Shukra Ast 2024: ज्योतिष शास्त्र में शुक्र और गुरु को शुभ तारा माना गया है. शुभ और मांगलिक कार्य करने से पहले इन दोनों के उदित स्वरूप को ध्यान में जरूर रखा जाता है.  शुक्र तारा 25 अप्रैल 2024 को अस्त हो चुका है. वहीं 7 मई को गुरू भी अस्त हो जाएंगे. इन दोनों के अस्त होने पर मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी.


ढाई महीने तक मांगलिक कार्यों पर रहेगी रोक


अब ढाई महीने तक शहनाईयों की गूंज सुनाई नहीं देगी. शुक्र और गुरु के अस्त होने से ढाई महीने तक मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे. ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा के मुताबिक इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि मांगलिक कार्यों पर पूरी तरह रोक रहेगी.


पांच जुलाई को शुक्र के उदय होने के बाद पुन: मांगलिक कार्य हो सकेंगे. धर्म शास्त्रों के अनुसार गुरु-शुक्र के अस्त होने पर विवाह आदि मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं. हालांकि, इस बीच 10 मई को अक्षय तृतीया है.  


इस अबूझ मुहूर्त पर शहर के कई युगल विवाह बंधन में बंधेंगे. इसके बाद नौ से 15 जुलाई के बीच विवाह के छह मुहूर्त हैं. 17 जुलाई को हरिशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा. 


यानी चार महीनों तक विवाह आदि मांगलिक कार्यों पर फिर विराम लग जाएगा. 12 नवंबर को देवोत्थानी एकादशी से विवाह मुहूर्त फिर से शुरू होंगे और 14 दिसंबर तक चलेंगे. नवंबर में विवाह के सात और दिसंबर में आठ मुहूर्त रहेंगे.


ग्रह अस्त होने का प्रभाव


जब कोई ग्रह सूर्य के निकट आ जाता हैए तो उसकी चमक फीकी पड़ जाती है. इस कारण वह आकाश में दिखाई नहीं देता. इसे उस ग्रह का अस्त होना कहते हैं. शुक्र भोग-विलास का नैसर्गिक कारक होने के कारण दांपत्य सुख का प्रतिनिधि होता है. वहीं, गुरु कन्या के लिए पतिकारक होता है. इन दोनों ग्रहों का अस्त होना दांपत्य के लिए अशुभ माना गया है. इसलिए गुरु-शुक्र के अस्त होने की स्थिति में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होते.


ढाई महीने बाद के विवाह मुहूर्त


जुलाई माह: 9, 11, 12, 13, 14, 15 जुलाई शामिल हैं.
नवंबर माह: 12, 17, 18, 23, 25, 27 28 नवंबर.
दिसंबर माह: 2, 3, 4, 6, 7, 10, 11, 14 दिसंबर.


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