Car Loans In India: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 6 जून 2025 को रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 5.5% कर दिया है. इससे पहले फरवरी और अप्रैल में भी दो बार रेपो रेट घटाया गया था. इस साल कुल मिलाकर 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो चुकी है. इससे बैंकों के लिए सस्ते ब्याज दर पर लोन देना आसान हो गया है, जिसका सीधा लाभ लोन लेने वाले ग्राहकों को मिलेगा.
विशेष रूप से कार, बाइक और टू-व्हीलर लोन की ब्याज दरों में राहत मिलने की उम्मीद है, जिससे EMI कम हो सकती है और ऑटो सेल्स को और गति मिल सकती है.
ऑटो इंडस्ट्री ने कैसे किया स्वागत?
ACMA (ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन)ACMA की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह ने RBI के इस फैसले को MSME और ऑटो सेक्टर के लिए सकारात्मक बताया है. उनका कहना है कि रेपो रेट में कटौती और CRR (कैश रिजर्व रेशियो) में राहत से छोटे और मझोले ऑटो कंपोनेंट उद्योगों को अपने वर्किंग कैपिटल की जरूरतें पूरी करने में मदद मिलेगी. इससे घरेलू मांग में इजाफा होगा और भारत का ऑटो पार्ट्स सेक्टर Global Competition में बना रहेगा.
Hyundai Motor India
कंपनी के COO तरुण गर्ग ने कहा कि रेपो रेट कटौती से बैंकिंग सिस्टम में तरलता (liquidity) बढ़ेगी, जिससे ग्राहकों की EMI घटेगी और उपभोग बढ़ेगा. यह देश की आर्थिक रिकवरी को तेज करेगा और ऑटो सेक्टर को मजबूती देगा.
Mahindra Group
महिंद्रा ग्रुप के CEO अनिश शाह ने RBI के इस निर्णय को देश की आर्थिक मजबूती का संकेत बताया. उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में कटौती से ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट और MSME सेक्टर्स में निवेश और खपत को बढ़ावा मिलेगा. इससे लोन लेना सस्ता होगा, मांग बढ़ेगी और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को रफ्तार मिलेगी.
Renault India
Renault India के CEO वेंकटराम ममिल्लापल्ले के अनुसार, रेपो रेट और CRR में कटौती से करीब 2.5 लाख करोड़ की अतिरिक्त तरलता बैंकिंग सिस्टम में आएगी. इससे एंट्री और मिड-सेगमेंट कारों की फाइनेंसिंग आसान होगी. उनका यह भी मानना है कि आने वाले त्योहारी सीजन में, जब निजी खपत बढ़ेगी, तब यह राहत बिक्री को नई ऊंचाई पर ले जा सकती है.
Hinduja Leyland Finance
कमर्शियल वाहन फाइनेंस पर काम कर रही कंपनी हिंदूजा लेलैंड फाइनेंस के MD और CEO सचिन पिल्लै ने कहा कि यह कटौती सही समय पर हुई है. छोटे ट्रांसपोर्टर्स और ग्रामीण उद्यमियों के लिए सस्ते लोन अब अधिक उपलब्ध होंगे, जिससे माल ढुलाई और इंफ्रास्ट्रक्चर गतिविधियों में तेजी आएगी.
EMI और कार लोन पर क्या असर पड़ेगा?
रेपो रेट में कटौती का सीधा असर कार लोन की ब्याज दरों पर होता है. जब बैंकों को RBI से सस्ता लोन मिलता है, तो वे ग्राहकों को भी लो इंटरेस्ट लोन देते हैं. जिसके चलते कार लोन पर ब्याज दरें घटेंगी, ग्राहकों की EMI कम होगी, नए खरीदारों के लिए गाड़ियां अधिक किफायती बनेंगी, फाइनेंसिंग रेट बेहतर होंगे.
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