Yogini Ekadashi 2021: पंचांग के अनुसार 05 जुलाई 2021, सोमवार को आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है. इस एकादशी की तिथि को योगिनी एकादशी कहा जाता है. एकादशी व्रत को सभी व्रतों में विशेष बताया गया है. आषाढ़ मास में आने वाली एकादशी को व्रत रखने से जीवन की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. एकादशी व्रत का महत्व महाभारत की कथा में भी बताया गया है. भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर और अर्जुन को एकादशी व्रत के महामात्य के बारे में बताया था. युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर इस व्रत को विधि पूर्वक पूर्ण किया था.

योगिनी एकादशी कब है?योगिनी एकादशी व्रत: 5 जुलाई 2021, सोमवार

योगिनी एकादशी मुहूर्त (Ekadashi 2021 Date And Time)

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ: 04 जुलाई 2021, प्रात: 07 बजकर 55 मिनट से.
  • एकादशी तिथि समाप्त: 05 जुलाई 2021 प्रात: 10 बजकर 30 मिनट पर.
  • योगिनी एकादशी व्रत का पारण मुहूर्त: 06 जुलाई,प्रात: 05 बजकर 29 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट तक.

05 जुलाई 2021 पंचांग (Panchang 05 July 2021)विक्रमी संवत्: 2078मास पूर्णिमांत: आषाढपक्ष: कृष्णदिन: सोमवारतिथि: एकादशी - 22:33:12 तकनक्षत्र: भरणी - 12:12:32 तककरण: बव - 09:15:15 तक, बालव - 22:33:12 तकयोग: धृति - 13:27:53 तकसूर्योदय: 05:28:04 AMसूर्यास्त: 19:22:53 PMचन्द्रमा: मेष राशि - 18:59:59 तकद्रिक ऋतु: वर्षाराहुकाल: 07:12:25 से 08:56:46 तक (इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है)शुभ मुहूर्त का समय - 11:57:39 से 12:53:18 तकदिशा शूल: पूर्वअशुभ मुहूर्त का समय -दुष्टमुहूर्त: 12:53:18 से 13:48:57 तक, 15:40:16 से 16:35:55 तककुलिक: 15:40:16 से 16:35:55 तककालवेला / अर्द्धयाम: 10:06:20 से 11:02:00 तकयमघण्ट: 11:57:39 से 12:53:18 तककंटक: 08:15:02 से 09:10:41 तकयमगण्ड: 10:41:08 से 12:25:28 तकगुलिक काल: 14:09:49 से 15:54:10 तक

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एकादशी व्रत की आरती (Ekadashi Aarti)ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता ।विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ॐ जय एकादशी...।।

तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी।गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।। ॐ जय एकादशी...।।

मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।। ॐ जय एकादशी...।।पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है,शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।। ॐ जय एकादशी...।।

नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।।ॐ जय एकादशी...।।

विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की।। ॐ जय एकादशी...।।

चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली।। ॐ जय एकादशी...।।

शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।। ॐ जय एकादशी...।।

योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।। ॐ जय एकादशी...।।

कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।। ॐ जय एकादशी...।।

अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।। ॐ जय एकादशी...।।पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी।। ॐ जय एकादशी...।।

देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।। ॐ जय एकादशी...।।

परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी ।। ॐ जय एकादशी...।।

जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।। ॐ जय एकादशी...।।

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