने बरसों में कोई भी और अभिनेत्री ‘ड्रीमगर्ल’ नहीं बन सकी. हेमामालिनी आज भी इतनी आकर्षक हैं कि जब हममें से कोई भी उन्हें ड्रीमगर्ल कहता है तो वह सही और न्यायसंगत लगता है.


बॉलीवुड में भी पूरे हुए 50 साल


इधर 16 अक्टूबर 1948 को जन्मीं हेमामालिनी ने जहाँ अब अपने जीवन के 70 बरस पूरे किये हैं, वहां इसी के साथ वह बॉलीवुड में भी अपने 50 बरस पूरे कर चुकी हैं. जब ग्रेट शोमैन राज कपूर के साथ सन 1968 में हेमामालिनी की पहली फिल्म ‘सपनों का सौदागर’ आई थी तब हेमा सिर्फ 20 साल की थीं और राज कपूर 44 साल के. नायक नायिका के बीच 24 साल के अंतर वाली यह फिल्म तो दर्शकों के सपनों या दिलों में नहीं उतर सकी. लेकिन ‘सपनों के सौदागर’ की नायिका हेमामालिनी दर्शकों के सपनों की रानी, दर्शकों की ‘ड्रीमगर्ल’ जरुर बन गईं. यहाँ यह भी बता दें कि ‘सपनों के सौदागर’ की नायिका के रूप में पहले वैजयंतीमाला को लिया जाना था. जिससे ‘संगम’ की जोड़ी का जादू फिर से भुनाया जा सके. लेकिन तब तक वैजयंतीमाला और राज कपूर प्रेम प्रसंगों को लेकर कपूर परिवार में इतना विरोध हो चुका था कि वैजयंतीमाला और राज कपूर की जोड़ी फिर से बन नहीं पाई. दक्षिण की खूबसूरत बाला और नृत्य में पारंगत हेमा मालिनी को तभी यह फिल्म मिल सकी.



‘सपनों के सौदागर’ के न चलने के बावजूद हेमामालिनी को तब के कई बड़े या चर्चित नायकों देव आनंद, शशि कपूर, राजेन्द्र कुमार, राजेश खन्ना, जीतेंद्र, संजीव कुमार और धर्मेन्द्र के साथ एक के बाद एक करके कई फ़िल्में मिलती चली गईं. हेमामालिनी ने भी न निर्माता-निर्देशकों को निराश किया और न ही दर्शकों को. अन्य कई नई-पुरानी नायिकाओं की बड़ी मौजूदगी में भी हेमा का ऐसा जादू चला कि हेमामालिनी की अधिकांश फ़िल्में 'जॉनी मेरा नाम', 'नया ज़माना', 'पराया धन', 'अभिनेत्री', 'अंदाज़' और 'सीता और गीता' हिट-सुपर हिट होती चली गईं. हेमा देखते देखते इतनी लोकप्रिय हो गईं कि एक ओर हजारों-लाखों दर्शक उनके दीवाने हो गए तो दूसरी ओर फिल्मी दुनिया के तीन बड़े और मशहूर हीरो भी   हेमामालिनी के इस हद तक दीवाने हो गए कि ये तीनों ही हेमा से शादी करने के सपने देखने लगे. हालांकि धर्मेन्द्र की शादी तो फिल्मों में आने से पहले ही सन 1954 में प्रकाश कौर से हो चुकी थी. सन 70 के दौर में धर्मेन्द्र, हेमा के प्रेम में गिरफ्तार हुए तब तक वह चार बच्चों के पिता बन गए थे. लेकिन हेमा ने अविवाहित संजीव कुमार और जीतेंद्र की जगह धर्मेन्द्र को अपना जीवन साथी चुना.



अब जब धर्मेन्द्र और हेमामालिनी की शादी को 39 बरस हो चले हैं. तब भी इन दोनों में गजब का प्रेम है. यह बात भी बड़ी है कि धर्मेन्द्र ने अपनी पहली पत्नी और बच्चों के साथ अपनी दूसरी पत्नी और बच्चों, दोनों के साथ जिस प्रकार का संतुलन और सामंजस्य बनाया हुआ है, वह फिल्म दुनिया में देखने को नहीं मिलता है. आज भी धर्मेन्द्र अपने इन दोनों परिवारों के प्रति अपना प्रेम और कर्तव्य निभाते हुए देखे जा सकते हैं. साथ ही बढ़ती उम्र और लम्बे समय के बाद भी धर्मेन्द्र-हेमामालिनी के परस्पर प्रेम और दीवानगी कई मौकों पर साफ़ झलकती है.


30 फिल्मों में साथ काम कर चुके हैं धर्मेन्द्र और हेमा


धर्मेन्द्र –हेमामालिनी की जोड़ी को फिल्मों में जैसी लोकप्रियता मिली है वह बेमिसाल है. यूँ तो हिंदी सिनेमा में राज कपूर-नर्गिस, दिलीप कुमार-मधुबाला से लेकर अमिताभ-रेखा, ऋषि कपूर-नीतू सिंह और शाहरुख़-काजोल जैसी कई जोड़ियाँ दर्शकों में काफी लोकप्रिय हुईं हैं. लेकिन यदि सच कहा जाए तो धर्मेन्द्र–हेमा की जोड़ी लोकप्रियता में सभी से आगे है, साथ ही दोनों ने साथ में करीब 30 फिल्मों में काम किया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.



