Safety Driving In Rain: बरसात के मौसम में गाड़ी चलाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, क्योंकि पानी गिरने से रोड पर विजिबिलिटी यानी देखने की क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में अधिकतर लोग गाड़ी चलाते समय इमरजेंसी इंडिकेटर ऑन कर देते हैं. यह आदत भले ही आपको सुरक्षित महसूस कराए, लेकिन असल में यह दूसरों के लिए कन्फ्यूजन और एक्सीडेंट का कारण बन सकती है.

आज के दौर में गाड़ियों में हाई-इंटेंसिटी LED हेडलाइट्स, DRLs और फॉग लाइट्स जैसी टेक्नोलॉजी उपलब्ध है, जिससे कार पहले से काफी स्पष्ट दिखाई देती है-चाहे बारिश हो या धुंध. ऐसे में इमरजेंसी इंडिकेटर की जरूरत केवल खास स्थितियों में होती है.

क्यों नहीं करना चाहिए इमरजेंसी इंडिकेटर का इस्तेमाल?

बारिश में इमरजेंसी इंडिकेटर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि यह गलत संकेत देता है. जब आप इसे ऑन रखते हैं, तो दोनों ओर के इंडिकेटर एक साथ जलते हैं, जिससे मोड़ पर मुड़ने का इशारा नहीं दिया जा सकता और पीछे आने वाले ड्राइवर भ्रमित हो सकते हैं. यह फॉल्स अलर्ट भी पैदा करता है. क्योंकि दूसरे चालकों को लग सकता है कि आपकी गाड़ी रुक गई है या खराब हो गई है, जिससे ट्रैफिक बाधित हो सकता है. इसके अलावा, इस दौरान आप ओवरटेक, लेन बदलने या टर्न लेने जैसे जरूरी संकेत भी नहीं दे पाते, जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है.

सही समय पर करें उपयोग

इमरजेंसी इंडिकेटर का सही उपयोग केवल खास परिस्थितियों में करना चाहिए जैसे-जब गाड़ी खराब हो जाए और आपको सड़क के किनारे रोकनी पड़े, जब आप रात में टायर बदल रहे हों या जब आप किसी दुर्घटना में हों और गाड़ी आगे नहीं बढ़ा पा रहे हों.

बारिश में सुरक्षित ड्राइविंग के लिए बेहतर है कि आप फॉग लाइट्स का इस्तेमाल करें क्योंकि ये सड़क को पास से साफ दिखाती हैं. लो बीम हेडलाइट्स जलाएं, क्योंकि हाई बीम की तुलना में यह ज्यादा कारगर होती है. विंडशील्ड वाइपर और डिफॉगर को एक्टिव रखें ताकि सामने का दृश्य साफ दिख सके और गाड़ी की स्पीड को कम रखें और स्टीयरिंग पर अच्छी पकड़ बनाए रखें ताकि फिसलन से बचा जा सके.

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