फेस्टिव सीजन में पेट्रोल कारों के साथ-साथ डीजल कारों की भी भारी डिमांड है. रोजाना लंबी दूरी का सफर करने वाले लोग पेट्रोल की जगह डीजल की कार खरीदना पसंद करते हैं. डीजल की कार पेट्रोल के मुकाबले अच्छा माइलेज देती हैं. वहीं पेट्रोल के मुकाबले डीजल सस्ता पड़ता है. यही सोचकर लोग डीजल वाली कार खरीद लेते हैं. लेकिन पिछले कुछ समय से डीजल कारों की बिक्री में काफी कमी आई है. दरअसल बीएस-6 नॉर्म्स लागू होने के बाद कई कार कंपनियां डीजल गाड़ी कम बना रही हैं. वहीं कई मायनों में डीजल की कार खरीदना आपके लिए मंहगा भी साबित हो सकता है. आइए जानते हैं डीजल की कार खरीदते वक्त किन बातों का ख्याल रखना चाहिए.
इन बातों का रखें खास ध्यान1. डीजल की कार खरीदते वक्त सबसे अहम बात है कि ये कार पेट्रोल कार के मुकाबले ज्यादा महंगी होती है. आपको ये कीमत कार खरीदते वक्त ही चुकानी पड़ती है. ऐसे में आप जिस बचत के हिसाब से डीजल की कार खरीद रहे हैं. क्या वाकई डीजल की कार खरीदने में आपकी बचत हो रही है.
2. डीजल कार पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक साबित होती हैं. पेट्रोल के मुकाबले डीजल कारों से NO2 का उर्त्सन ज्यादा होता है. जो आपकी सेहत के लिए भी हानिकारक होता है. डीजल कारों से बढ़ते प्रदूषण की वजह से राजधानी दिल्ली में सीएनजी और इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
3. डीजल की कार का इंश्योरेंस आपको कही ज्यादा देना पड़ता है. जबकि पेट्रोल से चलने वाली कार का इंश्योरेंस काफी कम कीमत में हो जाता है.
4. डीजल कारों की सर्विस पेट्रोल कारों के मुकाबले ज्यादा कीमत में होती है. डीजल की कार जितनी पुरानी होती जाती है मेंटेनेंस का खर्चा और ज्यादा बढ़ जाता है. वहीं कार के इंजन की बात करें तो पेट्रोल इंजन के मुकाबले डीजल इंजन की लाइफ भी कम होती है
5. अगर आप रोज लंबा सफर करते हैं तो आपके लिए डीजल की कार फायदेमंद है. लेकिन आप लंबी ड्राइविंग नहीं करते तो आपके लिए पेट्रोल कार खरीदने में ही भलाई है.
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