सन 1975 के बाद तो हालत ऐसे बन गए थे कि जिसे देखो वह धर्मेन्द्र और हेमा को साथ लेकर फिल्म बनाना चाहता था. इन दोनों की सारी डेट्स फुल हो गईं थीं. लेकिन निर्माता, निर्देशक, वितरक सभी कहते थे कि हम इंतज़ार करेंगे लेकिन फिल्म इन दोनों के साथ शुरू करेंगे. मुझे याद है कि एक बार रामानंद सागर ने अपनी फिल्म ‘चरस’ के दौरान कहा था कि धर्म-हेमा के साथ फिल्म शुरू करने का मतलब है कि आपकी फिल्म तो अच्छे दाम में बिक ही गई. साथ ही हमको भी लगता है कि इनको साइन करते ही कमाई का बैंक ड्राफ्ट हमारे हाथ में एडवांस में आ गया.


जीतेंद्र के शादी न होने के बाद भी उनके साथ की फ़िल्में


इन दिनों अक्सर देखा जाता है कि कुछ जोड़ियों में व्यक्तिगत अलगाव के बाद फिल्मों में साथ काम करना भी बंद हो जाता है. लेकिन हेमामालिनी ने उन दिनों जीतेंद्र के साथ तब भी फ़िल्में कीं जब जीतेंद्र की जगह उन्होंने धर्मेन्द्र को प्राथमिकता दे उनसे शादी की. जीतेंद्र ने हेमा के शुरूआती दौर में तो उनके साथ 'वारिस', 'भाई हो तो ऐसा' जैसी कुछ फ़िल्में की ही थीं. बाद में 'खुशबू', 'किनारा' और 'हम तेरे आशिक' जैसी फ़िल्में भी कीं. लेकिन जब धर्मेन्द्र–हेमा की शादी हो गयी तब भी उसके बाद इन दोनों ने 'ज्योति', 'मेरी आवाज़ सुनो', 'जस्टिस चौधरी' जैसी फ़िल्में करके एक अच्छी मिसाल पेश की. हालांकि धर्मेन्द्र–हेमा की शादी के कुछ समय बाद ही संजीव कुमार इस दुनिया से असमय कूच कर गए थे. वर्ना उनके साथ भी हेमा फ़िल्में ऐसे ही करतीं जैसे वह 'सीता और गीता', 'सुराग' और 'धूप-छाँव' आदि करती रहीं.


अमिताभ के साथ हेमा की फिल्म नहीं देख सकते धर्मेन्द्र



हेमामालिनी की जोड़ी धर्मेन्द्र के बाद यदि किसी के साथ सर्वाधिक पसंद की गयी तो वह हैं अमिताभ बच्चन. दोनों ने बहुत सी फिल्मों में काम किया. जिनमें 'नसीब', 'कसौटी', 'सत्ते पे सत्ता', 'नास्तिक', 'देश प्रेमी', 'अँधा कानून' और 'बागबान' तक कई फ़िल्में लोकप्रिय रहीं. लेकिन इस जोड़ी के साथ एक दिलचस्प पहलू  यह है कि धर्मेन्द्र कभी भी इन दोनों को साथ परदे पर देखना गवारा नहीं कर पाते. यहाँ तक कभी टीवी पर भी इन दोनों की कोई फिल्म चलती दिखाई दे जाए तो धर्मेन्द्र तुरंत चैनल बदल लेते हैं. यूँ परदे के ये जय–वीरू असली जिंदगी में पडोसी होने के साथ अच्छे दोस्त भी हैं.


 जब शाहरुख़ ने हेमामालिनी का फ़ोन उठाना बंद कर दिया


हेमामालिनी ने अपनी जिंदगी में अपने संघर्ष, अपनी मेहनत और अपनी प्रतिभा के बल पर ही सब कुछ पाया है. उन्होंने खुद सीरियल भी बनाये और फ़िल्में भी. यहाँ तक शाहरुख़ खान को भी सबसे पहले जिन तीन चार निर्माताओं ने उनकी कोई भी फिल्म रिलीज़ हुए बिना अपनी फिल्मों में लिया था, उनमें हेमामालिनी भी थीं. जिन्होंने अपनी फिल्म ‘दिल आशना है’ में शाहरुख़ को लिया. लेकिन यह फिल्म दुनिया कितनी विचित्र है कि बहुत से लोग अपना मतलब निकलने के बाद पहचानते तक नहीं.



जब शाहरुख़ स्टार बन गए तब एशा देओल फिल्मों में संघर्ष करते हुए किसी एक हिट फिल्म की बाट जोह रही थी. ऐसे में हेमा ने एक दिन शाहरुख़ खान से कहा कि वह एशा को अपने अपोजिट किसी फिल्म में ले ले तो कुछ बात बन सकती है. शाहरुख़ ने तब तो हाँ, क्यों नहीं, जरुर.. कह दिया. मगर जब कुछ दिन तक कुछ नहीं हुआ तो हेमामालिनी ने शाहरुख़ को फ़ोन किया, लेकिन शाहरुख़ ने फ़ोन नहीं उठाया. हेमामालिनी ने इसके बावजूद फिर भी शाहरुख़ को फ़ोन किये मगर शाहरुख़ ने हेमामालिनी का फ़ोन उठाना ही बंद कर दिया. इससे हेमा दुखी हुईं और शाहरुख़ से नाराज भी. पर एक अरसे बाद शाहरुख़ जब अचानक हेमामालिनी की उस फिल्म ‘टेल मी ओ खुदा’ के सेट पर पहुँच गए जो फिल्म खुद हेमा ने अपनी बेटी के लिए बनायीं थी. तब हेमामालिनी ने प्राणी बातों को भूलते हुए शाहरुख़ का मुस्कुराकर स्वागत किया.


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