झाड़ू(Broom) एक उपयोगी वस्तु है. जिसका इस्तेमाल हर घर में ज़रुर होता है. अक्सर हम घर में झाड़ू का कोई ध्यान ना रखते हुए काम होने के बाद घर के बेकार से कोने में पटक देते हैं. लेकिन वास्तु की दृष्टि से झाड़ू बेहद ही खास चीज़ है बल्कि वास्तु शास्त्र में इसे मां लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है. जिससे संबंधित कुछ विशेष बातों का ध्यान अवश्य तौर पर रखना ही चाहिए. अन्यथा इसके दुष्परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं. तो चलिए बताते हैं झाड़ू से संंबंधित कुछ विशेष नियम जिनका पालन आपको अवश्य रूप से करना चाहिए.



झाड़ू से संबंधित कुछ विशेष बातें


सूर्यास्त के बाद ना लगाएं झाडू


संभव हो तो शाम के वक्त झाड़ू लगाने से बचना चाहिए. कहते हैं कि सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने से मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं लेकिन अगर किसी वजह से शाम को झाड़ू लगानी भी पड़े तो उस वक्त कूड़े या घर से निकली मिट्टी को घर से बाहर नहीं फेंकना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है.



इस दिन खरीदें नई झाड़ू


जी हां….झाड़ू कब खरीदें वास्तु शास्त्र में इसका भी ज़िक्र है. कहा जाता है कि आपको अगर झाड़ू खरीदनी हो तो कृष्णपक्ष में झाड़ू की खरीददारी शुभ मानी जाती है, वहीं भूलकर भी शुक्लपक्ष में झाडू ना खरीदें. क्योंकि इसे अशुभता का संकेत माना जाता है. 



सदैव ऐसे रखनी चाहिए झाड़ू


आमतौर पर लोग झाड़ू को खड़ी करके रख देते हैं वास्तु के नज़रिए से ये बिल्कुल भी ठीक नहीं है. क्योंकि झाड़ू को हमेशा ज़मीन पर ही लेटा कर रखना चाहिए. इसके अलावा एक अहम बात का ध्यान हमेशा रखें कि झाड़ू को कभी भी खुले में नहीं रखना चाहिए जिससे सभी की नज़रें उस पर पड़ें बल्कि झाड़ू को छिपाकर रखना चाहिए. 



किस दिशा में रखना उपयुक्त


ये तो आप जानते ही हैं कि वास्तु शास्त्र में दिशाओं का कितना महत्व होता है. इस शास्त्र में झाड़ू रखने की उपयुक्त दिशा भी बताई गई है जिसके मुताबिक झाड़ू दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम दिशा में ही रखनी चाहिए. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है जबकि झाड़ू को भूलकर भी ईशान कोण यानि कि उत्तर पूर्व में ना रखें.  



झाड़ू पुरानी होते ही बदलें


घर में झाड़ू अगर पुरानी हो चुकी है या टूट चुकी है तो उसे तुरंत ही बदल देना चाहिए. क्योंकि टूटी हुई या पुरानी झाड़ू लगाने से घर में दरिद्रता का वास होता है और इससे तमाम तरह की परेशानियां जीवन में आने लगती हैं. 



झाड़ू को न लगाएं पैर


चूंकि झाड़ू देवी लक्ष्मी का स्वरूप मानी गई है लिहाज़ा उसका सदैव ही सम्मान करना चाहिए. झाड़ू को भूलकर भी पैर न लगाएं क्योंकि इसे अप्रत्यक्ष रूप से मां लक्ष्मी का अपमान माना जाता है.