आप अपने परिवार या खुद के लिए कार खरीदते हैं, तो अन्य फीचर्स के साथ ही सुरक्षा फीचर्स पर पर भी कड़ा ध्यान देते हैं, क्योंकि इससे समझौता नहीं किया जा सकता है. आपने क्रैश टेस्टिंग के बारे में तो सुना ही होगा? अगर नहीं पता है तो हम बता देते हैं. कार की मजबूती या सेफ्टी का अंदाजा अब क्रैश टेस्ट और सेफ्टी रेटिंग से लगाया जाता है. ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) द्वारा कारों का क्रैश टेस्ट किया जाता है और उसी के हिसाब से रेटिंग दी जाती है. टेस्ट में गाड़ी की सेफ्टी का पता आराम से चल जाता है. आपको बता दें कि हर साल एक लाख से ज्यादा लोग सड़क हादसे में मर जाते हैं, ऐसे में हमें अपनी सेफ्टी के बारे में जानना बेहद जरूरी है, तो आइए जानते हैं.
क्या है सेफ्टी रेटिंग?न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) द्वारा कारों का क्रैश टेस्ट किया जाता है. कार क्रैश होने के बाद कार के एयरबैग्स, एबीएस, ईबीडी, स्पीड अलर्ट, सेफ्टी बेल्ट, जैसे फीचर्स को चेक करके कारों की रेटिंग तय की जाती है. कार की सेफ्टी रेटिंग क्रैश टेस्ट करने के बाद जारी किया जाता है.
कैसे किया जाता है कार क्रैश टेस्ट?क्रैश के समय कार के अंदर डमी को सीट पर बैठाया जाता है. इसके बाद कार को हाई स्पीड से किसी हार्ड ऑब्जेक्ट के साथ टक्कर मारी जाती है. कार में सीट के हिसाब से चार से पांच डमी या कम डमी भी बैठाई जा सककी हैं. इसमें बैक सीट पर बच्चे की डमी भी रखी जाती है, जिससे चाइल्ड सेफ्टी चेक की जाती है.
कैसे करते हैं विश्लेषण?कार को क्रैश कराने के बाद एयरबैग को चेक किया जाता है कि आखिर एयरबैग टक्कर के तुरंत बाद ओपन हुआ या नहीं हुआ. डमी को देखकर उसके डैमेज के हिसाब से इसका अंदाजा लगाया जाता है. वहीं, कार के दूसरे सेफ्टी फीचर्स को चेक किया जाता है कि उन्होंने पैसेंजर्स को कितना सेफ किया. कई महत्वपूर्ण बिंदु के बेस पर कार की रेटिंग तय की जाती है.
यह भी पढ़ें-Scram 411 से लेकर RC390 तक... बाजार में आने वाली हैं ये प्रीमियम बाइक्स, जानें लेटेस्ट जानकारीKia Seltos और Hyundai Creta में कौन बेहतर? जानें कीमतें, फीचर्स और माइलेज
Car loan Information:
Calculate Car Loan EMI