भारत में हर दिन ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के हजारों चालान काटे जाते हैं. कुछ लोग मौके पर ही जुर्माना भर देते हैं, जबकि कई चालान सीधे कोर्ट भेज दिए जाते हैं. ऐसे मामलों का निपटारा अक्सर लोक अदालत में जल्दी और आसान तरीके से किया जाता है. अगर आप भी अपने पुराने ट्रैफिक चालान को माफ करवाने का मौका ढूंढ रहे थे, तो कल यानी 13 दिसंबर 2025 को आपके पास यह आखिरी मौका हो सकता है, क्योंकि साल की अंतिम Lok Adalat आयोजित होने जा रही है.

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कैसे होती है लोक अदालत में सुनवाई?

  • दरअसल, लोक अदालत में ऐसे मामलों को कम खर्च और कम समय में निपटाया जाता है, जिन्हें कोर्ट में लंबे समय तक चलाया जाता. यहां छोटे ट्रैफिक चालान वाले मामलों में कई बार जुर्माना पूरी तरह से माफ कर दिया जाता है या फिर काफी कम राशि लेकर मामला खत्म कर दिया जाता है. इस वजह से बहुत से लोग अपने चालान निपटाने के लिए लोक अदालत का इंतजार करते हैं. ये व्यवस्था लोगों के समय और पैसे दोनों की बचत करती है.

किन चालानों पर हो सकती है सुनवाई?

  • लोक अदालत में सामान्य ट्रैफिक उल्लंघनों जैसे बिना हेलमेट चलाना, सीट बेल्ट न लगाना, गलत पार्किंग, ट्रैफिक सिग्नल तोड़ना, प्रदूषण प्रमाणपत्र न होना और इंश्योरेंस खत्म होने जैसे चालानों पर सुनवाई होती है. ऐसे मामलों में अक्सर चालान माफ या कम कर दिए जाते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में राहत नहीं मिलती. जैसे शराब पीकर ड्राइविंग, जानलेवा ड्राइविंग, हिट एंड रन जैसे मामले लोक अदालत में माफ नहीं होते, क्योंकि ये अपराध गंभीर श्रेणी में आते हैं.

ये दस्तावेज साथ ले जाना जरूरी

  • लोक अदालत में जाने से पहले आपको एक टोकन लेना होता है, जो आपकी सुनवाई का क्रम तय करता है. इसके साथ आपको अपने पास चालान की कॉपी, वाहन का रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड या वोटर आईडी जैसे पहचान पत्र साथ ले जाने चाहिए. इन दस्तावेजों की वजह से आपका केस तुरंत देखा जाता है और समय भी कम लगता है. सही तैयारी के साथ आप अपने पुराने ट्रैफिक चालानों का निपटारा आसानी से करा सकते हैं.

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