दुनिया की सबसे पॉपुलर इलेक्ट्रिक कार कंपनियों में से एक टेस्ला की कारों का भारत में बेसब्री से हो रहा है. लेकिन जितना इसका इतंजार हो रहा है टेस्ला की कार लॉन्चिंग में उतनी ही देरी हो रही है. जहां पहले इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर मुश्किल खड़ी हो गई थी. वहीं अब एक और परेशानी सामने आ गई है. दरअसल टेस्ला का मॉडल 3 भारत में बिक्री को लगभग तैयार था लेकिन अब इसके ग्राउंड क्लीयरेंस पर सवालिया निशान उठने लगे हैं. माना जा रहा है कि इस मॉडल का ग्राउंड क्लीयरेंस भारतीय सड़कों के मुताबिक ज्यादा बेहतर नहीं है, इसलिए बाद में दिक्कतें आ सकती हैं.
बढ़ाना होगा ग्राउंड क्लीयरेंसटेस्ला मॉडल 3 के ग्राउंड क्लीयरेंस पर चर्चाएं पहले से की जा रही हैं. इसका मतलब है कि टेस्ला को पता है कि भारत में कई सड़कें ऐसी हैं जहां स्पीड ब्रेकर्स की ऊंचाई कम है. ऐसे में लो ग्राउंड क्लीयरेंस वाली कारों में परेशानी आ सकती हैं. टेस्ला मॉडल 3 के लिए सबसे बड़ी दिक्कत स्पीड ब्रेकर्स की है. इसके लिए गाड़ी का ग्राउंड क्लीयरेंस में 25mm का इजाफा और करना होगा.
सबसे पहले लॉन्च होगा ये मॉडलबतादें कि भारत में टेस्ला की तरफ से सबसे पहले मॉडल 3 को लॉन्च किया जाएगा. बाद में यानि अगले साल मॉडल Y को भारतीय बाजार में उतारा जाएगा. टेस्ला मॉडल 3 इलेक्ट्रिक सिडान का ग्राउंड क्लीयरेंस अभी 140mm है और सड़कों पर स्पीड ब्रेकर्स के लिहाज से ये काफी कम है. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि टेस्ला मॉडल 3 कॉइल स्प्रिंग पर चलता है और इसे ग्राउंड क्लीयरेंस के लिए आप एडजस्ट नहीं कर सकते हैं.
स्पीड ब्रेकर्स पर हुई फेल खबरों के मुताबिक मॉडल 3 की टेस्टिंग के लिए जिम्मेदार एजेंसी ने बताया कि टेस्ला के इस मॉडल को करीब 160 से 200 स्पीड ब्रेकर्स से गुजारा गया, जहां इसके दिक्कतों का सामना करना पड़ा. ऐसे में अब कार को री- इंजीनियरिंग के लिए कहा गया है, ताकी कार का ग्राउंड क्लीयरेंस 25mm से 165mm तक बढ़ सके.
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