प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है कि भारत जल्द ही दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) एक्सपोर्ट करेगा. यह कदम भारत को ग्लोबल EV इंडस्ट्री में एक मजबूत पोजिशन दिलाने के साथ-साथ घरेलू ऑटोमोबाइल सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.
2014 से अब तक ऑटो सेक्टर में बदलाव
- पीएम मोदी ने बताया कि 2014 से पहले भारत का ऑटोमोबाइल एक्सपोर्ट सालाना लगभग 50,000 करोड़ रुपये था, लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 1.2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यह दिखाता है कि पिछले एक दशक में भारत की ऑटो इंडस्ट्री ने जबरदस्त प्रगति की है.
26 अगस्त को होगा बड़ा कार्यक्रम
- प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि EV निर्यात से जुड़ा यह बड़ा कदम आने वाले 26 अगस्त को एक खास कार्यक्रम में विस्तार से पेश किया जाएगा. यह कार्यक्रम भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.
रिसर्च और इनोवेशन पर जोर
- मोदी ने स्पष्ट किया कि केवल इंपोर्टेड रिसर्च पर निर्भर रहने से भारत अपने लक्ष्य पूरे नहीं कर सकता. इसलिए सरकार रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. इसके लिए नई नीतियां और प्लेटफॉर्म लगातार बनाए जा रहे हैं, ताकि भारत वैश्विक EV मानकों पर खरा उतर सके.
भारत की बढ़ती ताकत और EV इंडस्ट्री
- बता दें कि भारत इस समय दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और निकट भविष्य में इसके तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है. EV इंडस्ट्री में यह कदम भारत को सस्टेनेबल ट्रांसपोर्टेशन का ग्लोबल लीडर बना सकता है. पिछले कुछ सालों में घरेलू बाजार में EV की डिमांड और बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है. भारतीय कंपनियां अब न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के कई देशों में अपनी EV भेजने की तैयारी कर रही हैं.
अवसर और चुनौतियां
- जिन कंपनियों के पास पहले से अंतरराष्ट्रीय अनुभव है, उन्हें सरकार की नई नीतियों से फायदा मिलेगा. वहीं, बाकी कंपनियों को अपनी रिसर्च, डिजाइन और क्वॉलिटी में सुधार लाना होगा ताकि वे ग्लोबल क्वालिटी स्टैंडर्ड्स पर खरी उतर सकें.
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