ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को नवग्रहों का राजा माना जाता है. यह आत्मा, भाग्य, पिता, उच्च पद और नेतृत्व क्षमता का कारक है. कुंडली में सूर्य की स्थिति व्यक्ति के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है. सूर्य जब अन्य ग्रहों के साथ युति (संयोग) करता है, तो यह युति विभिन्न प्रकार के प्रभाव उत्पन्न करती है. आइए, जानते हैं कि सूर्य की विभिन्न ग्रहों के साथ युति का व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है:​

 सूर्य ग्रह क्यों है इतना खास? जैसे पृथ्वी पर जीवन सूर्य की रोशनी से चलता है, वैसे ही कुंडली में सूर्य जीवन के मूल तत्व — आत्मबल, इच्छा-शक्ति और नेतृत्व क्षमता — का प्रतिनिधित्व करता है. यह आपके भीतर की वह चमक है, जिससे आप दूसरों पर प्रभाव छोड़ते हैं.

 सूर्य ग्रह का ज्योतिषीय महत्व

  • प्रमुख प्रतिनिधित्व: आत्मा, पिता, आत्मविश्वास, प्रतिष्ठा, सरकारी पद, राजसत्ता
  • स्वभाव: अग्नि तत्व, पुरुष ग्रह, कड़क लेकिन न्यायप्रिय
  • कारक भाव: नवम भाव (भाग्य), दशम भाव (कर्म)

 जब सूर्य मजबूत होता है: 

  • व्यक्ति आत्मविश्वासी, साहसी और सम्मानित होता है.
  • नेतृत्व की क्षमता प्रबल होती है — ऐसे लोग समाज में आगे बढ़ते हैं.
  • उच्च पदों और सरकारी सेवाओं में सफलता मिलती है.
  • व्यक्ति के पिता और अधिकारी वर्ग से अच्छे संबंध रहते हैं.

 जब सूर्य कमजोर या पीड़ित हो:

  • आत्म-संदेह, हिचकिचाहट और आत्मविश्वास की कमी होती है.
  • बार-बार अपमान या सार्वजनिक छवि खराब हो सकती है.
  • पिता से दूरी या वैचारिक मतभेद संभव है.
  • आंखों, हृदय और त्वचा से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.

 सूर्य का मानसिक और शारीरिक असर

  • मजबूत सूर्य वाले लोग तेज आंखों वाले, आकर्षक चेहरे और दमदार आवाज़ वाले होते हैं.
  • कमजोर सूर्य व्यक्ति को थका हुआ, भ्रमित और कभी-कभी आलसी बना सकता है.
  • मानसिक स्तर पर यह निर्णय क्षमता, आत्म-विश्वास और प्रेरणा से जुड़ा होता है.

 पौराणिक मान्यता और पूजा : हिंदू धर्म में सूर्य देव को "सप्त अश्वों के रथ" पर सवार देवता माना जाता है. ये महर्षि कश्यप और अदिति के पुत्र हैं और नवग्रहों में सबसे प्रमुख हैं. रविवार को सूर्य देव की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है.

सूर्य उपासना के लाभ:

  • शरीर में ऊर्जा का संचार होता है.
  • त्वचा और आंखों की बीमारियों में सुधार आता है.
  • आत्मबल और सोचने की शक्ति बढ़ती है.

 सूर्य के उपाय और रत्नरत्न: माणिक्य (रूबी), जो रविवार के दिन तांबे की अंगूठी में धारण किया जाता है.उपाय:

  • प्रतिदिन सूर्य को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें.
  • "आदित्य हृदय स्तोत्र" का पाठ करें.
  • रविवार को लाल वस्त्र दान करें और नमक रहित भोजन करें.

 सूर्य की युति और अन्य ग्रहों से संबंध

  • सूर्य + ग्रह प्रभाव
  • चंद्रमा माता-पिता से अच्छे संबंध, भावनात्मक स्थिरता
  • मंगल साहस, ऊर्जा, परंतु गुस्से की अधिकता
  • बुध बुद्धिमानी, संवाद में कुशलता
  • गुरु ज्ञान और धार्मिक सोच
  • शुक्र विलासिता, सौंदर्य प्रेम, खर्च बढ़ता है
  • शनि संघर्ष, जिम्मेदारी का दबाव
  • राहु भ्रम, अहंकार और ग्रहण दोष
  • केतु वैराग्य, संदेह, मानसिक अस्थिरता

 सूर्य और ऋतुओं का संबंध: सूर्य हर महीने एक राशि में प्रवेश करता है. यही कारण है कि ऋतुएं बदलती हैं  जैसे मकर राशि में प्रवेश करने से मकर संक्रांति और शिशिर ऋतु की शुरुआत होती है. सूर्य का गोचर सिर्फ ज्योतिषीय नहीं, बल्कि भौगोलिक बदलावों का भी कारण है.

 निष्कर्ष: सूर्य का संतुलन है सफलता की कुंजीअगर जीवन में सम्मान, आत्मविश्वास, सफलता और स्थिरता चाहिए, तो सूर्य ग्रह की स्थिति को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता. यह ग्रह न सिर्फ ऊर्जा देता है, बल्कि आपके व्यक्तित्व को आकार भी देता है. सूर्य की कृपा पाने के लिए नियमित सूर्य उपासना करें, सही उपाय अपनाएं, और अपनी कुंडली में इसकी स्थिति को समझें.

 

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