Jaguar Land Rover US Exports: जगुआर लैंड रोवर (JLR) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए 25 फीसदी टैरिफ के कारण एक महीने के लिए रोके गए कार शिपमेंट को फिर से शुरू कर दिया है. कंपनी ने 1 मई 2025 को अमेरिका के लिए नई खेप भेज दी है. लंदन टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, JLR की पहली खेप हाल ही में ब्रिटेन से अमेरिका रवाना हुई. इस टैरिफ की वजह से अप्रैल 2025 में जेएलआर को अपनी कारें अमेरिका भेजनी अस्थायी रूप से बंद करनी पड़ी थी.
US अमेरिका है जेएलआर के लिए अहम बाजार
कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिका उनके लग्जरी कार ब्रांड्स के लिए एक बहुत अहम बाजार है. उन्होंने कहा, “हम अमेरिका के नए व्यापार नियमों को समझने और उनसे सामंजस्य बैठाने के लिए अपने पार्टनर्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. फिलहाल हम अपनी शॉर्ट टर्म रणनीतियाँ लागू कर रहे हैं, जबकि मिड और लॉन्ग टर्म योजनाओं पर काम जारी है.”
क्या है टैरिफ का असर और सरकार की रणनीति?
जेएलआर अकेली कंपनी नहीं है जिसे अमेरिका के टैरिफ का सामना करना पड़ा. एस्टन मार्टिन जैसी अन्य ब्रिटिश लग्जरी कार कंपनियां भी इससे प्रभावित हुईं. ट्रंप सरकार ने 3 अप्रैल 2025 से सभी इंपोर्टेड कारों और लाइट ट्रकों पर 25% टैरिफ लागू किया था. इसके बाद उन्होंने कहा कि वो आयात पार्ट्स और मटेरियल पर राहत देने के लिए एक्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी करेंगे.
अमेरिका क्यों है इतना जरूरी?
बता दें कि ब्रिटिश ऑटो इंडस्ट्री में सीधे तौर पर 2 लाख लोग काम करते हैं. उद्योग संगठन SMMT के अनुसार, यूरोपीय संघ के बाद अमेरिका ब्रिटेन निर्मित कारों का दूसरा सबसे बड़ा इंपोर्टर है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 20% है. इससे ये साफ है कि अमेरिका में निर्यात रुकने से न केवल कंपनी को नुकसान होता है, बल्कि ब्रिटिश ऑटो सेक्टर पर भी बड़ा असर पड़ता है.
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