वास्तु शास्त्र हमारे जीवन के साथ गहराई से जुड़ा है. घर का निर्माण यदि वास्तु के नियमों के मुताबिक न हो तो जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व अगर सही दिशा में कोई काम न किया जाए तो कार्य सफल नहीं होगा. हमारे दैनिक जीवन के कई काम ऐसे हैं जिनकी सही दिशा जानना जरूरी है. हम आपको रोजमर्रा के कुछ ऐसे ही कामों के बारे में बता रहे हैं जिनकी सही दिशा की जानकारी होना जरूरी है. पूजा का स्थान: पूजा का स्थान इस तरह से बनाना चाहिए कि पूजा करते समय आपका मुख उत्तर-पूर्व या फिर उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए, घर में मंदिर उत्तर पूर्व कोने में बनाना चाहिए, इसे घर का ईशान कोण भी कहा जाता है. भोजन करते समय: वास्तु शास्त्र में भोजन करने की भी सही दिशा बताई गई है. भोजन करते समय भोजन की थाली दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए और आपका मुख को पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. सोते समय:  शयन कक्ष में अपने सोने के बिस्तर या पलंग को  दक्षिण और उत्तर दिशा में रखना चाहिए.  अपने बेड को इस तरह से रखें कि सोते समय  आपका मुख दक्षिण दिशा की तरफ और आपके पैर उत्तर दिशा की तरफ होने चाहिए. पानी  का स्थान: वास्तु शास्त्र के मुताबिक जल का बहाव गलत दिशा में होने से घर में आर्थिक परेशानियां आती हैं. घर के उत्तर पूर्व दिशा में जल का स्थान बनवाएं, और उस जगह से पूरे घर में पानी की सप्लाई का प्रबंध करें. यह भी पढ़ें: फारूक अब्दुल्ला का पाकिस्तानी विदेश मंत्री को जवाब- हम किसी के हाथों की कठपुतली नहीं हैं