Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2022 Date, Puja Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व होता है. इस दिन व्रत रखते हुए भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इनकी विधि पूर्वक पूजा करने से भक्तों के सारे कष्ट कट जाते हैं. पंचांग के मुताबिक हर माह में दो चतुर्थी तिथि होती है. दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित है. अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस साल विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर यानी आज कुछ खास और शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. ऐसे शुभ योगों में गणेश भगवान की पूजा का लाभ कई गुना बढ़ जाता है.


विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय का समय


गणेश चतुर्थी पर चंद्रदर्शन के बिना गणेश पूजा अधूरी मानी जाती है और इस व्रत पूजा का पूरा लाभ भी नहीं मिलता है. इसलिए विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश पूजा के बाद रात में चंद्रदर्शन जरूर करें. उसके बाद ही व्रत का पारण करें. पंचांग के अनुसार, आज विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन का चंद्रोदय रात 08 बजकर 26 मिनट पर होगा. व्रती इसके बाद ही व्रत का पारण कर सकते हैं. हालांकि स्थानों के आधार पर चंद्रोदय के समय में कुछ भिन्नता हो सकती है.


संकष्टी चतुर्थी पर बने शुभ योग 2022


विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन कई शुभ योग बन रहें हैं. आज सुबह 07 बजकर 37 मिनट तक वृद्धि योग, इसके बाद ध्रुव योग लग जाएगा. पूजा के लिए ये योग  बहुत ही शुभ माने जाते हैं. वहीं, आज 06: 36 AM से लेकर अगले दिन 06: 05 AM तक सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा. सर्वार्थसिद्धि शुभ कार्यों और पूजा के लिए बेहद शुभ होता है.


विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत और पूजा विधि


गणेश जी की पूजा के लिए सबसे पहले पूजा स्थल की साफ सफाई कर लें. उसके बाद शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें. अब उनका जल से अभिषेक करें. इसके बाद उन्हें वस्त्र, चंदन, सिंदूर, अक्षत्, फूल, पान का पत्ता, सुपारी, हल्दी, गंध, दूर्वा आदि चढ़ाएं. अब धूप, दीप जलाकर गणेश जी के मंत्र ॐ गणपतये नमः का जाप करें. चंद्रोदय के समय चंद्रमा को जल अर्पित करते हुए चंद्र दर्शन करें. तत्पश्चात व्रत पूजा का पारण करें.



 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.