सरकार कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम करने और ग्रीन मोबिलिटी को अपनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट और शेयर मोबिलिटी सर्विस को अल्टरनेटिव प्यूल से कन्वर्ट करने की कोशिश की जा रही है और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में हाइड्रोजन फ्यूल बसों की टेस्टिंग भी हो रही है. हालांकि पश्चिम भारत में प्रोटोटाइप का टेस्ट इंट्रा सिटी कम्यूट के लिए किया जा रहा है.
अब भारत की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड दिल्ली से जयपुर के लिए प्रीमियम हाइड्रोजन फ्यूल बस सर्विस शुरू करने की योजना बना रही है और यह पहली एफसीईवी बस सर्विस होगी जिसका इस्तेमाल इंटरसिटी आवागमन के लिए किया जाएगा. इस सर्विस को शुरू करने के लिए फिलहाल कोई टाइमलाइन तय नहीं की गई है.
हाइड्रोजन फ्यूल बस के बाद इलेक्ट्रिक बस चलाने की भी योजना दिल्ली में गो इलेक्ट्रिक कैंपेन के शुभारंभ पर ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने शुक्रवार को कहा,“ हम दिल्ली से जयपुर के लिए प्रीमियम हाइड्रोजन फ्यूल बस सेवा शुरू करने की योजना बना रहे हैं और धीरे-धीरे हम इसी रूट पर इलेक्ट्रिक बस चलाने का भी प्रयास करेंगे."ऊर्जा मंत्री ने कहा कि नई बस सर्विस इंटरसिटी आवागमन में फ्यूल सेल बसों की व्यवहारिकता का टेस्ट करने और पारंपरिक आईसीई बस सर्विस की तुलना में किफायती क्षमता का विश्लेषण करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट होगी. हालांकि अभी तक इसकी टाइमलाइन नहीं दी है.
मार्च में लॉन्च होगा इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर यह बदलाव सिर्फ सार्वजनिक परिवहन पर केंद्रित नहीं है. इसी कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि मार्च के महीने में वह देश में नए इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर लॉन्च करेंगे. महाराष्ट्र में सरकार इंटरसिटी आवागमन के लिए 40,000 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की कोशिश कर रही है.
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