Year 2026 Prediction: खगोलीय और ज्योतिष दृष्टि से साल 2026 को बेहद संवेदनशील माना जा रहा है. नए साल में जहां युद्ध, प्राकृतिक आपदा, आर्थिक संकट, मानवीय संघर्ष जैसी भविष्यवाणियां पहले से ही लोगों को डरा रही थी. वहीं साल 2026 में आसमान से भी कहर बरसने वाला है. इस तरह आने वाला नया साल अनोखी घटनाओं से भरा रहने वाला है.
साल 2026 में आसमान में ब्लड मून और काला सूरज जैसे दुर्लभ घटनाक्रम एक साथ दिखाई देंगे. ज्योतिष शास्त्र में इन घटनाओं को अत्यंत प्रभावी और विनाशकारी संकेतों से जोड़कर देखा जा रहा है. कहा जाता है कि, जब चंद्रमा लाल पड़ता है और सूर्य पर असामान्य काला प्रभाव दिखता है, तो प्रकृति मानवता को किसी बड़े परिवर्तन के लिए चेतावनी देती है. आइए जानते हैं साल 2026 में होने वाली ये आसमानी घटनाएं क्या संकेत दे रही हैं?
काला सूरज का संकेत
साल 2026 में दो सूर्य ग्रहण लगेंगे. पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी 2026 को और दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त को लगेगा. हालांकि दोनों ही ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा. खगोली विज्ञान के अनुसार ग्रहण के दौरान सूर्य असामान्य रूप से धुंधला, काला या छाया आवरण जैसा दिखाई पड़ता है और कई बार तो पूरी तरह के छिप जाता है. सूर्य ग्रहण को सामान्यत: बड़े बदलावों और आपदाओं से जोड़ा जाता है. कई संस्कृतियों में काला सूरज यानी पूर्ण सूर्य ग्रहण को दैवीय प्रकोप या किसी बड़े परिवर्तन का प्रतीक भी माना जाता है.
क्या संकेत दे रहा है लाल चंद्रमा
2 सूर्य ग्रहण के साथ ही साल 2026 में दो चंद्र ग्रहण भी लगेंगे. पहला चंद्र ग्रहण 3 मार्च को लगेगा, जोकि भारत में पूर्ण रूप से दिखाई देगा. वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण 23 अगस्त 2026 को लगेगा. यह आंशिक रूप से भारत में नजर आएगा.
मार्च 2026 में पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा शानदार लाल रंग का नजर आएगा. इसे ब्लड मूल या रक्त चंद्रमा कहा जता है. खगोलीय दृष्टि से ब्लड मून को दुर्लभ नजारा कहा जाता है. लेकिन प्राचीन सभ्यताओं में इसे अक्सर युद्ध, आपदा या बड़े संकटों का अग्रदूत माना जाता रहा है.
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