कार चलाना कोई बड़ा काम नहीं है लेकिन फिर भी लोग अक्सर ड्राइविंग के वक्त कुछ गलती कर बैठते हैं, जिसके कारण कई बार हादसा भी हो जाता है. कार चलाते समय ड्राइवर्स रियर और साइड मिरर का यूज करते हैं. रियर और साइड मिरर ड्राइविंग के दौरान बेहद मददगार होते हैं. आज हम आपको रियर और साइड मिरर से जुड़ी कुछ ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं जिसके बारे में कार चलाने और सीखने वाले व्यक्ति को पता होना चाहिए. क्या आप जानते हैं कि कई बार रियर मिरर और राइड मिरर हादसे का कारण बन जाते हैं?आज हम आपको इसी से जुड़ी अहम बातें बताने जा रहे हैं.

ठीक से सेट करें मिररकार चलाते वक्त बाईं तरफ के साइड मिरर को लोग कई बार ठीक से सेट नहीं करते हैं, जो दुर्घटना का कारण बन जाता है. अक्सर देखने को मिलता है कि लोग ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं. जिस वजह से कुछ चालक दाईं ओर से ओवरटेक करने के बजाए बाईं ओर से भी ओवरटेक करते हैं. सबसे अधिक बाइक चलाने वाले लोग ऐसा करते हैं. जो कई बार एक्सीडेंट का कारण बन जाता है. इसलिए आप हमेशा अपने बाईं तरफ के साइड मिरर को सेट करके रखें. इससे आपको ड्राइविंग करते समय बेहद मदद मिलेगी.

ब्लाइंड स्पॉट के बारे में जानेंअगर आपने हाल फिलहाल में गाड़ी चलानी सीखी है तो आपको ब्लाइंड स्पॉट के बारे में जरूर जानना चाहिए. क्योंकि ब्लाइंड स्पॉट कई बार सड़क हादसों का कारण बनता है. जब पीछे से आ रही गाड़ी आपकी गाड़ी के बराबर आ जाती है तो माइक्रो सेकेंड्स के लिए साइड मिरर में नजर नहीं आती है. इसे ब्लाइंड स्पॉट कहा जाता है.

पीछे न रखें ज्यादा सामानअक्सर देखने को मिलता है कि लोग गाड़ी के पीछे की साइड में काफी अधिक सामान रख देते हैं, जिस वजह से रियर व्यू मिरर बेकार हो जाता है. ऐसा करके आप अपनी और अगर गाड़ी में साथ कोई सफर कर रहा है उसकी जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं.

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