दिल्ली में पुराने वाहनों पर लगी सख्ती से फिलहाल राहत दी गई है, लेकिन यह राहत अस्थायी है. यहां 1 नवंबर 2025 से पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर फ्यूल न देने और जुर्माना लगाने जैसे सख्त नियम फिर से लागू होंगे. अब यह नियम सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि NCR के पांच अन्य जिलों में भी लागू होगा.
दरअसल, ये फैसला वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग CAQM (Commission for Air Quality Management) की ओर से मंगलवार, 8 जुलाई 2025 को हुई बैठक में लिया गया है, जिसमें पर्यावरण सचिव भी शामिल थे. इस बैठक में Direction 89 आदेश को संशोधित करते हुए तय किया गया कि अब EoL (End-of-Life) वाहनों को पेट्रोल पंप से फ्यूल नहीं दिया जाएगा.
क्या है No Fuel पॉलिसी?
- नो फ्यूल पॉलिसी के तहत ऐसे वाहन जिनकी निर्धारित उम्र पूरी हो चुकी है (10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन), उन्हें फ्यूल स्टेशनों पर फ्यूल नहीं मिलेगा.
- इस तरह के वाहनों को चलने से रोका जाएगा ताकि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके
- इसका मकसद यह है कि बिना फ्यूल के ये वाहन खुद-ब-खुद सड़कों से हट जाएं, जिससे दिल्ली-NCR की हवा को कुछ राहत मिल सके.
किन-किन शहरों में लागू होंगे ये नियम?
- 1 नवंबर 2025 से "नो फ्यूल पॉलिसी" को दिल्ली सहित NCR के 5 प्रमुख जिलों में पूरी तरह से लागू किया जाएगा.
- दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, सोनीपत और गौतम बुद्ध नगर (नोएडा). इन सभी जिलों में CAQM का Direction 89 पूरी तरह से प्रभावी होगा,
- इसके तहत तय उम्र पार कर चुके पुराने वाहनों को न केवल फ्यूल देने से रोका जाएगा, बल्कि उन पर कड़ी निगरानी और कार्रवाई भी की जाएगी.
यह फैसला क्यों लिया गया?
- CAQM ने इस नीति को स्थगित करने का निर्णय कोई राहत नहीं, बल्कि तैयारी का समय बताया है.
- अभी सिस्टम को लेकर कुछ तकनीकी और प्रैक्टिकल चुनौतियां सामने आ रही थीं, जिन्हें दूर करने के लिए सरकार और एजेंसियों को थोड़ा एक्स्ट्रा समय दिया गया है.
- इसका उद्देश्य यह है कि राज्य सरकारें, पुलिस और फ्यूल स्टेशन ऑपरेटर्स बेहतर समन्वय के साथ इस नीति को लागू कर सकें. साथ ही, ये समय गाड़ी मालिकों को भी अपने पुराने वाहनों के लिए विकल्प तलाशने का मौका देगी.
अब तक क्या-क्या हो चुका है?
- 1 जुलाई 2025 से दिल्ली में पुराने वाहनों को पेट्रोल पंप पर फ्यूल देना बंद कर दिया गया था.
- इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 10,000 तक का जुर्माना भी लगाया जा रहा था, लेकिन वाहन मालिकों के विरोध के कारण, और मौजूदा व्यवस्था में कुछ कमियों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने इस पॉलिसी को पूरे NCR क्षेत्र में एकसाथ लागू करने की सिफारिश की थी.
- सिफारिश के बाद दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने CAQM को पत्र लिखकर नीति को 1 नवंबर तक टालने की औपचारिक अपील की थी, जिसे मंजूरी दी गई.
अब वाहन मालिकों को क्या करना चाहिए?
- यदि आपके पास ऐसा वाहन है जो 10 साल पुराना डीजल या 15 साल पुराना पेट्रोल वाहन है, तो आपको अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए.
- अपने पुराने वाहन को स्क्रैप कराएं ताकि वह रजिस्ट्रेशन से हटाया जा सके. यदि बजट अनुमति दे तो वाहन को इलेक्ट्रिक वाहन से रिप्लेस करें, जो पर्यावरण के लिहाज से भी बेहतर विकल्प है.
- या अपने वाहन को किसी ऐसे शहर में ट्रांसफर करें, जहां फिलहाल यह नीति लागू नहीं हो रही है.
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