कोरोना काल में नई कारों की तुलना में सेकंड हैंड कारों की मांग में इजाफा देखने को मिला है. अगर आपका बजट कम है और आपका कार खरीदने का सपना है तो सेकेंड हैंड कार आपके लिए बढ़िया ऑप्शन साबित हो सकता है. लेकिन सेकंड हैंड कार खरीदने के जहां कुछ फायदे हैं वहीं इसके कई नुकसान भी हैं. आइए जानते हैं सेकेंड हैंड कारों के नुकसान और फायदे के बारे में.
सेकंड हैंड कार खरीदने के फायदेजिन लोगों के पास नई कार खरीदने का बजट नहीं होता लेकिन उनका सपना एक कार खरीदने का होता है. क्योंकि कार नई हो या पुरानी, खुद की कार की बात ही अलग होती है. इतना ही नहीं जो लोग कार चलाना सीख रहे हैं उनके लिए भी उनके लिए भी सेकंड हैंड कार ही बेहतर ऑप्शन होती है, क्योंकि यदि कोई डेंट या स्क्रैच पड़ भी जाए तो ज्यादा दुख नहीं होता. सेकंड कार का एक बड़ा फायदा यह होता है कि यदि आपने एक कार एक लाख रुपये की कीमत में खरीदी हैं तो कुछ समय बाद इस्तेमाल करने पर आपको उसके अच्छे दाम मिल जाते हैं. कई बार तो ऐसा होता है सेकंड़ हैंड कार प्रीमियम फीचर्स के साथ नई कार के मुकाबले आधे दामों पर मिल जाती है.
मिल सकती है अच्छी डीलभारी मात्रा में ग्राहकों के लिए बाजार में सेकंड़ हैंड कारों के मॉडल्स, ब्रांड्स और कलर्स उपलब्ध हैं जो दिखने में नई कार को टक्कर देती हैं. थोड़ी मेहनत की जाए तो कम कीमत में एक अच्छी सेकंड हैंड कार आपको आसानी से मिल जाएगी. ब्रांड न्यू कार शोरूम से निकल कर रोड पर आते ही उसके दाम गिर जाते हैं. इसलिए ग्राहक टॉप मॉडल कार को खरीदना पसंद करते हैं जो एक या दो साल पुरानी हो.
सेकंड हैंड कार के नुकसानअगर आप EMI पर पुरानी कार खरीदने जा रहे हैं तो याद रखें कि नई कार के मुकाबले पुरानी कार में ब्याज दर ज्यादा होती है. ज्यादातर लोग पुरानी कार को भी EMI पर खरीदते हैं क्योंकि कैश की दिक्कत होती है, इसलिए वे लोग लोन लेकर गाड़ी खरीदते हैं. नई कारों पर आसानी से जीरो पर्सेंट लोन्स और फाइनेंस भी मिल जाता है जबकि पुरानी कार पर इस तरह की स्कीम नहीं मिल पाती.
बढ़ सकता है मेंटेनेंस का खर्चाअक्सर देखने में आता है कि पुरानी कार खरीदने के बाद भी लोग उसमें आए दिन पैसा लगाते रहते हैं, जिसकी वजह से उनका खर्चा काफी बढ़ जाता है. कई बार पुरानी कार के इंजन और ट्रांसमिशन के बारे में भी किसी तरह की कोई जानकारी नहीं मिल पाती और कार की अच्छी हालत होते हुए भी इनमें खराबी आ जाती है. पुरानी कार खरीदते समय पहले कार का पुराना रिकॉर्ड, मेंटेनेंस रिकॉर्ड, टर्म्स एंड कंडीशन, पेपरवर्क आदि की जांच कर लेनी चाहिए. ऐसा करने से आपको फायदे का सौदा साबित होगा.
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