Check Electric Vehicle Gradeability: पेट्रोल-डीजल के दामों में होती बढ़ोत्तरी के चलते, अब ज्यादातर लोगों का झुकाव इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ होता जा रहा है. लेकिन बहुत कम लोग ही ऐसे हैं, जो वाहन की पावर के साथ उसे पसंद करते हैं. ज्यादातर खरीददार गाडी की डिज़ाइन और फीचर देखकर ही पसंद कर लेते हैं. चाहे टू-व्हीलर हो या फोर-व्हीलर. लेकिन अगर आप इलेक्ट्रिक व्हीकल लेने से पहले उसकी ग्रेडेबिलिटी चेक कर लेते हैं, तो आपको बाद में पछताना नहीं पड़ेगा. खासकर तब तो जरूर चेक करनी चाहिए, जब आप पहाड़ी जगह पर रहते हों. हम आपको बताने जा रहे हैं कि इसे कैसे चेक करते हैं.

ग्रेडेबिलिटी चेक क्यों?

मन में सबसे पहला सवाल आता है क्या इसे चेक करना जरूरी है? जी हां, इलेक्ट्रिक वाहन लेते समय इसे चेक करना बिलकुल जरूरी है. अगर आप केवल फीचर और डिज़ाइन देखकर ही इलेक्ट्रिक व्हीकल ले आएंगे, तो हो सकता है बाद में आपको पछताना पड़े. इसलिए ग्रेडेबिलिटी चेक में आपको व्हीकल की पावर का अंदाजा लग जाता है. कि जरुरत पड़ने पर यह कितनी ऊंचाई तक चढ़ सकती है. अगर आप पहाड़ी क्षेत्र में रहते हैं, तब तो ये चेक करना आपके लिए और भी जरूरी हो जाता है.

खुद करें चेक

इसके लिए आप इलेक्ट्रिक व्हीकल को खुद चलाकर देखें. अगर आप टू-व्हीलर चलाकर चेक कर रहे हैं, तो उस पर दो लोग बैठें और उसे ऐसी जगह पर चलाएं, जहां ऊपर की ओर चढ़ाई हो. जिससे आपको व्हीकल की पावर का अंदाजा लग सके.

ग्रेडेबिलिटी का प्रतिशत

ग्रेडेबिलिटी का अलग-अलग क्राइटेरिया होता है. जैसे 20% ग्रेडेबिलिटी का मतलब, यह व्हीकल आसानी से 11.31 डिग्री की ऊंचाई चढ़ सकता है. 100% ग्रेडेबिलिटी का मतलब, व्हीकल 45 डिग्री की ऊंचाई तक चढ़ सकता है. यानि कहीं जाते वक्त आपको रास्ते में 45 डिग्री ऊंचाई की चढ़ाई मिलती है, तो आपकी गाड़ी बीच में बिना रुके चढ़ती हुई चली जाएगी.

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