वास्तु शास्त्र में घर के निर्माण से लेकर, दरवाजे, खिड़िकियां, पलंग, पर्दे, तस्वीरें सभी से जुड़े नियम हैं. इन नियमों को अपनाने से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है. वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य दरवाजे और चोखट को विशेष महत्व दिया गया है.
वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि घर की बनावट तक पूर्ण नहीं होगी जब तक मुख्य दरवाजा सही नियमों के तहत न बना हो. इसी के साथ चौखट के बारे में कहा गया कि चौखट होने से घर में नाकारात्मकता और गंदगी का प्रवेश नहीं हो पाता. घर की चौखट मजबूत होने से कोई परिवार में फूट नहीं डाल सकता और घर में शत्रु का प्रवेश नहीं हो सकता है.
हम आपको बता रहे हैं कि घर की चौखट और मुख्य दरवाजे वास्तु के हिसाब से कैसे होने चाहिए:-
- घर की रसोई और मेन गेट पर चौखट जरूर होनी चाहिए.
- वास्तु में लकड़ी की चौखट को शुभ माना गया है. हालांकि मार्बल की चौखट भी बनवाई जा सकती है.
- चौखट की समय-समय पर मरम्मत होनी चाहिए क्योंकि टूटी हुई चौखट को वास्तु शास्त्र में अशुभ माना गया है.
- मुख्य दरवाजे की चौखट बनवाते समय इसके नीचे एक चांदी का तार डलवा दें. मान्यता है कि ऐसा करने घर में शांति बनी रहती है.
- वास्तु शास्त्र में दो पल्ले का दरवाजा शुभ माना गया है. मान्यता है कि घर का मुख्य दरवाजा तो विशेष रूप से दो पल्ले का होना चाहिए.
- घर की दहलीज को पार करते वक्त या फिर घर की दहलीज के अंदर घुसते वक्त उसे नमस्कार करना चाहिए.
- घर की दहलीज पर बैठकर खाने और दहलीज पर पैर पटकने को अशुभ माना गया है.
- दहलीज के सामने कभी भी कूड़ा या गंदगी नहीं होने दें.
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