Sawan Somvar 2023: 4 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया है. सावन का महीना शिव भक्ति और उपासना के लिए सबसे खास माना गया है. सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना होता है. इस वर्ष सावन 2 महीनों का होगा और पूरे सावन में 8 सावन सोमवार व्रत रखे जाएंगे.

 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 19 वर्षों के बाद सावन के महीने में अधिकमास पड़ रहा है. सावन माह 4 जुलाई से आरंभ होकर 31अगस्त तक रहेगा. इस तरह से सावन के महीने में 59 दिन रहेंगे. 18 जुलाई से लेकर 16 अगस्त तक सावन अधिकमास या मलमास रहेगा.  श्रावण मास के दौरान अधिकमास पड़ रहा है, इसलिए उस दौरान पूजा-अर्चना करने से भगवान हरि के साथ ही भोलेनाथ की भी जमकर कृपा बरसेगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में जो व्यक्ति सच्चे मन से भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करता है उनकी सभी तरह की मनोकामनाएं जल्द ही पूरी होती हैं. सावन के महीने में किया जाने वाला उपाय बहुत विशेष होता है.

 

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि, हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत बड़ा महत्व है. इस मास में भगवान शिव की सबसे ज्यादा पूजा की जाती है.  ऐसा माना जाता है कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है.  शिव पुराण के अनुसार शंकर भगवान सावन माह में सोमवार का व्रत करने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. यही कारण है कि भक्तों को भी सावन के महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है.

 

बेहद खास है इस बार सावन

 

लेकिन, इस बार का सावन बेहद खास रहने वाला है. दरअसल, इस बार सावन का महीना 2 महीने का होने वाला है. वैदिक पंचांग की गणना सौरमास और चंद्रमास के आधार पर होती है. एक चंद्रमास 354 दिनों का होता है वहीं एक सौरमास 365 दिनों का होता है. इस तरह से इन दोनों में 11 दिन का अंतर आ जाता है. लिहाजा 3 साल में यह अंतर 33 दिन का हो जाता है. इस तरह हर तीसरे वर्ष में 33 दिनों का अतिरिक्त एक माह बन जाता है. इन 33 दिनों के समायोजन को ही अधिकमास कहा जाता है. साल 2023 में अधिकमास के दिनों का समायोजन सावन के माह में हो रहा है. इस कारण से सावन एक की बजाय दो महीने का होगा और सावन में आठ सोमवार पड़ेंगे. इस बार नए वर्ष 2023 में हिंदू कैलेंडर का 13वां महीना मिलेगा, जिसमें अधिकमास शामिल होगा. विक्रम संवत 2080 में पड़ने वाले अधिकमास के कारण सावन दो महीने का होगा। जो 59 दिन तक रहेगा. खास बात यह है कि यह संयोग 19 साल बाद बन रहा है. हर तीन साल पर एक अतिरिक्त मास होता है, जिसे अधिकमास, मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. 

 

वैदिक पंचांग की गणना में जिस महीने इन 33 दिनों का समायोजन होता है, उस माह में इनकी संख्या औसतन दोगुनी हो जाती है. इस बार साल 2023 में अधिकमास के दिनों का समायोजन भगवान शिव के प्रिय माह सावन में होगा. सावन का महीना 30 नहीं 59 दिन का होगा. सावन के महीने में 8 सावन सोमवार व्रत आएंगे. ये शुभ संयोग 19 वर्षों के बाद बना है. साल 2023 में लगभग सभी व्रत और त्योहार 15 से 20 दिनों के लिए आगे बढ़ गए हैं.

 

राशि के अनुसार इन चीजों के करें शिवलिंग पर अभिषेक


 


  • मेष राशि: सावन महीने के पहले दिन मेष राशि के जातकों को जल में गुड़ मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना लाभदायक रहेगा. इसके अलावा बेलपत्र पर सफ़ेद चंदन से राम नाम लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करने पर सभी तरह की मनोकामनाएं जल्दी पूरी होंगी.

  • वृष राशि: वृषभ राशि के जातकों पर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है. ऐसे में सावन के पहले दिन शिवलिंग पर दूध-दही से अभिषेक करना शुभ लाभकारी रहेगा. 

  • मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातक सावन के महीने में गन्ने के रस और शहद से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करेंगे तो विशेष लाभ मिलेगा.

  • कर्क राशि: कर्क राशि के जातक भगवान शिव को दूध, दही, घी, गंगाजल और मिश्री से अभिषेक करना कल्याणकारी रहेगा.

  • सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों को जल में गुड़ मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना शुभ रहेगा. इसके अलावा शुद्ध देसी घी से स्न्नान कराना भी शुभ रहेगा. 

  • कन्या राशि: कन्या राशि के जातक सावन के महीने में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। दूध,शहद,बेलपत्र,मदार के पुष्प,धतूरा और भांग अर्पित करना भी शुभ रहेगा.

  • तुला राशि: इस राशि के जातक दही,सुगंधित इत्र और गन्ने के रस से शिवलिंग को स्नान कराएंगे तो उनकी कामना भोलेनाथ शीघ्र पूरी करेंगे.

  • वृश्चिक राशि: इस राशि वाले पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक करें या फिर शिवलिंग पर तीर्थ स्थान का जल और दूध में मिश्री एवं शहद मिलाकर स्नान करा लाल चंदन से त्रिपुण्ड लगाएं.

  • धनु राशि: गाय के दूध में केसर और गुड़ मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें. अष्टगंध चन्दन लगाकर पीले पुष्प अर्पित करें.

  • मकर राशि: पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें. नारियल के जल से स्न्नान कराकर लाल,गुलाबी और नीले पुष्प अर्पित करेंगे तो लाभ मिलेगा.

  • कुंभ राशि: इस राशि वालों के लिए तिल के तेल से भगवान शिव का अभिषेक शुभ फलदायी साबित होगा. स्नान के बाद भोलेनाथ को जटा वाला नारियल अर्पित करें.
      

  • मीन राशि: दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें उसके बाद पीले चंदन का तिलक लगाकर पीले पुष्प और फल अर्पित करें.


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