Jyeshtha Amavasya 2021: पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या का तिथि का आरंभ 9 जून, बुधवार को दोपहर 02 से आरंभ होगा. धार्मिक दृष्टि से इस अमावस्या का विशेष महत्व है. इस दिन के महत्वपूर्ण व्रत और पर्व इस प्रकार हैं.

  1. शनि जयंती
  2. वट सावित्री पूजा
  3. सूर्य ग्रहण
  4. ज्येष्ठ अमावस्या

शनि जयंती 2021शनि देव का इस दिन जन्म दिन मनाया जाता है, इसी कारण इसे शनि जयंती कहा जाता है. शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त है. शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर अपनी दशा, शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या के दौरान फल प्रदान करते हैं. इस दिन शनि देव से जुड़ी चीजों का दान करना उत्तम माना गया है.

वट सावित्री व्रतवट सावित्री व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखकर बरगद की पूजा अर्चना करती हैं.

सूर्य ग्रहण 202110 जून, गुरुवार की सबसे बड़ी घटनाओं में सूर्य ग्रहण है. इस दिन वृष राशि में सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. ये साल का प्रथम सूर्य ग्रहण है. ग्रहण को खंडग्रास, कंकणाकृती सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है. इस दिन आसमान में रिंग ऑफ फायर की स्थिति बनेगी. जिसे एक अद्भूत नजारे के तौर पर माना जा रहा है.

ज्येष्ठ अमावस्याअमावस्या की तिथि का विशेष धार्मिक महत्व शास्त्रों में बताया गया है, लेकिन ज्येष्ठ मास की अमावस्या को कुछ अधिक ही महत्व प्रदान किया गया है. इस दिन पितरों की पूजा की जाती है. स्नान और दान का भी इस दिन विशेष महत्व बताया गया है.

ज्येष्ठ मास शुभ मुहूर्तपंचांग के अनुसार 9 जून, बुधवार को दोपहर 1 बजकर 59  मिनट से आरंभ होगी. अमावस्या की तिथि का समापन 10 जून, गुरुवार को शाम 4 बजकर 30 मिनट पर होगा.

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