अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है. करोड़ों लोग इस सपने को साकार करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं. वास्तु शास्त्र घर से जुड़ी हर समस्या का समाधान प्रस्तुत करता है.

नया घर खरीदते समय हम काफी चीजों पर ध्यान देते हैं, जैसे घर कितना बड़ा होना चाहिए, या घर का बजट, लेकिन ज्यादातर लोग वास्तु के नियमों की अनदेखी कर देते हैं. वास्तु के नियमों की अनदेखी भविष्य में आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है.

हम आपके बता रहे हैं ऐसी ही कुछ जरूरी बातें जिन्हें आप नया घर खरीदते समय हमेशा ध्यान में रखें-

  • सूर्य की किरणों सकारात्मक ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत हैं. इसलिए नया घर खरीदते समय यह जरूर ध्यान रखें घर में सूर्य की किरणें पहुंचती हों.
  • घर का मुख्य द्वार पूर्वी ईशान, उत्तरी ईशान, दक्षिणी आग्नेय और पश्चिमी वायव्य में होना चाहिए. घर के मुख्य द्वार के सामने बिजली का खंभा, बड़ा वृक्ष, गड्ढा, अस्पताल और मंदिर न हो.
  • मास्टर बेडरूम हमेशा नैऋत्य कोण (दक्षिण और पश्चिम की संधि दिशा) में बना हो नहीं तो गृहस्वामी को विभिन्न प्रकार के कष्ट होत हैं.
  • घर का बाथरूम ईशान कोण (पूर्व और उत्तर की संधि दिशा) और नैऋत्य कोण (दक्षिण और पश्चिम की संधि दिशा) में होना चाहिए.  इस बात का ध्यान रखें कि घर का बाथरूम बीचों बीच नहीं होना चाहिए.
  • घर की बालकनी की दिशा उत्तर या पूर्व में होनी चाहिए.
  • घर की दक्षिण-पूर्व दिशा (आग्नेय-कोण) को किचन के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। आग्नेय दिशा की तरफ पूर्व में या फिर उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ पश्चिम दिशा में भी रसोई बनाई जा सकती है. किचन कभी भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं होनी चाहिए.

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